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आरईसी लिमिटेड और दामोदर घाटी निगम ने ट्यूबड कोयला खदान विकास के लिए ₹588 करोड़ के समझौते पर हस्ताक्षर किए

विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम और एक अग्रणी एनबीएफसी, आरईसी...
आरईसी लिमिटेड और दामोदर घाटी निगम ने ट्यूबड कोयला खदान विकास के लिए ₹588 करोड़ के समझौते पर हस्ताक्षर किए

विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम और एक अग्रणी एनबीएफसी, आरईसी लिमिटेड और दामोदर घाटी निगम ने बुनियादी ढांचे और ऊर्जा के क्षेत्र में परियोजनाओं को मजबूत करने के लिए ₹588 करोड़ के समझौते पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों में एक टर्म लोन समझौता, एक एस्क्रो समझौता और एक हाइपोथेकेशन डीड शामिल हैं, जिनका उद्देश्य ट्यूबेड कोयला खदानों के विकास के लिए सहयोग को मजबूत करना है।

इस समझौते पर आरईसी क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता के वरिष्ठ मुख्य परियोजना प्रबंधक, श्री संतोष कुमार साहू और डीवीसी के वरिष्ठ महाप्रबंधक (वित्त) श्री दुर्गेश मैती ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता डीवीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी), श्री एस. सुरेश कुमार की उपस्थिति में हुआ। इस मौके पर दामोदर घाटी निगम के तकनीकी, वित्त और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।

यह समझौता सतत विकास को बढ़ावा देने और संसाधनों का व्यापक लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए, दोनों संगठनों के सहयोगात्मक प्रयासों को रेखांकित करता है। आरईसी और दामोदर घाटी निगम ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार, दक्षता और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने, इसमें शामिल सभी हितधारकों के लिए सकारात्मक बदलाव और समृद्धि लाने के प्रति समर्पण पर दृढ़ हैं।

आरईसी लिमिटेड के बारे में:

आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत एक 'महारत्न' केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाईअड्डा, आईटी संचार, सामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। यह विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रही है। इसके अलावा यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसके परिणामस्वरूप देश में सुदूर क्षेत्र तक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया, 100 फीसदी गांवों का विद्युतीकरण व घरेलू विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा आरईसी को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को लेकर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। 31 दिसंबर, 2023 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.97 लाख करोड़ रुपये का होने के साथ नेटवर्थ 64,787 करोड़ रुपये है।

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