भारत की शीर्ष शटलर पीवी सिंधु और साइना नेहवाल आज से शुरू होने वाली ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप में लगभग दो दशक पुराने टाइटल जिंक्स को समाप्त करने की पूरी कोशिश करेंगे। इससे पहले सिंधु और साइना के संरक्षक और वर्तमान मुख्य राष्ट्रीय कोच पी गोपीचंद 2001 में चैंपियनशिप जीतने वाले अब तक के आखिरी भारतीय थे। ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत को पहली जीत 1980 में प्रकाश पादुकोण ने दिलाई थी। इसे भारतीय बैडमिंटन इतिहास की पहली बड़ी जीत माना जाता है।
ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा पुरस्कार राशी वाला टूर्नामेंट है। इसकी पुरस्कार राशी करीब 7 करोड़ रुपए (10 लाख डॉलर) है। सिंगल्स के विजेता को करीब 50 लाख रुपए और डबल्स के विजेता को करीब 52 लाख रुपए का ईनाम मिलता है। इस बार भारत की ओर से पांच बड़े खिलाड़ी इसमें हिस्सा ले रहे हैं- पीवी सिंधु, साइना नेहवाल, किदांबी श्रीकांत, एचएस प्रणय और बी साईं प्रणीत। पांचवी वरीयता प्राप्त सिंधु भारत की टॉप सीड खिलाड़ी हैं।
साइना और सिंधु के शुरूआती मुकाबले
पांचवीं वरीयता प्राप्त ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप रजत-पदक विजेता सिंधु दक्षिण कोरिया की पूर्व नंबर 2 सूंग जी ह्यून के खिलाफ अपना पहला मैच खेलेंगी। वहीं लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना आठवीं वरीयता प्राप्त स्कॉटलैंड की क्रिस्टी गिल्मर के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगी। साइना का गिल्मर के खिलाफ 6-0 का शानदार रिकॉर्ड है, तो वहीं सिंधु का सुंग जी के खिलाफ रिकॉर्ड बहुत अच्छा नही रहा है। हालाकिं अपने पिछले 14 मुकाबलों में वे 8-6 से आगे हैं।
सुंग जी ने पिछले साल सिंधु को तीन में से दो मैचो में हराया था और अगर भारतीय इस चैंपियनशिप में कोरियाई को पहले मुकाबले में हरा देती हैं तो वह दूसरे दौर में रूसी एवगेनिया कोसेत्सेया या हांगकांग के चेउंग नगन यी के साथ भीड़ेंगी। अगर परिणाम अनुकूल रहे तो क्वार्टर फाइनल में तीसरी वरीयता प्राप्त चीनी युवा खिलाड़ी चेन युफेई के खिलाफ सिंधु की भीड़ंत होगी। 4-3 के हेड-टू-हेड रिकॉर्ड के बावजूद 2018 चाइना ओपन में सिंधु चेन से हार गई थी और उनसे सावधान रहना होगा।
सिंधु हैं तैयार
23 वर्षीय सिंधु ने कहा "प्रत्येक राउंड़ तुलनात्मक रूप से कठिन होगा और प्रत्येक अंक मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैं पहले दौर में सुंग जी ह्यून के खिलाफ खेलूगीं और मेरे लिए पहले दौर से ही ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण होगा।"
सिंधु पिछले सीजन के बाद से ही बेहतरीन फार्म में रही हैं, और सभी प्रमुख टूर्नामेंटो में रजत पदक जीते हैं। उनके अलावा केवल पूर्व विश्व नं-1 सायना एकमात्र भारतीय हैं जो 2015 में उपविजेता रहकर प्रतिष्ठित खिताब को जीतने के इतने करीब पहुंचीं थी।
साइना का साल रहा है शानदार
अनुभवी हैदराबादी खिलाड़ी साइना की साल की शुरुआत बहुत अच्छी रही, जनवरी में इंडोनेशिया मास्टर्स में खिताब जीता और भारत में हुई नेशनल चैंपियनशिप में सिंधु को हराकर वह खिताब भी अपने नाम किया। 17 मार्च को 29 साल की होने वाली साइना का सामना डेनमार्क की लाइन होजमार्क कैजर्सफेल्ट या चीन की कै यैनयैन से होगा यदि वह पहले दौर में जीत हासिल करती हैं।
पुरुषों के मैच
पुरुषों की स्पर्धा में, श्रीकांत शुरुआती दौर में फ्रांस के ब्राइस लीवरडेज़ से भिड़ेंगे, जबकि इन-फॉर्म समीर वर्मा डेनमार्क के पूर्व विश्व चैंपियन और दुनिया के नंबर-1 विक्टर एक्सेलसेन के खिलाफ शुरुआत करेंगे। पिछले खराब साल के बाद, श्रीकांत ने मलेशिया और इंडोनेशिया में एक अच्छा खेल दिखाया और क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे। समीर, जो वर्ल्ड टूर फ़ाइनल के नॉकआउट चरण में पहुँच चुके थे, सीज़न का अपना पहला बीडब्ल्यूएफ इवेंट खेलेंगे। अन्य लोगों में, बी साई प्रणीत और एचएस प्रणय शुरुआती दौर में एक-दूसरे से भिड़ेंगे।