भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। बीसीसीआई ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के आखिरी चरण में टीम इंडिया के निराशाजनक प्रदर्शन को मद्देनजर रखते हुए कड़ा कदम उठाया है। बीसीसीआई ने सहायक कोच अभिषेक नायर को बर्खास्त कर दिया है। उनके साथ क्षेत्ररक्षण कोच टी दिलीप और फिटनेस कोच सोहम देसाई को भी टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
भारत ने अपने पिछले 10 टेस्ट में से 6 गंवाए है। जिसमें घर में न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 की शर्मनाक हार भी शामिल है। टीम की सबसे बड़ी निराशा ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार रही। जिससे डब्ल्यूटीसी फाइनल की संभावनाएं भी खत्म हो गईं।
ऑस्ट्रेलियाई दौरे की शुरुआत दमदार थी। पर्थ टेस्ट में यशस्वी जायसवाल और कोहली की शतकीय पारियों के साथ भारत ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इसके बाद टीम चरमराती गई। मुख्य कोच गौतम गंभीर ने मेलबर्न टेस्ट की हार के बाद ड्रेसिंग रूम में तीखी फटकार लगाई थी। लेकिन यह बातचीत जब मीडिया तक लीक हुई। तो गंभीर भड़क गए और इसे सरफराज खान की 'लापरवाही' बताया गया। उन्होंने मीडिया से कहा, "ड्रेसिंग रूम की बातें बाहर नहीं जानी चाहिए।"
बीसीसीआई ने इन नाकामियों के बाद एक समीक्षा बैठक की और इसके बाद सपोर्ट स्टाफ में कई अहम बदलाव किए। मुख्य कोच गौतम गंभीर, गेंदबाज़ी कोच मोर्ने मोर्कल और सहायक कोच रेयान टेन डोशेट फिलहाल अपनी जगह पर बने हुए हैं, लेकिन अभिषेक नायर के साथ-साथ फील्डिंग कोच टी दिलीप और स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच सोहम देसाई को बाहर कर दिया गया है। यह कदम साफ दिखाता है कि बोर्ड टीम के भीतर एक नई शुरुआत करना चाहता है।
बीसीसीआई के फैसलों के पीछे एक और अहम वजह सामने आई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बोर्ड 'केकेआर कल्चर' से नाखुश था। अभिषेक नायर, मोर्ने मोर्कल और रेयान टेन डोशेट—तीनों केकेआर से गंभीर के साथ आए थे और आईपीएल 2024 की विजेता टीम के अहम सदस्य रहे।
जनवरी में बीसीसीआई ने टीम अनुशासन, लॉजिस्टिक्स और स्टाफ टेन्योर पर नए दिशानिर्देश जारी किए थे। अब वही नीतियां लागू होती दिख रही हैं। तीन साल से अधिक समय तक टीम के साथ रहे कोचों को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दिलीप को इसी नियम के तहत हटाया गया। और देसाई की जगह दक्षिण अफ्रीका के अनुभवी ट्रेनर एड्रियन ली रॉक्स को लाने की तैयारी है। केवल सपोर्ट स्टाफ ही नहीं, अब खिलाड़ियों की सालाना रिटेनरशिप को लेकर भी बीसीसीआई बड़ी समीक्षा करने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ बड़े नामों को या तो अनुबंध से बाहर किया जा सकता है या उन्हें निचले ग्रेड में डाला जाएगा।
जून के अंत में इंग्लैंड दौरे के साथ भारत का अगला डबल्यूटीसी अभियान शुरू होने वाला है। बीसीसीआई इस मौके को एक नई शुरुआत के रूप में देख रहा है। जहां पुरानी गलतियों से सबक लेते हुए, टीम को फिर से खड़ा किया जा सके।