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योगेश्‍वर का मुकाबला आज, कांस्‍य-रजत के बाद क्‍या देश को मिलेगी सुनहरी कामयाबी

रियो ओलंपिक में भारत को अभी तक कांस्‍य और रजत की कामयाबी हासिल हुई है। पहलवान योगेश्‍वर दत्‍त रविवार शाम को क्‍या देश को सुनहरी कामयाबी दिला पाएंगे। इस पर समूचे देश की निगाहें टिकी हुई हैं।
योगेश्‍वर का मुकाबला आज, कांस्‍य-रजत के बाद क्‍या देश को मिलेगी सुनहरी कामयाबी

2012 लंदन ओलंपिक में कांसा जीतने वाले योगेश्वर को गोल्ड तक पहुंचने के लिए चार से पांच पहलवानों को चित करना होगा। अगर योगेश्वर ऐसा करने में कामयाब रहे तो देशवासियों का सपना पूरा हो सकता है। कुश्‍ती शाम पांच बजे से शुरु होगी। 21 पहलवानों का दंगल होगा। 65 किलोग्राम की फ्री स्‍टाइल कुश्‍ती का रोमांच पूरे देश में होगा। रियो ओलंपिक के आखिरी दिन देश के सबसे जांबाज पहलवान योगेश्वर दत्त अपनी ताल ठोकते हुए मैदान पर उतरेंगे।

जिस काम को देश के बड़े-बड़े एथलीट नहीं कर सके। क्या उसे योगेश्वर पूरा करेंगे? क्या भारत को पहला गोल्ड मेडल मिलेगा? देश के इस सुल्तान की उम्र भले ही 36 साल के पास हो, लेकिन उन्हें लड़ना आता है। योगेश्वर अच्छी तरह जानते हैं नरसिंह के बाहर हो जाने के बाद उन पर उम्मीदों का बोझ कितना बढ़ गया है।

ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने भी योगेश्वर को शुभकामनाएं दीं और कहा कि पूरा भारत उनके लिए प्रार्थना कर रहा है।

कुश्ती में लंदन ओलंपिक में कांस्‍य मेडल जीत चुके योगेश्‍वर ओलंपिक में पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय पहलवान हैं। सबसे पहले 1952 के ओलंपिक खेलों में भारत के खशब जाधव ने ब्रॉन्ज जीता था। फिर 2008 के बीजिंग ओलंपिक में पहलवान सुशील कुमार ब्रॉन्ज जीतने में कामयाब रहे थे। रविवार को 125 करो़ड़ भारतीयों की निगाहें देश के इस सुल्तान पर होगी, कि वो अपने दमदार प्रदर्शन से रियों ओलंपिक से यादगार विदाई लें,  क्योंकि ये उनका आखिरी ओलंपिक भी होगा।

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