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प्रथम वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस का समापन

दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में विभिन्न सेक्टर्स में 1212 एमओयू से भविष्य में उत्तर गुजरात में अनुमानित 3.24 लाख...
प्रथम वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस का समापन

  • दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में विभिन्न सेक्टर्स में 1212 एमओयू से भविष्य में उत्तर गुजरात में अनुमानित 3.24 लाख करोड़ रुपए का संभावित निवेश आने से क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलेगी: मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल
  • वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई तथा उद्योग मंत्री श्री बलवंतसिंह राजपूत की प्रेरक उपस्थिति

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल:

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को सरकार के साथ जोड़कर ‘स्वच्छता से सेमीकंडक्टर’ तक; हर क्षेत्र में विकास की ऊंचाइयां पार की हैं
  • प्रधानमंत्री का लोगों की सहभागिता से हर गाँव-हर क्षेत्र में लोगों तक विकास पहुँचाने का विजन वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस से पूरा होगा
  • प्रथम वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस की सफलता का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री के सतत मार्गदर्शन, पार्टनर कंट्रीज के सहयोग, देश-विदेश के प्रतिनिधियों तथा टीम गुजरात के कर्मयोगियों को जाता है
  • प्रथम रीजनल कॉन्फ्रेंस की सफलता ‘वोकल फॉर लेकल’ तथा ‘गांव से ग्लोबल’ की दिशा में अविरत आगे बढ़ना का विश्वास दृढ़ बनाती है

‘चार्टिंग अ पाथ टुवर्ड्ज विकसित गुजरात@2047’ पुस्तक का अनावरण

प्रतिष्ठित हथकरघा एवं हस्तकला अवॉर्ड तथा एमएसएमई वुमन अवॉर्ड प्रदान किए गए

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को सरकार के साथ जोड़कर ‘स्वच्छता से सेमीकंडक्टर’ तक के हर क्षेत्र में विकास की ऊंचाइयां पार की हैं।

इस संदर्भ में उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री के विकास केवल नगरों या बड़े शहरों तक सीमित न रहने और हर गाँव-हर क्षेत्र के लोगों को उसका सहभागी बनाने तथा विकास उन तक भी पहुंचाने के विजन से वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस का राज्य में आयोजन हुआ है।

श्री पटेल मेहसाणा जिले के खेरवा स्थित गणपत विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित उत्तर गुजरात की दो दिवसीय वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (वीजीआरसी) के शुक्रवार को हुए समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने ‘वेल बिगन इज हाफ डन’ उक्ति का उल्लेख करते हुए जोड़ा कि प्रधानमंत्री ने ग्लोबल विलेज तथा वोकल फॉर लोकल का जो विचार दिया, उसे प्रथम रीजनल कॉन्फ्रेंस की सफलता ने बल दिया है।

मुख्यमंत्री ने उत्तर गुजरात की इस वीजीआरसी की फलश्रुति का वर्णन करते हुए कहा कि दो दिनों में 21 क्षेत्रों में निवेश के लिए 1212 एमओयू हुए। इनके द्वारा उत्तर गुजरात में आगामी समय में अनुमानित 3.24 लाख करोड़ रुपए का संभावित निवेश आएगा और इस क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी।

उन्होंने इस वीजीआरसी की ऐसी अप्रतिम सफलता का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सतत मार्गदर्शन को दिया। उन्होंने पार्टनर कंट्रीज, कॉन्फ्रेंस में जुड़े देश-विदेश के प्रतिनिधियों, केन्द्र सरकार के मंत्रियों तथा टीम गुजरात के कर्मयोगियों को भी इस सफलता का हकदार बताया।

श्री भूपेंद्र पटेल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के दिशादर्शन में अब तक 10 वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट सफलतापूर्वक आयोजित की गईं और हर समिट में हमें नई ऊर्जा, रोजगार के नए अवसर तथा नए निवेश मिले हैं। अब क्षेत्रीय वाइब्रेंट कॉन्फ्रेंस का प्रयोग और विस्तृत एवं प्रासंगिक बना है। उत्तर गुजरात की इस प्रथम रीजनल कॉन्फ्रेंस की सफलता दर्शाती है कि राज्य में विकास ‘गांव से ग्लोबल’ की दिशा में अविरत आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2003 में वाइब्रेंट समिट के विचार को तत्कालीन समय में चुनौतियों के बीच साकार कर वाइब्रेंट समिट को उत्तरोत्तर उपलब्धियाँ दिलाए जाने का विस्तार से विश्लेषण किया।

उन्होंने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया कि इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में आयोजित चर्चा सत्रों, प्रेजेंटेशन्स तथा एमओयू रीजनल डेवलपमेंट का नया अध्याय रचेंगे। उन्होंने आगामी समय में आयोजित होने वाली अन्य अंचलों की रीजनल कॉन्फ्रेंस में लोगों की सक्रियता की अपेक्षा व्यक्त की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2003 में वाइब्रेंट समिट का आयोजन कर जो दीर्घदृष्टि दिखाई थी, वह अब फलीभूत हुई है। उनके इस मॉडल से प्रेरित होकर आज देश के अन्य राज्य भी ऐसे इवेंट का आयोजन कर रहे हैं। कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद वाइब्रेंट की यात्रा अविरत जारी रही है। अब, गुजरात के चार क्षेत्रों में से एक उत्तर गुजरात से रीजनल वाइब्रेंट की शुरुआत हुई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तर गुजरात पूरे राज्य का श्रेष्ठ रीजन बनकर उभरेगा।

इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री बलवंतसिंह राजपूत ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस की शुरुआत राज्य के प्रत्येक क्षेत्र को विकास में सहभागी बनाने के उम्दा उद्देश्य के साथ की गई है। इस पहले संस्करण में दो दिनों तक लघु, मध्यम और मेगा उद्योगों तथा हितधारकों के साथ गुणवत्ता और कौशल विकास जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई और समझौता ज्ञापनों (एमओयू) किए गए हैं।

श्री राजपूत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देश के छोटे से छोटे व्यक्ति की चिंता करते हैं। युद्ध, टैरिफ (टैक्स) और औद्योगिक प्रतिस्पर्धा के समय में भी जीएसटी सुधारों और 12 लाख रुपए तक की आय पर आयकर छूट देने जैसे निर्णयों के माध्यम से वे 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए देश को प्रोत्साहित कर रहे हैं। गुजरात में भी मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के मजबूत नेतृत्व में सिंगल विंडो सिस्टम और उद्योग-उन्मुख नीतियों के परिणामस्वरूप राज्य में कारोबार सुगमता के श्रेष्ठ वातावरण का निर्माण हुआ है।

उद्योग और खान विभाग की प्रधान सचिव सुश्री ममता वर्मा ने कहा कि रीजनल वाइब्रेंट समिट राज्य के समान और संतुलित विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कॉन्फ्रेंस से क्षेत्रीय स्तर पर उद्योगों के बीच परस्पर भागीदारी, नेटवर्किंग और विचारों का आदान-प्रदान संभव हुआ है, जिससे उद्योग और रोजगार के नए क्षेत्रों को उभरने का अवसर मिलेगा।

उद्योग आयुक्त श्री पी. स्वरूप ने दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस की सफलता का वर्णन करते हुए कहा कि इस समिट में 34 विदेशी कंपनियों ने हिस्सा लिया है। 170 से अधिक स्टार्टअप्स भी शामिल हुए हैं। छोटे-बड़े सभी उद्योगपति इसमें सहभागी बने हैं। 80 से अधिक देशों की भागीदारी के साथ यह समिट वैश्विक बन गई है। कृषि सेमिनार में जापान, वियतनाम, दक्षिण कोरिया और नीदरलैंड जैसे देशों ने हिस्सा लिया। देश और दुनिया से कुल 29,000 रजिस्ट्रेशन हुए, जिनमें 440 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल हुए।

महेन्द्रा एग्री के सीईओ श्री अशोक शर्मा और वेलस्पन समूह की सहायक कंपनी वेलस्पन न्यू एनर्जी लिमिटेड के सीईओ श्री कपिल माहेश्वरी ने रीजनल वाइब्रेंट कॉन्फ्रेंस के आयोजन की सराहना करते हुए गुजरात के इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास के इकोसिस्टम की प्रशंसा की। उन्होंने, विशेषकर आलू खाद्य प्रसंस्करण और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में गुजरात की प्रगति को लेकर अपने सकारात्मक विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री पंकज जोशी, अपर मुख्य सचिव श्री एम.के. दास, कृषि, किसान कल्याण और सहकारिता विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती अंजू शर्मा, ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एस.जे. हैदर, गणपत विश्वविद्यालय के संस्थापक श्री गणपत पटेल, महिन्द्रा के सीईओ श्री देवेन्द्र सिंह सहित उद्योग जगत के कई अग्रणी, शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि और औद्योगिक एसोसिएशन के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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