मुंबई, 8 अप्रैल, 2025 – आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न सीपीएसई और प्रमुख एनबीएफसी, ने मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ₹1 लाख करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते पर औपचारिक रूप से श्री हर्ष बावेजा, निदेशक (वित्त), आरईसी लिमिटेड और डॉ अंकुश आर नवले, वित्तीय सलाहकार एमएमआरडीए ने मुंबई के जियो कन्वेंशन सेंटर में इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) मुंबई एनएक्सटी 25 कार्यक्रम में महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फड़नवीस, माननीय उपमुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, डॉ संजय मुखर्जी, आईएएस, महानगर आयुक्त, एमएमआरडीए, श्री विक्रम कुमार, आईएएस, अतिरिक्त महानगर आयुक्त, एमएमआरडीए, श्री राहुल द्विवेदी, आईएएस, कार्यकारी निदेशक, आरईसी और आरईसी और एमएमआरडीए के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
यह समझौता ज्ञापन शहरी गतिशीलता, आवास और आवश्यक बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करते हुए एमएमआर में बुनियादी ढांचे की एक विस्तृत श्रृंखला को वित्तपोषित करने के लिए आरईसी लिमिटेड की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। अगले पांच वर्षों में वित्तपोषण वितरित किया जाएगा, जिससे क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और संवर्धन में निरंतर प्रगति सुनिश्चित होगी।
इस उपलब्धि पर निदेशक (वित्त) श्री हर्ष बावेजा ने कहा, "हमारी ₹1 लाख करोड़ की प्रतिबद्धता बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है जो मुंबई महानगर क्षेत्र के लोगों के जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार लाएगी।" इस अवसर पर आगे, आरईसी लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक (आई एंड एल) श्री राहुल द्विवेदी, आईएएस ने कहा, "हम इस परिवर्तनकारी पहल में एमएमआरडीए के साथ साझेदारी करके उत्साहित हैं।"
यह सहयोग भारत में बुनियादी ढांचे के विकास को वित्तपोषित करने और आगे बढ़ाने में आरईसी लिमिटेड की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है, तथा राष्ट्र के विकास और प्रगति में योगदान देने के अपने मिशन को आगे बढ़ा रहा है।
आरईसी लिमिटेड के बारे में-
आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक 'महारत्न' कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई है जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इस्पात, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।
आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वताओं के ऋण प्रदान करता है। आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली, 100% गांव विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया है। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पुन: व्यवस्थित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी को केंद्र सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 31 दिसंबर 2024 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका ₹5.65 लाख करोड़, बाजार पूंजीकरण ₹1,31,844 करोड़ और नेटवर्थ ₹76,502 करोड़ है।