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आरईसी ने पंप भंडारण परियोजनाओं के लिए केरल सरकार के साथ ₹18,360 करोड़ के समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न सीपीएसई और प्रमुख एनबीएफसी, ने केरल में पंप स्टोरेज...
आरईसी ने पंप भंडारण परियोजनाओं के लिए केरल सरकार के साथ ₹18,360 करोड़ के समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न सीपीएसई और प्रमुख एनबीएफसी, ने केरल में पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) के सहयोग और वित्तपोषण के लिए केरल सरकार के ऊर्जा प्रबंधन केंद्र (ईएमसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। ग्लोबल ग्रीन हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा शिखर सम्मेलन 2025 के दौरान समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस समझौते के तहत, आरईसी का अगले पांच वर्षों में केरल में पीएसपी खंड में 18,360 करोड़ रुपये का वित्तपोषण करने का इरादा है।

शिखर सम्मेलन के दौरान आरईसी के कार्यकारी निदेशक श्री सौरभ रस्तोगी और ईएमसी के संयुक्त निदेशक श्री दिनेश कुमार ने सहमति पत्र का आदान-प्रदान किया। इस अवसर पर केरल सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (विद्युत) श्री के आर ज्योतिलाल, आईएएस; आरईसी, केरल के सीपीएम श्री एम उदय कुमार और ईएमसी तथा केरल सरकार के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

केरल सरकार 12-13 मार्च, 2025 को कोच्चि में वैश्विक हरित हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रही है। यह आयोजन केरल राज्य विद्युत बोर्ड (केएसईबी) और ऊर्जा प्रबंधन केंद्र (ईएमसी) द्वारा समर्थित है।

ऊर्जा प्रबंधन केंद्र, केरल सरकार के विद्युत विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन है।

आरईसी लिमिटेड के बारे में-

आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक 'महारत्न' कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई है जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इस्पात, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।

आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वताओं के ऋण प्रदान करता है। आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली, 100% गांव विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया है। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पुन: व्यवस्थित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी को केंद्र सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 31 दिसंबर 2024 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका 5.65 लाख करोड़, बाजार पूंजीकरण 1,31,844 करोड़ और नेटवर्थ 76,502 करोड़ है।

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