आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल), विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत महारत्न सीपीएसयू, आरईसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, ने टीबीसीबी रूट के तहत आईएसटीएस ट्रांसमिशन परियोजना के प्रोजेक्ट-विशिष्ट एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) अर्थात रतले कीरू पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड को 24 मार्च 2025 को गुरुग्राम में इंडीग्रिड 2 प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया।
इंडीग्रिड 2 प्राइवेट लिमिटेड, बिल्ड, ओन, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बीओओटी) आधार पर ट्रांसमिशन परियोजना के विकास के लिए बोली प्रक्रिया समन्वयक आरईसीपीडीसीएल द्वारा आयोजित टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) प्रक्रिया के माध्यम से ट्रांसमिशन सेवा प्रदाता (टीएसपी) के रूप में उभरी।
आरईसीपीडीसीएल के सीईओ श्री टी.एस.सी. बोश ने इस एसपीवी को श्री पुनीत सिंह चौहान, उपाध्यक्ष एवं प्रमुख (वाणिज्यिक), इंडीग्रिड 2 प्राइवेट लिमिटेड को आरईसीपीडीसीएल, इंडीग्रिड 2 प्राइवेट लिमिटेड और सेंट्रल ट्रांसमिशन यूटिलिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में सौंपा। परियोजना की कार्यान्वयन अवधि 24 महीने है।
इस योजना में सांबा (जम्मू-कश्मीर) और जालंधर (पंजाब) के बीच 150 किलोमीटर लंबी 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन, किशनपुर (जम्मू-कश्मीर) और सांबा के बीच 35 किलोमीटर लंबी 400 केवी लाइन का निर्माण और अन्य संबंधित कार्य शामिल हैं। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1,407.44 करोड़ रुपये है।