गुजरात में राज्य सरकार के व्यापक प्रयासों के चलते राज्य की विविधतापूर्ण कला-कारीगरी को बहुत ही प्रोत्साहन मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य में ग्रामीण स्तरीय परंपरागत कला-कारीगरी के व्यवसाय तेजी से प्रगति कर रहे हैं।
इस बात का प्रमाण राज्य सरकार के उद्यम गुजरात राज्य हथकरघा व हस्तकला विकास निगम (जीएसएचएचडीसी) द्वारा संचालित गरवी-गुर्जरी द्वारा सृजित बिक्री के रिकॉर्ड से मिलता है।
निगम ने इस वर्ष बिक्री का पिछले 50 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। निगम संचालित गरवी-गुर्जरी के स्टॉल राज्य के अनेक स्थानों तथा देश के कई राज्यों में स्थित हैं। इन गरवी-गुर्जरी स्टॉल में हथकरघा-हस्तकला उत्पादों की बिक्री की जाती है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में हस्तकला व हथकरघा की विशिष्ट पहचान स्थापित करने, उसका अस्तित्व बनाए रखने तथा उसके विकास के मुख्य उद्देश्य के साथ गुजरात सरकार के उद्यम के रूप में पिछले 50 वर्ष से यह निगम कार्यरत है। इस निगम द्वारा गुजरात की भव्य एवं विविधतापूर्ण हथकरघा-हस्तकला की पारिवारिक विरासत को जीवित रखने वाली हथकरघा-हस्तकला की श्रेष्ठ कृतियों का सृजन करने वाले राज्य के सुदूरवर्ती गाँवों में बसने वाले कारीगरों द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री में वृद्धि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। इस कदम के चलते वर्ष 2023-24 के दौरान पिछले 50 वर्ष के इतिहास में सर्वाधिक 25 करोड़ रुपए से अधिक के उत्पादों की बिक्री की उपलब्धि हासिल की गई। यह बिक्री गत वर्ष की तुलना में दुगुनी है।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) श्री ललित नारायण सिंह सांदु ने कहा कि इस महत्वपूर्ण सफलता के पीछे राज्य में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन आयोजित जी-20 बैठकों और उसके बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में आयोजित वाइब्रेंट समिट का उल्लेखनीय योगदान रहा है, कारण कि इस दौरान देश-विदेश के अनेक अतिथि गुजरात आए और उन्होंने बड़ी संख्या में गरवी-गुर्जरी स्टॉल्स पर जाकर ग्रामीण कला-कारीगरी के उत्पादों की खरीदारी की।
निगम से जुड़े लगभग 7200 कारीगरों से 19.21 करोड़ रुपए के उत्पादों की खरीदारी कर निगम के राज्य एवं राज्य से बाहर स्थित बिक्री केन्द्रों से 13 करोड़ रुपए के उत्पाद बेचे गए। साथ ही बाजार सहायता के लिए राज्य एवं राज्य के बाहर के विभिन्न स्थलों पर मेले-प्रदर्शनियों का हर महीने प्रभावी आयोजन कर 12 करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री की गई।
उल्लेखनीय सफलता में योगदान देने वाले मुख्य कारक
(1) सरकारी सहायता : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अध्यक्षता में हुई जी20 समिट के अंतर्गत गुजरात में आयोजित जी20 बैठकों तथा प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गुजरात में आयोजित वाइब्रेंट गुजरात समिट ने विक्रय के इस रिकॉर्ड ब्रेकिंग आँकड़े को पार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा वन डिस्टिरिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) तथा वोकल फॉर लोकल जैसी पहलों द्वारा इस परंपरागत हस्तकला की पहचान को स्थापित कर तथा हैंडलूम उत्पादों की बाजार उपस्थिति को उल्लेखनीय रूप से गति देकर अधिकतम् उपभोक्ताओं तक पहुँचाया गया है।
(2) समृद्ध प्रदर्शनी आयोजन : इस वर्ष गरवी-गुर्जरी ने पहले से प्रदर्शनी के लिए अच्छे स्थानों का चयन किया गया और देशभर के खरीदारों के लिए अद्भुत खरीदारी का अनुभव प्रदान किया। इस वर्ष गुजरात में तथा मुंबई, पुणे, दिल्ली, कोलकाता एवं हैरदाबाद जैसे महत्वपूर्ण शहरों सर्वाधिक प्रदर्शनियाँ हुईं। मास्टर कारीगरों तथा पुरस्कार प्राप्त कारीगरों की उपस्थिति ने प्रदर्शनियों के अनुभव में सुधार किया, जिससे रिकॉर्ड बिक्री हुई।
(3) नई डिजाइन : डिजाइनर्स की समर्पित टीम ने निरंतर सृजनात्मकता के साथ नई डिजाइन्स प्रस्तुत की हैं, जो परंपरागत संस्कृति की जड़ में रह कर आधुनिकता को प्रतिबिंबित करती हैं। इन डिजाइन्स ने उपभोक्ताओं को आकर्षित किया है, क्योंकि ये डिजाइनें मांग के अनुरूप थीं, जिसने बिक्री में अभूतपूर्व वृद्धि करवाई।
(4) कारीगर कौशल्य प्रशिक्षण : कारीगरों के सशक्तिकरण व उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ाने में कौशल्य विकास के महत्व को पहचान कर गरवी-गुर्जरी ने डिजाइन प्रशिक्षण के लिए एनआईएफटी के साथ एमओयू किया है। इसके अलावा एनआईडी की ओर से कौशल्य प्रशिक्षण कार्यशिविर का आयोजन तथा एनआईएफटी द्वारा प्रशिक्षित मास्टर कारीगरों ने प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार किया है। इन पहलों ने कारीगरों को उच्च गुणवत्ता की हैंडलूम प्रोडक्ट्स बनाने में आवश्यक कौशल्य एवं ज्ञान से सुसज्जित किया है, जो ग्राहकों की विकसित होती जरूरतों को पूर्ण करता है।
श्री सांदु ने कहा, "हमें इस माइलस्टोन पर बहुत ही गर्व है, जो हमारी टीम के समर्पण व कठिन परिश्रम, केन्द्र तथा राज्य सरकार की निरंतर सहायता एवं हमारे कारीगरों की अद्वितीय कारीगरी का प्रमाण है। जब हम इस उल्लेखनीय सफलता का उत्सव मना रहे हैं, तब स्थानीय कारीगरों को शक्त बनाने तथा टिकाऊ आजीविका बढ़ाने के साथ-साथ गुजरात की समृद्ध हथकरघा व हस्तकला विरासत का संरक्षण करने के हमारे मिशन के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।"