इंग्लैंड के आलराउंडर बेन स्टोक्स ने जोर देते हुए कहा है कि लगातार दो मैचों में हार के बावजूद उनकी की टीम की पहला विश्व कप जीतने की उम्मीद नहीं टूटी है। विश्व कप अभियान की अच्छी शुरुआत करने के बावजूद इंग्लैंड पिछले दो मैचों में श्रीलंका (20 रन) और आस्ट्रेलिया (64 रन) के खिलाफ हार के साथ मुश्किल स्थिति में घिर गया है।
फिंच रहे जीत के सूत्रधार
मंगलवार को लंदन में खेले गए ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के मुकाबले में कप्तान एरॉन फिंच की एक और शतकीय पारी और जैसन बेरहनडोर्फ ने पांच विकेट के कारनामे की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 64 रन से जीत दर्ज विश्व कप सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली है। इस बीच इंग्लैंड की एक और हार ने उसे संकट के गहरे गर्त में डुबो दिया है। फिंच (116 गेंदों पर 100) और डेविड वॉर्नर (61 गेंदों पर 53 रन) से मिली अच्छी शुरुआत से ऑस्ट्रेलिया ने सात विकेट पर 285 रन बनाए। इसके बाद भी सिर्फ बेन स्टोक्स (115 गेंदों पर 89 रन) ही डटकर खेल पाए लेकिन उन्हें किसी भी दूसरे बल्लेबाज का साथ नहीं मिला और इंग्लैंड 44.4 ओवर में 221 रन पर सिमट गया।
प्रशंसकों के लिए चाहेंगे जीतना
इंग्लैंड की टीम सात मैचों में आठ अंक के साथ 10 टीमों की तालिका में चौथे स्थान पर है। मेजबान टीम को अब 30 जून को भारत जबकि तीन जुलाई को न्यूजीलैंड के खिलाफ दो मुश्किल मैच खेलने हैं। स्टोक्स ने मंगलवार को आस्ट्रेलिया के खिलाफ हार के बाद कहा कि यह हमारा विश्व कप है। पिछले चार साल में हमें शानदार समर्थन मिला और हमें पता है कि विश्व कप प्रशंसकों के लिए क्या मायने रखता है और खिलाड़ी के रूप में हमें भी यह पता है। एक क्रिकेटर के रूप में विश्व कप में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना बेहतरीन समय है।
हम पीछे नहीं हटने वाले
उन्होंने कहा कि लेकिन हम पीछे नहीं हटने वाले और जैसा कि मैंने कहा ही है यह हमारा विश्व कप है। श्रीलंका और आस्ट्रेलिया दोनों टीमों के खिलाफ हार के दौरान स्टोक्स ने प्रभावी पारियां खेली और इंग्लैंड की उम्मीदें बनाए रखी थी। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 82 जबकि आस्ट्रेलिया के खिलाफ 89 रन बनाए।
इंग्लैंड को अपने बचे दोनों लीग मैच जीतने होंगे
स्टोक्स ने कहा कि मुझे लगता है कि हारना थोड़ा निराशाजनक है। प्रत्येक खिलाड़ी मैदान पर उतरकर टीम की जीत में योगदान देना चाहता था। रन बनाना और विकेट हासिल करना हमेशा। अच्छा लगता है लेकिन जब आप टीम को जीत नहीं दिला पाते तो यह कोई मायने नहीं रखता। श्रीलंका और आस्ट्रेलिया के खिलाफ हार 2015 के बाद पहला मौका है जब इंग्लैंड ने घरेलू सरजमीं पर लगातार दो मैच गंवाए हैं। इंग्लैंड को अब सेमीफाइनल में जगह बनाने की उम्मीद जीवंत रखने के लिए अपने बाकी बचे दोनों लीग मैच जीतने होंगे।
(एजेंसी इनपुट)