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'हर वर्ल्ड इंडिया' ने आयोजित किया 'शक्ति' कार्यक्रम, इन बड़ी हस्तियों ने रखे अपने विचार

महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में अग्रणी संगठन 'हर वर्ल्ड इंडिया' ने पॉलिसी सेंटर एंड जेंडर लैब...
'हर वर्ल्ड इंडिया' ने आयोजित किया 'शक्ति' कार्यक्रम, इन बड़ी हस्तियों ने रखे अपने विचार

महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में अग्रणी संगठन 'हर वर्ल्ड इंडिया' ने पॉलिसी सेंटर एंड जेंडर लैब (पीसीजीएल) मिरांडा हाउस और पॉलिसी टैंक के सहयोग से दिल्ली में 7 मार्च 2024 को महिलाओं के लिए  'शक्ति' कार्यक्रम का आयोजन किया।

बता दें कि 'हर वर्ल्ड इंडिया' महिलाओं पहले भी महिलाओं से जुड़े मुद्दों को आगे बढ़ाता रहा है, वह महिलाओं का एक ऐसा मंच तैयार कर रहा है जो उनके जीवन में हासिल की गईं उपलब्धियों को सशक्त तरीके से समाज के सामने प्रस्तुत करता है। इतना ही नहीं यह उन उपलब्धियों का जश्न भी मनाता है। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं की अंतर्निहित शक्ति की कहानियों को उजागर करना और जश्न मनाना था।

'हर वर्ल्ड इंडिया' की संस्थापक और प्रधान संपादक राखी बख्शी ने अपने स्वागत भाषण में महिलाओं के बीच एकजुटता को बढ़ावा देते हुए अपने करियर और जीवन को आकार देने के लिए कौशल का उपयोग करने के महत्व पर जोर दिया।

 

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रतिष्ठित अतिथि, मिरांडा हाउस की प्रिंसिपल प्रोफेसर बिजयलक्ष्मी नंदा थीं, जिन्होंने अपनी नवीनतम साहित्यिक कृति, "थर्टी वन पैंडेमिक लेटर्स ऑफ लव एंड लॉस" का अनावरण किया। अपने संबोधन में प्रोफेसर नंदा ने महिलाओं को एक-दूसरे को बनाए रखने और सशक्तिकरण की श्रृंखला बनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के दौरान एक-दूसरे को थामे रहने की मार्मिक सोच महिलाओं में निहित ताकत और लचीलेपन का प्रतीक है।

इस कार्यक्रम में समाज में प्रतिष्ठित कई अन्य हस्तियों ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान आयकर उपायुक्त सुरभि गर्ग (आईएफएस) ने कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक चिंताओं पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि महिलाएं अपनी क्षमता और शक्ति का प्रयोग अन्य महिलाओं को सहयोग कर बढ़ाने में कम खर्च करती हैं। अगर हम इस ओर सोचें तो बेहतर परिणाम सामने आ सकते हैं।

वहीं, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में एफएफटी डिवीजन और एनजीसीएमए की प्रमुख डॉ. एकता कपूर ने भविष्य को आकार देने में महिलाओं की परिवर्तनकारी भूमिका पर अपना दृष्टिकोण साझा किया।

अतिरिक्त आयकर आयुक्त मनिंदर कौर ने लैंगिक समानता और आर्थिक सशक्तिकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके बाद द पॉलिसी टैंक के रणनीतिकार और नीति सलाहकार ब्रिजेश हिरात ने भेदभाव की सामाजिक महामारी को ठीक करने में महिलाओं की समाज में परिवर्तनकारी भूमिका की ओर ध्यान आकर्षित किया।

वहीं मेघालय राज्य के महाधिवक्ता अमित कुमार ने देश में महिलाओं के प्रति  मानसिकता और भेदभाव पर अपने विचार रखे। वहीं 'द पॉलिसी टैंक' के संस्थापक प्रणव शर्मा ने महिला ड्राइविंग पॉलिसी के प्रभाव पर अपने विचार रखे।

कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील, वी. मोहना ने अपनी प्रेरणादायक यात्रा साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी मां से किए गए एक वादे ने उन्हें कानून में अपने करियर के चरम पर पहुंचाया। भारत सरकार के एनएमडीएफसी की सीएमडी डॉ. आभा रानी सिंह (आईआरएस) ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान के महत्व पर जोर देते हुए अपने विचारों से इस अवसर को और अधिक रोचक बना दिया। कार्यक्रम का समापन वकील और लेखिका जयश्री विश्वनाथन और शिक्षिका उषा के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए नए तरीके खोजने और कानून और न्याय के उपयोग करने पर चर्चा की।

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