जोकोविक ने अभी फ्रेंच ओपन जीतकर कैरियर ग्रैंड स्लैम हासिल करने वाले दुनिया के आठवें खिलाड़ी बने हैं। अब उनके पास कैलेंडर ईयर ग्रैंड स्लैम, कैरियर गोल्डन ग्रैंड स्लैम और गोल्डन स्लैम हासिल करने का सुनहरा मौका है। अगर वह ऐसा कर पाए तो वह फेडरर, नडाल से भी आगे हो जाएंगे। स्विटजरलैंड के आल टाइम ग्रेट रोजर फेडरर ने 17 ग्रैंड स्लैम जीते हैं। स्पेन के आक्रामक राफेल नडाल ने 14 खिताब जीते हैं। दोनों ने अब तक इस तरह की कामयाबी हासिल नहीं कर पाई है। 12 ग्रैंड स्लैम जीत चुके जोकोविक जिस तरह से अभी खेल रहे हैं, उससे लगता है कि वह इन उपलब्धियों को हासिल कर सकते हैं। पेरिस में उन्होंने खिताबी जीत के बाद कहा है कि एक आदमी के लिए सब कुछ संभव है। उनके इस शांत विश्वास से से तो यही झलक रहा है कि अब वो इस सुनहरी कामयाबी को पाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। आज का लॉन टेनिस पावर के साथ मेंटल गेम हो गया है। चैंपियन फेडरर पर इसी थीम पर चलते हुए आक्रामक नडाल ने जीत पाई। फेडरर अभी तक नडाल को अब तक का सबसे आक्रामक योद़धा मानते हैं। जोकोविक से हालांकि वह लगातार तीन फाइनल हारे हैं लेकिन वो अभी भी कहते हैं कि वह नडाल को हराना सबसे कठिन चैलेंज मानते हैं। 2008 विंबलडन में नडाल ने मैराथन फाइनल में फेडरर को मात दी थी। तब से वह दिमागी तौर पर नडाल के सामने कमजाेेर हो गए और उनसे लगातार कई मैच हारे। ठीक इसी तरह नडाल पर जोकोविक ने वर्चस्व स्थापित किया। जोकोविक ने नडाल को तीन लगातार ग्रैंड स्लैम फाइनल में करारी मात दी।जोकोविक की ताकत के सामने नडाल ऐसे पस्त हो गए कि आज प्रतियोगी टेनिस की रेस से लगभग बाहर हो चुके हैं। एक समय ऐसा आ गया था कि टेनिस प्रेमियों को लग रहा था कि नडाल फेडरर को पीछे छोड़ देंगे पर आक्रामक और सधी टेनिस के साथ जोकोविक नडाल की राह में आ गए। आलम अब यह है कि पिछले पांच में से चार ग्रैंड स्लैम जीत चुके जोकोविक नडाल की खिताबी संख्या के काफी नजदीक पहुंच गए हैं।
कभी फेडरर से आगे होने का सपना संजाेने वाले नडाल को अब जोकोविक को अपने से आगे जाने से रोकना होगा। नडाल के खेल को देखकर लग रहा है कि वह बुरी तरह थक चुके हैं। उनका शरीर अब आक्रामक टेनिस खेलने लायक नहीं रहा। नडाल आक्रामक टेनिस के आदी रहे हैं। सॉफ़ट और टेक्निक के साथ टेनिस खेलने वाले फेडरर को नडाल ने इसी राह पर चलकर मात दी। लेकिन सच यह है कि अब वह चैंपियन नहीं रहे। लिहाजा वह जोकोविक के सामने कड़ी चुनौती नहीं पेश कर पाएंगे। इस तरह फेबुलस फोर के एक और स्तंभ मरे से ही जोकोविक को चुनौती मिल सकती है। 29 साल के मरे भी अभी तगड़ी टेनिस खेल रहे हैं। लिहाजा जोकोविक और मरे पर ही बात की जाए ताे ज्यादा प्रासंगिक होगा। मरे ने महज अभी तक दो ग्रैंड स्लैम खिताब ही जीतेे हैं। फाइनल और सेमीफाइनल में उन्हें बहुत बार हार का सामना करना पड़ा है। इस खीझ से वह निसंदेह जोकोविक को परेशान करेंगे लेकिन नडाल-फेडरर, जोकोविक-नडाल की जंग की तरह खुद जोकाेविक के समक्ष तगड़े दावेदार पेश होंंगे, इस पर संदेह है। मतलब वह जोकोविक पर मेंटल जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाएंगे। वजह यह है कि वह जोकोविक के मुकाबले श्ाारीरिक रुप से ज्यादा ठोस नहीं है। कोर्ट पर पाॅॅवर के साथ उनकी चपलता जोकोविक के मुकाबले कम है। स्टेमिना में भी पीछे हैं। ग्राउंड रैली में वह हल्के शॉट से नेट पर गेंद मार कर रोमांचक क्षणों में मैच में पीछे हो जाते हैं। चैलेंजिंग समय पर धारदार सर्विस नहीं कर पाते हैं। जबकि जोकोविक यह सब सटीक ढंग से करते हैं। रोमांचक दौर में तो वह और रोबीले हो जाते हैं। मरे ने जो दो ग्रैंड स्लैम जीते हैंं वह जोकोविक को हराकर ही जीतेे हैं। 2013 विंबलडन और अमेरिकी ओपन में मरे ने जोकोविक को मात दी है। विंबलडन में जोकोविक को हराकर उन्होंने 1936 के फ्रेड पैरी के बाद कोई ग्रैंड स्लैम जीतने वाले पहले ब्रिटिश खिलाड़ी बने थे।
अब वही विंबलडन में वह जोकोविक को रोक कर उनके कई सुनहरेे दावों पर पानी फेरने का दम भर रहे हैं। लेंडल उनका साथ दे रहे हैं। देेखिए क्या होता है। पिछले एक साल में उन्होंने जोकोविक के खिलाफ जो बड़े मुकाबले खेले हैं, उनमें जोकोविक ही ज्यादा धारदार नजर आए हैं। जोकोविक नेे विंबलडन में लगातार पिछले दो साल से जीत हासिल की है। दोनोंं बार उन्होंंने फेडरर को मात दी है। मरे जोकोविक से पिछले 15 में से 13 मैच हारे हैं। जोकोविक से इस साल ऑस्ट्रेलियन और फ्रेंच ओपन फाइनल में उन्हें हार मिली है। फेडरर के कोच स्टीफन एडबर्ग हैंं। जोकोविक के कोच बोरिस बेकर हैं। इसी तरह मरे को भी इवान लेंडल का साथ मिल रहा है। मरे पिछले चारों ग्रैंड स्लैम फाइनल खेेले हैं। वहीं जोकोविक पिछले पांच ग्रैंड स्लैम में चार में जीत हासिल की है। डायग्नाल रिटर्न, ग्राउंड विनर्स, बेस लाइन पर अटैक, लंबी रैली पर बेहतर पकड़ तथा टाई ब्रेकर पर अन्य खिलाड़ियों से अधिक मजबूत होना जोकोविक की खास विशेषता है। कहा गया है कि चैंपियन जब शबाब पर आ जाता है तो उसे रोकना और उस पर विजय पाना संंभव ही नहीं। अगर मरे ने विंबलडन में जोकोविक को थाम लिया तो चार, पांच और ग्रैंड स्लैम जीतकर वह जोकोविक की राह में बाधा खड़ी कर सकते हैं। ठीक वैसे ही जैसे जोकोविक ने नडाल को रोककर फेडरर को खिताबों की संख्या पर आगे ही रहने दिया। मतलब इन फेबुलस फोर में हारे और जीते कोई फेडरर का 17 ग्रैंड स्लैम का रिकार्ड सुरक्षित रहेगा। फेडरर अभी खेल भी रहे हैं। वह बड़े चैंपियन हैं। उनके खेलते रहने से संभावना तो है कि वह एक, दो खिताब और जीत जाएंं। अगर वह एेेसा कर सके तो 20 ग्रैंड स्लैम का रिकार्ड टूटने में लंबा वक्त लगेेगा।
ग्रैंड स्लैम को समझें
आॅॅस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन, विंबलडन और अमेरिकी ओपन साल के चार ग्रैंड स्लैम हैं। ऑस्ट्रेलियन ओपन जनवरी में मेलबर्न में, फ्रेंच ओपन पेरिस में मई-जून में, विबंलडन जून-जुुलाई में लंदन में तथा अमेरिकी ओपन न्यूयार्क में अगस्त-सितंबर में खेला जाता है। कोई खिलाड़ी कैरियर में चारों ग्रैंड स्लैम जीत ले तो वह कैरियर ग्रैंड स्लैम कहलता है। एक साल में यह चारों खिताब जीत ले तो वह कैलेंडर ईयर ग्रैंड स्लैम कहलाता है। कैरियर में चारो ग्रैंड स्लैम जीतने के साथ अगर वह ओलंपिक गोल्ड मेडल जीत लेता है तो वह कैरियर गोल्डन स्लैम कहलाता है। एक साल में चारों ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने के साथ साथ उसी साल ओलंपिक का गोल्ड मेडल भी जीत ले तो वह गोल्डन स्लैम कहलाता है। जो टेनिस की सबसे सुनहरी कामयाबी है। जोकोविच अभी इन सभी उपलब्धियों की राह पर हैं। कैरियर गोलडन स्लैम 19 खिलाड़ियों ने हासिल किया है। जिनमें चार सिंगल खिलाड़ी है। जर्मनी की स्टेफी ग्राफ, अमेरिका की सेरेना विलियम्स, अमेरिका के आंद्रे अगासी और स्पेन के राफेल नडाल ने यह कमाल किया है। नडाल ने 1988 में ओलंपिक मेडल जीता था।
जानिए, कितनों ने हासिल किया कैलेंडर ईयर ग्रैंड स्लैम
कैलेंडर ईयर ग्रैंड स्लैम यानी एक साल मेंं चारो खिताब जीतना। यह उपलब्धि अब तक पांच खिलाड़ियों ने हासिल की है। अमेरिका के डान बज ने 1938 में तथा अमेरिका की ही मौरिन कोनोली ने 1953 में ऐसी जीत हासिल की। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के राड लेवर ने 1962 में तथा 1970 में ऑस्ट्रेलिया की ही मार्गेट कोर्ट ने यह उपलब्धि पाई।
स्टेफी ग्राफ का गोल्डन स्लैम
1928 से 1984 तक ओलंपिक में टेनिस नहीं खेला गया। 1968 और 1984 में इसके प्रदर्शन मैच भर हुए थे। 1988 में टेनिस ओलंपिक में शामिल हुआ और इसी साल उन्होंने चारो ग्रैंड स्लैम जीतने के साथ ओलंपिक में भी गोल्ड मेेडल हासिल कर गोल्डन स्लैम की कामयाबी पा ली। ऐसा करने वाले स्टेफी ग्राफ दुनिया की एक मात्र टेनिस खिलाड़ी हैं।