विश्व के नंबर एक भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने रूस के कपिस्की में खेले गए अली एलिएव टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीत लिया है। बजरंग ने रूस के 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल भारवर्ग में स्थानीय खिलाड़ी विक्टर रासाडिन को 13-8 से हराया। बजरंग का यह एक हफ्ते में ही दूसरा गोल्ड है। इससे पहले उन्होंने पिछले सप्ताह चीन में खेली एशियाई चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
अमरीका में कुश्ती करने वाले पहले भारतीय
बजरंग अब यहां से अमेरिका जाएंगे, जहां उनका छह मई को न्यूयॉर्क के मेडिसन स्क्वायर पर मुकाबला होगा। यहां उनका सामना अमेरिका को दो बार के राष्ट्रीय विजेता यियानी डिएकोमाहिल्स से होगा। बजरंग पहले भारतीय हैं जो मेडिसन स्क्वेयर गार्डन फाइट करते नजर आएंगे। अमेरिकी कुश्ती संघ ने बजरंग को मैडिसन स्क्वेयर गार्डन मे लड़ने के लिए आमंत्रित किया है। इस मुकाबले को 'ग्रेपल एट द गार्डन- बीट द स्ट्रीट्स' नाम दिया गया है।
तीन सप्ताह में तीन अलग-अलग महाद्वीपों में की कुश्ती
जीत के बाद बजरंग ने कहा कि मुझे लगता है कि मैं तीन सप्ताह में तीन अलग-अलग महाद्वीपों में प्रतिस्पर्धा कर रहा हूं, यह अपने आप में एक अविश्वसनीय उपलब्धि है और इस अवधि के दौरान मुझे जो भी समर्थन मिला है, उसके लिए मैं आभारी हूं। मेरा विश्वास था कि मैं इन प्रतियोगिताओं में अच्छा कर सकता हूं और अब तक के मेरे प्रदर्शन से मैं बहुत खुश हूं। मैं अब मैडिसन स्क्वायर गार्डन में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं और आने वाले टूर्नामेंटों में देश की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा।
फेडरेशन ने की बजरंग को खेल रत्न देने की सिफारिश
इससे पहले पुनिया 2014 एशियन गेम्स में सिल्वर और 2018 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने बजरंग पुनिया को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार देने की सिफारिश की है। इनके अलावा फेडरेशन ने महिला पहलवान विनेश फोगाट का नाम भी खेल मंत्रालय को खेल रत्न के लिए भेजा है। पिछले साल रेसलर बजरंग पुनिया ने देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार के लिए खुद को नजरअंदाज किए जाने को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी और अदालत जाने की धमकी भी दी थी। हालांकि, अपने गुरु योगेश्वर दत्त के समझाने और खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से मिलने के बाद उन्होंने अपना इरादा बदल दिया था।