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पीवी सिंधु ने लगातार तीसरी बार जीता मकाउ ओपन खिताब

भारतीय स्टार शटलर पी वी सिंधु ने आज महिला एकल फाइनल में जापान की मिनात्सु मितानी को हराकर मकाउ ओपन ग्रांड प्रीक्स गोल्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट को लगातार तीसरी बार जीत लिया है। सिंधु ने 120,000 डॉलर इनामी राशि वाले टूर्नामेंट को जीतकर खिताबी हैट्रिक पूरी की।
पीवी सिंधु ने लगातार तीसरी बार जीता मकाउ ओपन खिताब

मैच के दौरान सिंधु ने दबदबे वाला प्रदर्शन किया और एक घंटे छह मिनट तक चले मैच में छठी वरीयता प्राप्त मितानी को 21-9 21-23 21-14 से हरा दिया। विश्व में 12वें नंबर की भारतीय खिलाड़ी ने कुछ बेहतरीन स्ट्रोक लगाए और अपने रिटर्न से जापानी खिलाड़ी को परेशान किये रखा। इसके अलावा उन्होंने बेसलाइन पर अपने सही आकलन से भी अंक बनाए। मितानी पूरे मैच में शटल को कोर्ट के अंदर रखने के लिए संघर्ष करते हुए नजर आईं।सिंधु ने शुरू से ही खेल पर दबदबा बना दिया और मितानी की गलतियों का पूरा फायदा उठाकर उन्होंने पहले गेम में ब्रेक तक 11-5 से बढ़त हासिल कर ली। मितानी ने आक्रामकता तो दिखाई लेकिन वह अपनी गलतियों पर काबू नहीं कर पाईं और उनके अधिकतर रिटर्न बाहर गए जिसका लाभ उठाते हुए सिंधु ने जल्द ही 17-6 से बढ़त बना ली। दूसरी तरफ सिंधु के अधिकतर स्मैश और डाप सटीक थे और उन्होंने 19-9 की बढ़त हासिल कर ली। उन्होंने अपने रिटर्न से भी मितानी को परेशान किया और स्मैश जमाकर गेम प्वाइंट तक पहुंची। इसके बाद जापानी खिलाड़ी का शॉट बाहर चला गया जिससे सिंधु ने पहला गेम अपने नाम किया।

 

दूसरे गेम में सिंधु ने फिर से विश्वसनीय शुरूआत की लेकिन इसके बाद वह भी लाइन का ध्यान नहीं रख पाईं और मितानी ने 4-2 की बढ़त बना ली। भारतीय खिलाड़ी ने अपनी गलतियों पर ध्यान दिया और फिर 7-4 से बढ़त हासिल कर ली। सिंधु ने हालांकि बेसलाइन पर कुछ गलत अनुमान लगाए और मितानी को आगे निकलने का मौका दिया। जब स्कोर 10-9 था तो मितानी ने क्रास कोर्ट स्मैश से पहला विनर जमाया और उन्होंने ब्रेक तक दो अंक की बढ़त हासिल कर ली। मितानी ने इसके बाद सर्विस की गलती से शुरूआत की लेकिन वह जल्द ही संभल गयी। भारतीय खिलाड़ी ने भी हालांकि बराबर की टक्कर दी और स्कोर 16-16 से बराबर कर दिया। दोनों खिलाड़ी 19-19 तक बराबरी पर पहुंची लेकिन सिंधु लाइन पर अच्छा अनुमान लगाकर मैच प्वाइंट तक पहुंच गईं पर अगले क्षण उन्होंने शटल बाहर मार दी। नेट पर खूबसूरती से वह फिर से अंक हासिल करके 21-20 से मैच प्वाइंट तक पहुंची लेकिन मितानी ने फिर से उसे बचा दिया। सिंधु का अगला शॉट बाहर चला गया और भारतीय खिलाड़ी ने अगली बार शटल नेट पर मार दी जिसका मितानी ने पूरा फायदा उठाया।

 

सिंधु ने तीसरे और निर्णायक गेम में जल्द ही 5-3 की बढ़त हासिल कर ली। मितानी फिर से शटल का सही अनुमान नहीं लगा पा रही थी और उनके रिटर्न भी अच्छे नहीं थे जिससे सिंधु को 9-4 से बढ़त बनाने में मदद मिली। इन दोनों ने क्रास कोर्ट स्ट्रोक्स पर लंबी रैलियां खेलीं। एक अवसर पर मितानी ने तेजी से नेट की तरफ बढ़कर अंक हासिल किया लेकिन सिंधु ने ब्रेक तक खुद को 11-7 से आगे रखा। ब्रेक के बाद सिंधु ने अगले आठ में से छह अंक हासिल किए और फिर जल्द ही 20-11 से मैच प्वाइंट पर पहुंच गईं। जापानी खिलाड़ी ने तीन मैच प्वाइंट बचाए लेकिन सिंधु ने किसी तरह की घबराहट नहीं दिखाई और मितानी से गलती का इंतजार किया। मितानी ने जल्द ही शटल बाहर मार दी और सिंधु खिताबी हैटिक पूरी करने में सफल रही।

 

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