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आईपीएलः मुंबई इंडियंस ने इतिहास दोहराया

सन 2013 में आईपीएल के छठे सीजन में कोलकाता के इडेन गार्डेन मैदान पर ही मुंबई इंडियंस ने चेन्नई सुपरकिंग्स को 23 रन से हराकर पहली बार चैंपियनशिप जीतने का स्वाद चखा था। आईपीएल-8 के फाइनल में उसने एक बार फिर इसी मैदान पर चेन्नई को 44 रन से हराकर दूसरी बार यह खिताब अपने नाम कर लिया। मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा की तारीफ करनी होगी कि पूरे आईपीएल सीजन में ही नहीं, देश के सबसे सफल कप्तान के समक्ष भी उनकी रणनीति कामयाब रही। चेन्नई सुपरकिंग्स को 44 रन से हराने में अहम भागीदारी निभाने और तेजी से अर्धशतक बनाने के लिए कप्तान रोहित शर्मा को मैन आॅफ द मैच चुना गया।
आईपीएलः मुंबई इंडियंस ने इतिहास दोहराया


चेन्नई सुपरकिंग्स ने टाॅप जीतने के बावजूद पहले गेंदबाजी का फैसला कर सबको सकते में डाल दिया क्योंकि आईपीएल के अब तक ज्यादातर मैच पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ही जीतती आई थी। मुंबई इंडियंस ने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया। पहले ही ओवर में सलामी बल्लेबाज पार्थिव पटेल (0) के रन आउट होने के बाद भी दूसरे छोर पर लेंडल सीमंस को कोई फर्क नहीं पड़ा। सीमंस (45 गेंद पर 68 रन) ने कप्तान रोहित शर्मा (26 गेंद पर 50 रन) के साथ मिलकर 119 रन की एक बड़ी साझेदारी निभाई। रोहित शर्मा छह चैके और दो छक्के की मदद से 50 रन बनाकर ब्रावो की गेंद पर रवींद्र जडेजा को कैच थमा बैठे। इसके अगले ओवर की पहली ही गेंद पर सीमंस भी चलते बने। लेकिन केरेन पोलार्ड (18 गेंद पर 36 रन) और अंबाती रायडू (24 गेंद पर 36 रन) ने तेजी से रन बटोरते हुए टीम को अच्छा फिनिशिंग टच दिया। पूरी टीम ने मिलकर पांच विकेट पर 202 रन का पहाड़ सा स्कोर खड़ा कर दिया। चेन्नई के सभी गेंदबाजों ने भी खूब रन लुटाए। सिर्फ ब्रावो के खाते में दो विकेट और मोहित शर्मा तथा स्मिथ के खाते में 1-1 विकेट जुड़े। स्मिथ ने 8.50 रन प्रति ओवर की सबसे किफायती गेंदबाजी की जबकि ब्रावो और पवन नेगी का रन औसत 9.00 रन प्रति ओवर रहा।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई की टीम शुरू से ही दबाव में नजर आई। हालांकि सलामी बल्लेबाज स्मिथ ने 48 गेंद खेलकर 57 रन जरूर बनाए लेकिन उनके जोड़ीदार माइकल हसी 4 रन बनाकर ही चलते बने। दोनों बल्लेबाज अपनी आक्रामक शैली के विपरीत खेलते नजर आए। चेन्नई जब 88 रन पर थी तो स्मिथ के आउट हो गए। इसके बाद तो हर 10 रन पर विकेट गिरते चले गए क्योंकि वांछित रन रेट 10 से आगे बढ़ता जा रहा था। रैना (19 गेंद पर 28) ने स्थिति संभालने की जैसे ही कोशिश की, वह भी कुल 99 रन के स्कोर पर पवेलियन लौट गए। अब पूरी उम्मीद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और ड्वेन ब्रावो पर आ टिकी थी। ब्रावो (6 गेंद पर 9 रन) ज्यादा देर तक उनका साथ नहीं निभा पाए और टीम के 104 स्कोर पर वह भी मैकक्लेनगन की गेंद पर सीमंस को कैच थमा बैठे। धोनी ने एक चैके और एक छक्के की मदद से 13 गेंद पर 18 रन बनाए। मलिंगा की गेंद पर धोनी के आउट होते ही विशाल लक्ष्य का पीछा करने की कोशिश में पतझड़ के पत्तों की तरह एक-एक कर आठ खिलाड़ी पवेलियन में जमा हो गए और टीम का स्कोर 161 रन तक ही पहुंच पाया। मैक्लेनगन ने तीन विकेट लिए जबकि मलिंगा और हरभजन सिंह ने दो-दो विकेट लिए। विनय कुमार को एक विकेट मिला।

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