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आरईसी और यूनिसेड ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में बच्चों की शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए समझौता किया

विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न सीपीएसई और अग्रणी एनबीएफसी आरईसी लिमिटेड ने अपनी सीएसआर शाखा...
आरईसी और यूनिसेड ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में बच्चों की शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए समझौता किया

विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न सीपीएसई और अग्रणी एनबीएफसी आरईसी लिमिटेड ने अपनी सीएसआर शाखा आरईसी फाउंडेशन के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में ~75,500 बच्चों की शिक्षा को सहयोग देने के लिए विज्ञान और शैक्षिक विकास इकाई (यूनिसेड) के साथ साझेदारी की है। अपनी कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल के तहतआरईसी ने इस कार्य के लिए 9.91 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का वादा किया है।

नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह के दौरान आरईसी फाउंडेशन और यूनिसेड के बीच समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते पर श्री भूपेश चंदोलिया, सीएसआर प्रमुख, आरईसी फाउंडेशन और रश्मी कुमारी, सहायक कार्यक्रम निदेशक, यूनिसेड ने हस्ताक्षर किए।  

यूनिसेड अपनी राष्ट्रव्यापी उपस्थिति के साथनवीन शिक्षण प्रणालियों के माध्यम से शिक्षा की प्रगति के लिए कार्य कर रहा है। इस सहयोग के तहत यूनिसेड, सिद्धार्थनगर जिले के सरकारी स्कूलों में सौर ऊर्जा से संचालित स्मार्ट कक्षाएं और प्रयोगशालाएं स्थापित करेगा। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को आधुनिक शैक्षिक उपकरणों और संसाधनों तक पहुंच प्रदान करना, और उन्हें अकादमिक और रचनात्मक रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाना है।

हाल ही मेंआरईसी फाउंडेशन ने सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष में 15 करोड़ रुपये का योगदान दिया। इसका उद्देश्य पूर्व सैनिकों के 12,500 बच्चों की शिक्षा को सहयोग देना था।

आरईसी लिमिटेड के बारे में -

आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत एक 'महारत्नकेंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादनपारेषण (ट्रांसमिशन)वितरणनवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहनबैटरी भंडारणपंप भंडारण परियोजनाएंहरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेसवेमेट्रो रेलहवाईअड्डाआईटी संचारसामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थानअस्पताल)पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्यकेंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। यह विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रही है। इसके अलावा यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य)दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई)राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसके परिणामस्वरूप देश में सुदूर क्षेत्र तक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया100 फीसदी गांवों का विद्युतीकरण व घरेलू विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा आरईसी को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को लेकर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। केंद्र सरकार की ओर से आरईसी को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 31 दिसंबर2023 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.97 लाख करोड़ रुपये का होने के साथ नेटवर्थ 64,787 करोड़ रुपये है। 

 

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