सानिया और हिंगिस की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी ने खराब शुरूआत से उबरकर एकटेरिना मकारोवा और इलेना वेसनिना की दूसरी वरीयता प्राप्त रूसी जोड़ी को 7-5, 6-1 से पराजित किया। सानिया और हिंगिस पहले सेट में एक समय में 2-5 से पीछे चल रही थीं लेकिन इसके बाद उन्होंने शानदार वापसी की और लगातार आठ गेम जीतकर पहला सेट अपने नाम किया।
दोनों ने इंडियन वेल्स के रूप में साथ में पहला खिताब भी रूस की इसी जोड़ी को हराकर जीता था। सानिया और हिंगिस ने जब से जोड़ी बनाई है तब से एक भी सेट नहीं गंवाया है। सानिया ने मैच के बाद कहा, ‘हम एक-दूसरे से यही कहने की कोशिश करते हैं कि संघर्ष का लुत्फ उठाओ। पिछले सप्ताह हमारे लिए सब कुछ आसान रहा। हमने एक सेट में चार से अधिक गेम नहीं गंवाए। यहां हम पीछे चल रहे थे और हम थोड़ा सा सहम गए थे। यह इस तरह से था कि ओ माई गॉड, हम अच्छा नहीं खेल रहे हैं। हमें अभी तक इसकी आदत नहीं थी।’ हिंगिस ने जीत का श्रेय मैच के दौरान सानिया के पिता इमरान मिर्जा से मिले टिप्स को दिया।
उन्होंने सानिया से कहा, ‘आज वास्तव में कोचिंग ने पूरा पासा पलटा। आपके पापा कोर्ट पर आए। सबसे अहम बात यह रही कि हमने किसी भी यह समय यह सोचना बंद नहीं किया कि हमारी जोड़ी सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन कर हमें 5-2 से पीछे कर दिया था।’
अपने करिअर का 43वां युगल खिताब जीतने वाली हिंगिस ने कहा, ‘हमने इसके बाद मैच में बने रहने और मौके तलाशने पर ध्यान दिया। हमने पिछले सप्ताह की तरह प्रत्येक अंक पर ध्यान देकर मजबूती हासिल की।’ इस जीत से सानिया और हिंगिस रोड टु सिंगापुर युगल तालिका में नौवें से तीसरे नंबर पर पहुंच जाएंगी। जहां तक व्यक्तिगत युगल रैंकिंग का सवाल है तो सानिया विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनने से केवल 145 अंक पीछे हैं।