नई दिल्ली। अब बिल्कुल साफ हो गया है कि भारत 2024 के ओलंपिक खेलों की मेजबानी नहीं करेगा। इसके लिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को कोई प्रस्ताव भी नहीं भेजा है। इस तरह ओलंपिक के भारत में आयोजन की अटकलों पर पूरी तरह विराम लग गया है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने भारत की ओलंपिक मेजबानी संबंधी खबरों पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा सोचना भी भारत के लिए अभी बहुत जल्दबाजी है। उन्होंने कहा कि ओलंंपिक से भारत का निलंबन खत्म हुए अभी एक साल हुआ है और फिलहाल भारतीय ओलंपिक संघ को अपने पैरों पर खड़ा होने की जरूरत है। भारत की ओर से ओलंपिक की मेजबानी की खबरें सुनकर उन्हें बहुत हैरानी हुई है।
भारत में खेलों के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठाते हुए बाक ने कहा कि भारत को अभी एथलेटिक्स तैयार करने हैं। रियो ओलंपिक में मजबूत टीम भेजने के लिए पहले खुद को ही एकजुट करना है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद आईओसी अध्यक्ष ने भरोसा दिलाया कि भारत के लिए मेजबानी के दरवाजे हमेशा खुले हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी भविष्य में ओलंपिक मेजबानी की उम्मीदवारी को लेकर काफी गंभीर हैं। लेकिन वह चाहते हैं कि भारत इसके लिए पूरी तरह तैयार हो जाए। इस मौके पर भारत सरकार, भारतीय ओलंंपिक संघ और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता भी हुआ है। इसके तहत आईओसी भारत में खेलों को बढ़ावा देने के लिए मदद करेगा। गौरतलब है कि पिछले साल ही भारतीय ओलंपिक संघ का आईओसी से निलंबन खत्म हुआ है। भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों के चलते आईओसी ने भारत को अपनी सदस्यता से निलंबित कर दिया था।