मनोज ने ताजिकिस्तान के राखिमोव शवकात्जोन को क्वार्टरफाइनल में 3 -0 से पराजित किया। अब वह शुक्रवार को होने वाले सेमीफाइनल में ब्रिटेन के यूरोपीय चैम्पियन पैट मैकोरमैक से भिड़ेंगे जिन्होंने क्वार्टरफाइनल में फ्रांस के एमजीले हसन को शिकस्त दी थी। मनोज ने कहा, भारतीय मुक्केबाजी के हालात जिस तरह के हैं, उसे देखते हुए मैं राहत महसूस कर रहा हूं कि मैंने रियो ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई कर लिया है। टीम पर काफी दबाव था और मुझे खुशी है कि मैंने अच्छा प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा, मैं कोचों, खेल मंत्रालय, राष्ट्रीय कोचिंग स्टाफ, भारतीय खेल प्राधिकरण और अपने निजी कोच व बड़े भाई राजेश का शुक्रिया अदा करता हूं। उनके प्रयासों ने मुझे यहां तक पहुंचने में मदद की। राष्ट्रीय कोच गुरबक्श सिंह संधू ने मनोज के प्रदर्शन को दबदबे भरा करार किया। संधू ने कहा, मनोज ने सभी तीनों राउंड में दबदबा बनाया और दिमाग से मुक्केबाजी करते हुए जीत दर्ज की तथा ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई किया। एशियाई चैम्पियनशिप के पूर्व कांस्य पदकधारी मनोज ने 2012 लंदन ओलंपिक खेलों में भी शिरकत की थी लेकिन वह क्वार्टरफाइनल में हार गये थे। मनोज से पहले शिव थापा (56 किग्रा) ने मार्च में चीन में हुए एशियन क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के जरिये रियो खेलों के लिये क्वालीफाई किया था।