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आरईसी लिमिटेड और बैंक ऑफ बड़ौदा ने पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

आरईसी लिमिटेड ने भारत के अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक, बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ एक...
आरईसी लिमिटेड और बैंक ऑफ बड़ौदा ने पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

आरईसी लिमिटेड ने भारत के अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एकबैंक ऑफ बड़ौदा के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। यह समझौता अगले तीन वर्षों में देश में बिजलीइंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए ऋणों की संयुक्त मंजूरी की सुविधा प्रदान करेगा।

समझौता ज्ञापन पर श्री विवेक कुमार देवांगनआईएएसअध्यक्ष और प्रबंध निदेशकआरईसी लिमिटेड और श्री देबदत्त चंदप्रबंध निदेशक और सीईओबैंक ऑफ बड़ौदा एवं बैंक ऑफ बड़ौदा के कार्यकारी निदेशकश्री ललित त्यागी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

इस महत्वपूर्ण एमओयू पर श्री देवांगन ने कहा, “यह ऐतिहासिक समझौता देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए एक सहयोगात्मक प्रयास का प्रतीक है। यह साझेदारी समावेशी विकास को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। बिजली क्षेत्र में आरईसी की विशेषज्ञता और बैंक ऑफ बड़ौदा की वित्तीय शक्ति के बीच तालमेल का उपयोग करकेहमारा लक्ष्य परिवर्तनकारी परियोजनाओं को उत्प्रेरित करना है जो समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे और सामाजिक-आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देंगे।"

बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री देबदत्त चंद ने कहा, “यह एमओयू बैंक ऑफ बड़ौदा और आरईसी को संयुक्त रूप से विद्युत (नवीकरणीय ऊर्जा सहित)बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स परियोजनाओं को वित्तपोषित करने में सक्षम करेगा। भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत विकास पथ पर होने के साथहम पूंजीगत व्यय और निजी निवेश में वृद्धि के साथ सहयोगी और नवीन वित्तपोषण संरचनाओं की बढ़ती आवश्यकता देखेंगे।

इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों को मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता को पहचानते हुएआरईसी लिमिटेड और बैंक ऑफ बड़ौदा सतत विकास को आगे बढ़ाने और देश की बुनियादी ढांचागत रीढ़ को मजबूत करने की साझा दृष्टि के साथ एकजुट हुए हैं। संसाधनों और विशेषज्ञता को एकत्रित करकेदोनों संस्थाएं उन पहलों का समर्थन करने का प्रयास करती हैं जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी और देश भर में आवश्यक सेवाओं तक पहुंच बढ़ाएंगी।

आरईसी के बारे में 

ऊर्जा मंत्रालय के तहत 1969 में स्थापित महारत्न सीपीएसई- आरईसी लिमिटेड ऊर्जा-बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक ऋण और अन्य वित्त उत्पाद प्रदान करता है जिसमें उत्पादनट्रांसमिशनवितरणनवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनबैटरी स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। आरईसी ने हाल ही में गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता ला दी हैजिसमें सड़क और एक्सप्रेसवेमेट्रो रेलहवाई अड्डेआईटी संचारसामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षिक संस्थानअस्पताल)बंदरगाह तथा स्टील और रिफाइनरी जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्र के लिए इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य शामिल हैं। आरईसी की ऋण पुस्तिका 4.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

बैंक ऑफ बड़ौदा के बारे में 

20 जुलाई, 1908 को महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ III द्वारा स्थापितबैंक ऑफ बड़ौदा भारत के अग्रणी वाणिज्यिक बैंकों में से एक है। 63.97% हिस्सेदारी के साथ इसका मुख्य स्वामित्व भारत सरकार के पास है। बैंक अपने करीब 165 मिलियन के वैश्विक ग्राहक आधार को पांच महाद्वीपों के 17 देशों में फैले 70,000 से अधिक टच पॉइंट्स और अपने विभिन्न डिजिटल बैंकिंग प्लेटफार्मों के माध्यम से सेवा प्रदान करता हैजो सभी बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं को सहज और परेशानी मुक्त तरीके से प्रदान करता है। 

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