कविंदर सिंह बिष्ट (56 किलो) ने मौजूदा विश्व चैम्पियन कैराट येरालियेव को हराकर एशियाई चैम्पियनशिप में पहला पदक पक्का कर लिया जबकि सोनिया चहल (57 किलो) भी अंतिम चार में पहुंच गई ।
दीपक सिंह (49 किलो) ने भी बनाई सेमीफाइनल में जगह
बिष्ट ने बंटे हुए फैसले पर कजाखस्तान के येरालियेव को हराया। वहीं विश्व चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता सोनिया (57 किलो) ने कोरिया की जो सोन वा को मात दी। राष्ट्रीय चैम्पियन दीपक सिंह (49 किलो) ने भी सेमीफाइनल में जगह बना ली जिन्हें अफगानिस्तान के रामिश रहमानी ने वाकओवर दिया। विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) को विश्व चैम्पियन ताइवान के चेन निएन चिन ने मात दी।
येरालिएव बिष्ट के मुकाबले तेज होने के बावजूद हारे
लेकिन सुबह के सत्र का मुख्य आकर्षण बिष्ट ही थे, जिन्होने ने हाल ही में फिनलैंड में जीबी टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक भी जीता था। उत्तराखंड के मुक्केबाज ने कड़े प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ जबरदस्त संघर्ष दिखाया। येरालिएव ने तीन मिनट के बाउट में बिष्ट को एक ड्रॉ में फंसाने में कामयाबी हासिल की लेकिन भारतीय मुक्केबाज ने अगले दो राउंड में बेहतरीन वापसी करते हुए कड़ी टक्कर दी। बिष्ट ज्यादातर एक शेल गार्ड के साथ लड़े और येरालिएव के अथक हमलों को विफल करने में कामयाब रहे।
दूसरे दौर तक येरालिएव जो दो बार कांस्य पदक विजेता है, ने अपना गार्ड गिरा दिया था। हालाँकि, येरालिएव दोनों में से तेज लग रहा था, लेकिन बिष्ट उसे काफी आराम से चकमा देने में कामयाब रहे। येरलियेव पिछले साल एशियाई खेलों से भी कांस्य पदक विजेता थे।
सोनिया ने भी एक कड़ा मुकाबला जीता
सोनिया ने भी जो सोन वा के खिलाफ एक कड़ा मुक्केबाज़ी मुकाबला खेला और जीत कर बाहर आई। हरियाणा के तेज-तर्रार मुक्केबाज ने अपनी रोमांचक जीत में कुछ क्लीन जैब्स भी मारे। हालांकि, यह बोर्गोहिन के लिए पहली मिली एक समान हार जैसा ही था, वह उस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ थी, जिसने उसे कुछ महीने पहले विश्व सेमीफाइनल में उन्हे हराया था। मंच अलग था लेकिन नतीजा वही था। चेन शुरू से अंत तक बाउट में बोर्गोहिन पर हावी रही और 5-0 से मैच अपने नाम किया।