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मुख्तार अंसारी की मौत के बाद यूपी के कई हिस्सों में कड़ी की गई सुरक्षा, धारा 144 लागू

जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की बांदा के एक अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट से मौत के एक...
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद यूपी के कई हिस्सों में कड़ी की गई सुरक्षा, धारा 144 लागू

जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की बांदा के एक अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट से मौत के एक दिन बाद शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सुरक्षाकर्मी अलर्ट पर हैं।

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि पूरे राज्य में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और स्थानीय पुलिस के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टीमों को बांदा, मऊ, गाजीपुर और वाराणसी में तैनात किया गया है। 

मुख्तार अंसारी के ग़ाज़ीपुर स्थित आवास पर भी लोग जुटने लगे थे और घर के आसपास बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी। यहां पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने कहा कि पोस्टमार्टम बांदा मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा किया जाएगा और प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी।

63 वर्षीय अंसारी को गुरुवार शाम को "बेहोशी की हालत" में जिला जेल से बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में लाया गया था और अस्पताल के प्रिंसिपल सुनील कौशल के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट के बाद अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई।

अंसारी के बेटे उमर अंसारी समेत उनके परिवार के सदस्य शुक्रवार तड़के बांदा पहुंचे। उमर अंसारी ने आरोप लगाया कि उनके पिता को जेल में धीमा जहर दिया गया था, अधिकारियों ने इस आरोप से इनकार किया है। उमर अंसारी ने संवाददाताओं से कहा, "मेरे पिता ने हमें बताया था कि उन्हें 'धीमा जहर' दिया जा रहा है।" उन्होंने कहा कि अब पूरा देश इस बारे में जानता है।

उमर अंसारी ने कहा कि वे पोस्टमॉर्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए गाजीपुर ले जाएंगे। पुलिस ने शव को बांदा से गाजीपुर तक लगभग 380 किमी की दूरी तक सड़क के माध्यम से सुरक्षित पहुंचाने के लिए पहले ही एक रूट प्लान तैयार कर लिया है। शुक्रवार की नमाज के मद्देनजर राज्य के कुछ हिस्सों में सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।

मुख्तार अंसारी को उल्टी की शिकायत के बाद गुरुवार रात करीब 8.25 बजे बेहोशी की हालत में मेडिकल कॉलेज लाया गया था। मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि नौ डॉक्टरों की एक टीम ने उनका इलाज किया लेकिन कार्डियक अरेस्ट से उनकी मृत्यु हो गई। अफ़ज़ाल अंसारी, जो ग़ाज़ीपुर से सांसद भी हैं, ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि उनके भाई को जेल में धीमा जहर दिया गया था।

अफ़ज़ाल अंसारी ने कहा, ''मुख्तार ने कहा कि उन्हें जेल में खाने में जहरीला पदार्थ दिया गया था। ऐसा दूसरी बार हुआ। करीब 40 दिन पहले भी उन्हें जहर दिया गया था। और हाल ही में उन्हें फिर से यह (जहर) दिया गया जिससे उनकी हालत खराब है।"

अफ़ज़ाल अंसारी ने कहा कि 21 मार्च को बाराबंकी की अदालत में एक मामले की वर्चुअल सुनवाई के दौरान अंसारी के वकील ने अदालत में एक आवेदन दायर किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके मुवक्किल को जेल में "धीमा जहर" दिया गया था जिसके कारण उनकी हालत बिगड़ रही थी।

इससे पहले, पेट दर्द की शिकायत के बाद अंसारी को मंगलवार को लगभग 14 घंटे के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कई पार्टियों ने अंसारी के निधन पर शोक जताया और इसकी जांच की मांग की।

एक्स पर एक पोस्ट में समाजवादी पार्टी ने कहा, "पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी का दुखद निधन। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। शोक संतप्त परिवार के सदस्यों को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति मिले। विनम्र श्रद्धांजलि।"

राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अंसारी के निधन पर दुख जताया। उन्होंने लिखा, ''यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के निधन की दुखद खबर मिली। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति दें।''

तेजस्वी यादव ने कहा, "कुछ दिन पहले उन्होंने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है, फिर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। प्रथम दृष्टया यह उचित और मानवीय नहीं लगता है। संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे अजीब मामलों और घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।"

हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अंसारी की मौत को "संस्थागत हत्या" करार दिया और इसकी अदालत की निगरानी में जांच की मांग की। पप्पू यादव ने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, "पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की संस्थागत हत्या...यह कानून, संविधान, प्राकृतिक न्याय को दफन करने जैसा है।"

कांग्रेस नेता ने कहा, ''भारत के मुख्य न्यायाधीश को इसका स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। अदालत की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।'' उन्होंने कहा, "वह कई दिनों से आरोप लगा रहे थे कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है। उनके सांसद भाई ने भी यह आरोप लगाया था। यह देश की संवैधानिक व्यवस्था पर एक अमिट धब्बा है।"

मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रहे अंसारी 2005 से उत्तर प्रदेश और पंजाब में सलाखों के पीछे थे। उनके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे। सितंबर 2022 से उन्हें उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतों द्वारा आठ मामलों में सजा सुनाई गई थी और वह बांदा जेल में बंद थे। उनका नाम पिछले साल उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी 66 गैंगस्टरों की सूची में था।

माना जाता है कि ग़ाज़ीपुर के रहने वाले अंसारी का आसपास के मऊ और वाराणसी जिलों में भी अच्छा प्रभाव है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से राज्य में वापस लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जनवरी 2019 में, तत्कालीन बसपा विधायक अंसारी को जबरन वसूली के एक मामले में रोपड़ जेल में बंद कर दिया गया था और वह दो साल से अधिक समय तक वहां रहे।

मार्च 2021 में, उत्तर प्रदेश सरकार की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को अंसारी की हिरासत उत्तर प्रदेश को सौंपने का निर्देश दिया, यह कहते हुए कि चिकित्सा मुद्दों की आड़ में तुच्छ आधार पर इससे इनकार किया जा रहा है।

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