- छह क्षेत्रीय मास्टर प्लान अंतर्गत 500 से अधिक परियोजनाओं में 15 लाख करोड़ रुपए (200 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक) से अधिक के सार्वजनिक एवं निजी पूंजी निवेश का आयोजन
- मुख्यमंत्री की गुजरात के क्षेत्रीय आर्थिक विकास से ‘विकसित गुजरात, विकसित भारत’ साकार करने की मंशा
- छह क्षेत्रों में उत्तर गुजरात, कच्छ, मध्य गुजरात, सौराष्ट्र, तटवर्ती सौराष्ट्र तथा सूरत शामिल
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात को देश का ग्रोथ इंजन बनाने एवं विकसित भारत@2047 के विजन में अग्रसर रहने के दृढ़ संकल्प के साथ गुरुवार को उत्तर गुजरात के मेहसाणा में आयोजित ‘वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस’ (वीजीआरसी) श्रृंखला की पहली कॉन्फ्रेंस में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।
श्री पटेल ने राज्य के छह मुख्य आर्थिक क्षेत्रों के लिए तैयार किए गए क्षेत्रीय आर्थिक मास्टर प्लान (रीजनल इकोनॉमिक मास्टर प्लान) का अनावरण व लोकार्पण किया।
गुजरात के ऐतिहासिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इन छह मुख्य आर्थिक क्षेत्रों के लिए ये मास्टर प्लान तैयार किए गए हैं। इन क्षेत्रों में उत्तर गुजरात, कच्छ, मध्य गुजरात, सौराष्ट्र, तटवर्ती सौराष्ट्र तथा सूरत शामिल हैं।
ये मास्टर प्लान गुजरात के 33 जिलों में संतुलित क्षेत्रीय विकास द्वारा राज्य की अर्थव्यवस्था को वर्तमान 280 बिलियन डॉलर (वित्तीय वर्ष 2023) के कद से बढ़ाकर 3.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक तक पहुँचाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने का रोडमैप हैं।
इन छह क्षेत्रीय मास्टर प्लान अंतर्गत 500 से अधिक परियोजनाओं में 15 लाख करोड़ रुपए (200 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक) से अधिक के सार्वजनिक एवं निजी पूंजी निवेश का आयोजन किया गया है।
आर्थिक वृद्धि का लाभ युवाओं को मिले; यह सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में उद्योगों के सहयोग से रीजनल स्किलिंग सेंटर्स तथा सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस (ग्रीन स्किल्स, ब्लू इकोनॉमी, लॉजिस्टिक्स, एआई एकेडेमी आदि) स्थापित किए जाएंगे। इन योजनाओं तथा आर्थिक गतिविधियों द्वारा राज्य के युवाओं के लिए अनुमानित 280 लाख लाख नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
ये क्षेत्रीय मास्टर प्लान्स प्रत्येक क्षेत्र की स्थानीय उत्पादन क्षमताओं के अनुरूप फ्यूचरिस्टिक सेक्टर को लक्ष्य बनाएंगे:
- एडवांस मैन्युफैक्चरिंग : इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), बैटरी स्टोरेज, मरीन केमिकल्स, बायोलॉजिक्स, औद्योगिक सिरामिक्स तथा बायोफ्यूल जैसे भावी क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा, जो मूल्यवर्धन तथा टेक्नोलॉजी आधारित नवीनता द्वारा संचालित होगा।
- सर्विस सेक्टर : 2047 तक राज्य की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का हिस्सा 51 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। जीसीसी, क्लिनिकल रिसर्च, लॉजिस्टिक्स, प्रोडक्ट डिजाइन तथा बैंकिंग, फाइनैंशियल सर्विसेज व बीमा (बीएफएसआई) जैसी नई सेवाओं द्वारा कुशल नौकरियों में वृद्धि होगी।
- पर्यटन : मेडिकल वैल्यू ट्रैवल, हेरिटेज टूरिज्म, इको-टूरिज्म, क्रूज टूरिज्म तथा आध्यात्मिक व वेनलेस टूरिज्म जैसे नए मार्गों द्वारा पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
- ब्लू इकोनॉमी : गुजरात के 2240 किलोमीटर लंबे समुद्र तट पर पोर्ट लॉजिस्टिक्स, शिप बिल्डिंग, फिश प्रोसेसिंग तथा निर्यात, समुद्री पर्यटन तथा मरीन इनोवेशन में निवेश द्वारा मछुआरा समुदाय को सशक्त बनाया जाएगा और नई नौकरियों का सृजन होगा।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था तथा टिकाऊ विकास : एग्रो प्रोसेसिंग एवं डेयरी उद्योग एग्रीटेक तथा उच्च मूल्य के उत्पादों (रेडी टु ईट फूड्स, न्यूट्रास्युटिकल्स, प्रोटीन सप्लिमेंट्स) पर ध्यान केन्द्रित कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मूल्यवर्धन लाया जाएगा। रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स, सर्कुलर इकोनॉमी तथा ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग सस्टेनेबिलिटी के एजेंडा को आगे बढ़ाएंगे।
इस विकास योजना के मूल में सुदृढ़ ढाँचागत सुविधाओं का विकास है। आगामी 22 वर्षों में कोस्टल रेलवे, हाईस्पीड अंतरराज्यीय रेल कॉरिडोर तथा सी-लिंक परियोजनाएँ लागू हंगी, एयरपोर्ट का विस्तार होगा और कार्यक्षम लॉजिस्टिक्स के लिए नए कारगो टर्मिनल तथा कोल्ड चेन स्थापित किए जाएंगे।
यहाँ उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने 19 जुलाई 2025 को गांधीनगर में गुजरात राज्य इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन (ग्रिट) के कार्यालय का उद्घाटन किया था। राज्य के क्षेत्रीय आधार पर आर्थिक विकास के जरिये विकसित गुजरात के विजन को साकार करने के लिए ग्रिट थिंक टैंक के रूप में कार्यरत है।
ग्रिट डेटा आधारित नीतिगत निर्णयों एवं विकास योजनाओं को वैज्ञानिक पद्धति से तैयार कर विकसित भारत@2047 के विजन में गुजरात को अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
इस अवसर पर श्री भूपेंद्र पटेल ने निवेशकों तथा उद्यमियों का आह्वान किया कि वे वाइब्रेंट गुजरात के विराट विकास की नींव में भागीदार बनें और निजी निवेश के नए अवसरों का लाभ लें।