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मेडल चाहिए तो लड़कियों को आगे लाना होगा

आेलंपिक मेंं अगर मेडल लाना है तो लड़कियों को आगे लाना होगा। 98 देशों पर हुए वैश्विक अध्‍ययन के बाद निष्‍कर्ष आया है कि जिन देशों में लैंगिक समानता है वहां की लड़कियों ने ओलंपिक में ज्‍यादा से ज्‍यादा पदक बटाेेरे हैं।
मेडल चाहिए तो लड़कियों को आगे लाना होगा

ग्‍लोबल पोस्‍ट और पीआरआई के एक अध्‍ययन के अनुसार अमेरिका, चीन, जापान जैसे देशों ने पिछले पांच ओलंपिक में ज्‍यादा महिला पदक जीते हैं। यहां लैंगिक समानता बेहतर है। बेहतर जीडीपी वाले देश भी पदक जीतते हैं लेकिन अगर इन देशों में लैंंगिक समानता भी बेहतर हो तो इनके ओलंपिक में और ज्‍यादा पदक आएंगे।  

अध्‍ययन कहता है कि सिर्फ धनी होना ही आेलंपिक में अधिक पदक जीतने की निशानी नहीं रही। इसके लिए आपको लैंगिक समानता पर भी जोर देना होगा। भारत को ही रियो में पहला पदक साक्षी मलिक ने दिलाया जबकि पीवी सिंधू ने एक और पदक पक्‍का किया। अगर हम भी अपनी लैंगिक समानता को और बेहतर करें तो हमें भी ओलंपिक में महिलाओं की तरफ से और पदक मिला करेंगे। ओलंपिक कमेटी के आंकड़ों से साफ है कि 50 से ज्‍यादा पदक जीतने वाले देश मसलन अमेरिका, चीन, जापान, आॅस्‍ट्रेलिया, रुस, जर्मनी और नीदरलैंड धनी देश हैं।  अमेरिका की महिलाओं ने 727, चीन की महिलाओं ने 389, आस्ट्रेलिया की महिलाओं ने 373 और रूस की महिलाओं ने 361 पदक जीते हैं। 

 

 

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