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2025 में गेटेड प्लॉट्स क्यों बन रहे हैं सेकंड-होम इन्वेस्टमेंट का सबसे स्मार्ट विकल्प

भारत का सेकंड-होम्स मार्केट इस समय बड़े बदलाव से गुजर रहा है। जिसे पहले सिर्फ़ रईसों के शौक माना जाता...
2025 में गेटेड प्लॉट्स क्यों बन रहे हैं सेकंड-होम इन्वेस्टमेंट का सबसे स्मार्ट विकल्प

भारत का सेकंड-होम्स मार्केट इस समय बड़े बदलाव से गुजर रहा है। जिसे पहले सिर्फ़ रईसों के शौक माना जाता था, वह अब साफ़ तौर पर लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट रणनीति का हिस्सा बन चुका है। नाइट फ्रैंक की इंडिया रियल एस्टेट एच -१ २०२४ रिपोर्ट बताती है कि सेकंड होम्स की माँग कई इलाकों में तेज़ी से बढ़ी है — ख़ासकर उन अर्बन फ़ैमिलीज़ में जो ज़्यादा स्पेस, नेचर और लो-डेंसिटी लिविंग की ओर झुकाव रखती हैं। इसी ट्रेंड को मज़बूती देते हुए, फिक्की-एनारॉक होमबायर सेंटिमेंट सर्वे एच -१ २०२४ बताता है कि कई बड़े शहरों में अब 20–30% खरीदार तैयार घरों की बजाय प्लॉट्स की तरफ़ आकर्षित हो रहे हैं — क्योंकि इनमें फ्लेक्सिबिलिटी, प्राइवेसी और लॉन्ग-टर्म वैल्यू एप्रीसिएशन की संभावना ज़्यादा होती है।

अलीबाग, लोनावाला, गोवा, नंदी हिल्स और कर्जत जैसे मार्केट्स में यह बदलाव और भी स्पष्ट दिखता है। पिछले दो वर्षों में इन इलाक़ों में प्लॉटेड डेवलपमेंट्स के लिए इंक्वायरियाँ काफ़ी बढ़ी हैं। आज का बायर वक़्त निकालके, फुर्सत में, इत्मीनान से घर बनाना चाहता है, लेकिन साथ ही उसे क्लियर टाइटल, भरोसेमंद इंफ़्रास्ट्रक्चर और ट्रस्टेड डेवलपर इकोसिस्टम का भरोसा भी चाहिए।

तैयार विला के विपरीत, जो फिक्स्ड लेआउट और ज़्यादा मेंटेनेंस कॉस्ट के साथ आते हैं, गेटेड प्लॉटेड कम्युनिटीज़ एक संतुलित मॉडल देती हैं — डेवलपर द्वारा उपलब्ध कराया गया इंफ़्रास्ट्रक्चर और लीगली-क्लियर लैंड, और साथ ही बायर को अपनी पसंद से प्लान, डिज़ाइन और कंस्ट्रक्शन करने की पूरी स्वतंत्रता। यही फ्लेक्सिबिलिटी और सेफ़्टी का मिश्रण आज एंड-यूज़र्स और इन्वेस्टर्स, दोनों को आकर्षित कर रहा है।

कर्जत का उदाहरण: सुगी ग्रुप–एस डीलमेकर्स–पूर्णस्या रियल एस्टेट का सहयोग

इस बदलाव का एक उल्लेखनीय उदाहरण कर्जत में आकार ले रहा एक सेकंड-होम प्लॉटेड डेवलपमेंट है, जो सुगी ग्रुप, एस डीलमेकर्स लिमिटेड और पूर्णस्य रियल एस्टेट (पूर्णस्य का नया रियल एस्टेट वर्टिकल) के त्रि-स्तरीय सम्मिलन से विकसित हो रहा है।

यह मॉडल तीन पूरक ताक़तों का संगम है —

  • एस डीलमेकर्स: का डेवलपमेंट-रेडी, क्लियर-टाइटल लैंड
  • सुगी ग्रुप: की ३५ साल की विरासत, ऑन-टाइम डिलीवरी, ट्रस्ट और ट्रांसपेरेंसी
  • पूर्णस्य रियल एस्टेट की गो-टू-मार्केट स्ट्रेटेजी और रेवेन्यू मैनेजमेंट

पूर्णस्य की फ़ाउंडर चार्मी कानाबार कहती हैं: “आज का सेकंड-होम बायर सिर्फ़ सुंदर लोकेशन नहीं चाहता — वह लॉन्ग-टर्म वेल्थ के बारे में सोच रहा है। गेटेड प्लॉटेड कम्युनिटी उसे अपनी गति से निर्माण करने का मौक़ा देती है, और साथ ही क्लियर टाइटल, तैयार इंफ़्रास्ट्रक्चर और ट्रस्टेड डेवलपर इकोसिस्टम का भरोसा भी। इन्वेस्टर्स के लिए यह कॉम्बिनेशन बेहद शक्तिशाली है — एसेट सुरक्षित है, होल्डिंग कॉस्ट कम है और हाई-ग्रोथ कॉरिडॉर्स में इसकी वैल्यू एप्रीसिएशन अक्सर पारंपरिक सेकंड-होम फ़ॉर्मैट से बेहतर होती है।”

एस डीलमेकर्स के डायरेक्टर्स मनीष झुनझुनवाला और पुनीत वाधवा कहते हैं: “हमारे लिए यह इनिशिएटिव एक ऐसे लैंड पार्सल से शुरू हुआ जिसमें अच्छा पोटेंशियल था। सुगी और पूर्णस्य के साथ मिलकर हम इसे एक इन्वेस्टमेंट-रेडी प्रपोज़िशन में बदल पाए — जो एंड-यूज़र अपील और लॉन्ग-टर्म वैल्यू, दोनों को संतुलित करता है। गेटेड प्लॉटेड फ़ॉर्मैट बायर्स को एक फ्यूचर-सेक्योर एसेट देता है — स्थिर, स्केलेबल, और ट्रांसपेरेंसीवाले पार्टनर्स द्वारा समर्थित।”

मुंबई और पुणे से मात्र दो घंटे की दूरी पर स्थित कर्जत, पिछले कुछ वर्षों में महाराष्ट्र के सबसे सक्रिय सेकंड-होम डेस्टिनेशंस में शुमार हो चुका है। बेहतर कनेक्टिविटी, नए इंफ़्रास्ट्रक्चर कॉरिडॉर्स और लो-डेंसिटी लिविंग की बढ़ती माँग ने इसे लाइफ़स्टाइल और लॉन्ग-टर्म एसेट एप्रीसिएशन दोनों के लिए स्वाभाविक विकल्प बना दिया है।महारेरा के २०२४ Q4 डैशबोर्ड में भी परिधीय जिलों में प्रोजेक्ट अप्रूवल्स में बढ़ोतरी दर्ज हुई है — यह बताता है कि इन क्षेत्रों में माँग लगातार बढ़ रही है। प्लॉट्स के प्रति यह रुचि सिर्फ़ महामारी का परिणाम नहीं है — यह उस नई सोच का नतीजा है जिसमें परिवार इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ फ्लेक्सिबिलिटी और पर्सनलाइज़ेशन को भी प्राथमिकता दे रहे हैं।प्लॉट्स में एंट्री प्राइस कम , कस्टमाइज़ेशन की गुंजाइश ज़्यादा है । तैयार सेकंड-होम्स की तुलना में, हाई-ग्रोथ कॉरिडॉर्स में प्लॉट्स खरीदने पर वैल्यू एप्रीसिएशन भी ज़्यादा रहता है।

बीते दो वर्षों में कई बड़े रियल एस्टेट ब्रांड्स ने प्लॉटेड या लो-डेंसिटी फ़ॉर्मैट लॉन्च करके इस मॉडल पर भरोसा जताया है। सुगी ग्रुप –एस डीलमेकर्स –पूर्णस्य का कर्जत प्रोजेक्ट इसी उभरते बदलाव का एक परिष्कृत उदाहरण है।अगर मौजूदा डेटा और कंज़्यूमर सेंटिमेंट संकेत हैं, तो 2025 वह साल होगा जब प्लॉट्स चुनिंदा लोगों की एक ‘सेकंड-होम जिज्ञासा’ से निकलकर मुख्यधारा के इन्वेस्टमेंट विकल्प बन जाएंगे — और गेटेड प्लॉटेड कम्युनिटीज़ भारत की सेकंड-होम कहानी का अगला अध्याय लिखेंगी।

  

अस्वीकरण: यह एक प्रायोजित लेख है। जानकारी की सटीकता, विश्वसनीयता, समयबद्धता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव उपाय किए गए हैं; हालाँकि OutlookHindi.com इसके लिए कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता है। लेख में दी गई किसी भी जानकारी का उपयोग पूरी तरह से दर्शकों के विवेक पर है।

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