इक्कीस बरस के एशियाई चैंपियन स्कूलिंग ने इस स्पर्धा में फेल्प्स को लगातार चौथा पीला तमगा नहीं जीतने दिया। उसने 50.39 सेकंड के ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ जीत दर्ज की। फेल्प्स, हंगरी के लाज्लो सेक और दक्षिण अफ्रीका के चोड ले क्लोस 51 . 14 सेकंड का समय निकालकर दूसरे स्थान पर रहे। फेल्प्स अगर यह मुकाबला जीत जाते तो यह उनका 14वां ओलंपिक व्यक्तिगत खिताब होता। रियो ओलंपिक में अब तक वह चार स्वर्ण (चार गुणा 100 मीटर फ्रीस्टाइल, चार गुणा 200 मीटर फ्री रिले, 200 मीटर बटरफ्लाय और 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले) पदक जीत चुके हैं। अभी उन्हें चार गुणा 100 मीटर मेडले रिले में भाग लेना है।
स्कूलिंग ने इस ऐतिहासिक जीत के बाद कहा , अभी मुझे जीत का खुमार नहीं चढ़ा है। मेरे भीतर जज्बात का तूफान उमड़ रहा है। मुझे यकीन ही नहीं हो रहा कि मैने सच में जीत लिया है या अभी मैं तैयारी ही कर रहा हूं। स्कूलिंग ने कहा कि जब वह बड़े हो रहे थे तब फेल्प्स उनके आदर्श थे लेकिन उन्हें महान अमेरिकी तैराक को उनकी अंतिम रेस में हराने का कोई अफसोस नहीं है। 21 साल के जोसफ स्कूलिंग ने 13 साल की उम्र में अपने प्रेरणास्रोत खिलाड़ी के साथ तस्वीर खिंचवाई थी। तब फेल्प्स बीजिंग ओलंपिक खेलों की तैयारी के सिलसिले में सिंगापुर में थे।