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आरईसी ने डिस्कॉम के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कार्यशाला का आयोजन किया

विद्युत मंत्रालय के तहत एक महारत्न सीपीएसई, आरईसी लिमिटेड ने गुरुवार को अपने कॉर्पोरेट...
आरईसी ने डिस्कॉम के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कार्यशाला का आयोजन किया

विद्युत मंत्रालय के तहत एक महारत्न सीपीएसईआरईसी लिमिटेड ने गुरुवार को अपने कॉर्पोरेट कार्यालयगुरुग्राम में 'बिजली वितरण क्षेत्र के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्मनामक एक कार्यशाला की मेजबानी की। कार्यशाला एकीकृत वेब प्लेटफ़ॉर्म के महत्व पर प्रकाश डालने पर केंद्रित थीजिसे मुख्य रूप से संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को संचालित करने और योजना के तहत प्रगति को नियमित रूप से अपडेट करने और निगरानी करने के लिए प्लेटफ़ॉर्म के उपयोग से परिचित कराने के लिए विकसित किया गया है।

कार्यशाला में सभी राज्य डिस्कॉमकार्यक्रम प्रबंधन एजेंसियों (पीएमए) और आरईसी-टीपीक्यूएमए और पीएफसी सहित अन्य हितधारकों से 200 से अधिक उपस्थित लोगों की भागीदारी रही। इसके अलावाडिस्कॉमपीएमएपीएफसी और अन्य हितधारकों के अतिरिक्त 300 वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

श्री राहुल द्विवेदीईडी (पीएमडी)आरईसी ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और प्रतिभागियों के साथ बातचीत करते हुएएकीकृत वेब प्लेटफॉर्म के महत्व पर जोर दिया और डिस्कॉम से इसके उपयोग को अपनाने का आग्रह किया। श्री द्विवेदी ने कहा, “वर्तमान मेंविभिन्न योजनाओं और रिपोर्टिंग मॉड्यूल से डेटा को समन्वित करने के लिए कोई डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नहीं हैऔर यह एक मुद्दा है जिसे यह प्लेटफ़ॉर्म संबोधित करना चाहता है। इस प्लेटफ़ॉर्म में प्रक्रिया के हर चरण में प्रगति को ट्रैक करने की क्षमता हैजिससे बिजली वितरण क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगीसाथ ही देश में योजनाओं को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगाजिसकी वजह से यह विद्युत क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर बनने के लिए तैयार है।

आरडीएसएस योजना को डिजिटल तरीके से संचालित करने के उद्देश्य से भारतीय बिजली वितरण क्षेत्र की प्रमुख योजनाओं और रिपोर्टों की निगरानी के लिए आरडीएसएस के तहत एकीकृत वेब प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है। इस प्लेटफ़ॉर्म के अंतर्गत शामिल मॉड्यूल हैं - आरडीएसएसडिस्कॉम की उपभोक्ता सेवा रेटिंग (सीएसआरडी)ऊर्जा लेखांकनअतिरिक्त जीएसडीपी उधारडिस्कॉम की एकीकृत रेटिंगप्रमुख नियामक पैरामीटरराज्य उपयोगिताओं का वार्षिक प्रदर्शन और प्राप्ति पोर्टल के साथ एकीकरण।

कार्यशाला में आए लोगों को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म को करीब से जानने और अपने प्रश्नों को पूछने का मौका मिला। इस मौके पर उपस्थित लोगों और हितधारकों के सवालों के जवाब दिए गए। यह कार्यशाला बिजली वितरण क्षेत्र के भविष्य के लिए एक आशावादी दृष्टिकोण के साथ संपन्न हुईजिसमें प्रतिभागीप्रगति और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने के लिए उत्सुक दिखे।

इस एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म को विद्युत मंत्रालयआरईसी और पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।

आरईसी लिमिटेड के बारे में-

आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत एक 'महारत्नकेंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादनपारेषण (ट्रांसमिशन)वितरणनवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहनबैटरी भंडारणपंप भंडारण परियोजनाएंहरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेसवेमेट्रो रेलहवाईअड्डाआईटी संचारसामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थानअस्पताल)पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्यकेंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। यह विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रही है। इसके अलावा यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य)दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई)राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसके परिणामस्वरूप देश में सुदूर क्षेत्र तक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया, 100 फीसदी गांवों का विद्युतीकरण व घरेलू विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा आरईसी को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को लेकर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। 31 दिसंबर, 2023 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.97 लाख करोड़ रुपये का होने के साथ नेटवर्थ 64,787 करोड़ रुपये है।

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