रियो ओलंपिक के व्यक्तिगत वॉल्ट स्पर्धा में चौथे स्थान पर आकर अपने प्रदर्शन से सबका दिल जीत लेने वाली दीपा का आज स्वदेश लौटने पर भव्य स्वागत किया गया। ओलंपिक में दीपा चौथे स्थान पर रही थीं जो किसी भी अंतरराष्ट्रीय जिमनास्टिक प्रतियोगिता में भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। त्रिपुरा की 23 वर्षीय खिलाड़ी 0.15 अंकों से ओलंपिक पदक से चूक गईं थी जबकि उन्होंने खतरनाक प्रोडुनोवा में अच्छा प्रदर्शन किया था। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद दीपा ने कहा, मैं सभी भारतीयों का आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने मेरे लिए दुआ की। मैं खुश हूं लेकिन यदि मैं देश के लिए पदक जीत लेती तो मुझे और खुशी होती क्योंकि मैं केवल 0.15 सेकेंड से पदक से चूक गई। उन्होंने कहा, उम्मीद है कि आगे बेहतर चीजें होंगे। स्वदेश में मेरे प्रदर्शन को लेकर जो उत्साह बना मैं उससे अनभिज्ञ थी। मुझे खेद है कि मैं पदक नहीं जीत पाई लेकिन अगली बार जरूर कोशिश करूंगी।
दीपा ने अपने कोच बिश्वेश्वर नंदी का आभार व्यक्त किया जिन्हें प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। उन्होंने कहा, मैं अपने कोच की बहुत आभारी हूं। खेल रत्न पुरस्कार के लिए चुना जाना शानदार है लेकिन यदि पदक जीतने के बाद मुझे यह पुरस्कार मिलता तो बहुत अच्छा लगता। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि मेरे कोच बिश्वेश्वर नंदी को द्रोणाचार्य पुरस्कर मिल रहा है। वह पिछले 16 साल से हमारे साथ हैं और मुझसे भी अधिक हकदार हैं। अपने प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा, मैं जानती थी कि मैं सातवें, आठवें स्थान पर पहुंच सकती हूं लेकिन मैंने कभी चौथे स्थान के बारे में नहीं सोचा था। मैं बहुत खुश हूं।