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मैगज़ीन डिटेल

जनादेश ’24/आवरण कथा: चुनावी फासले

पिछले एक दशक में हुए चुनावों से पता चलता है कि उत्तर और दक्षिण के बीच सियासी दूरी बढ़ती जा रही है, मौजूदा आम चुनाव इस विभाजन की पुष्टि करते हैं

जनादेश ’24/चुनावी सितारे: बेदम ‘स्टारडम’

फिल्मी परदे पर गरजने वाले कलाकारों की सदन में आवाज नहीं निकलती

जनादेश ’24/हिमाचल प्रदेश: सुक्खू की साख का सवाल

भाजपा असेंबली में अपनी ताकत को बढ़ाने की फिराक में है ताकि कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ जाए और गिर जाए

जनादेश ’24 / नजरिया: प्रांतीय राजनीति की चुनौती

भाजपा के रणनीतिकारों को यह बात समझ नहीं आई है कि नब्बे के दशक के बाद इस देश की राजनीति एकदम बदल गई है

जनादेश ’24/आंध्र प्रदेश: विरासत का द्वंद्व

पिता की विरासत को आगे बढ़ाने वाले जगन का भाजपा-कांग्रेस से रिश्तों में रवैया ढुलमुल

जनादेश ’24 / कर्नाटक: जाति, पानी और हिंदुत्व से चढ़ता चुनाव

भाजपा को दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपि के तीन तटीय जिलों से उम्मीद है

जनादेश ’24 / तमिलनाडु: द्रविड़ पहचान बनाम हिंदुत्व

यहां मुकाबला दोतरफा, सिवाय एकाध सीटों के जहां भाजपा का कुछ दांव है

जनादेश ’24 तेलंगाना: वजूद बचाने की जंग

तेलंगाना के चुनावी अखाड़े में सबके अपने भारी जीत के बड़े-बड़े दावे

जनादेश ’24/ दक्षिण के सितारे: सिनेमा से बनती-बिगड़ती सियासत

फिल्मी सितारों का सबसे ज्यादा प्रभाव राजनीति में अगर कहीं रहा है, तो वह है दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु

जनादेश ’24/ सोशल मीडिया: इनफ्लुएंसर काल में चुनाव

सोशल मीडिया के लोकप्रिय चेहरों को भुनाकर राजनीतिक दलों ने मतदाताओं तक पहुंचने के एक सशक्त औजार को साध लिया

जनादेश ’24 / विज्ञापन: राजनैतिक विज्ञापनों का अर्थशास्त्र

चुनाव आते ही आरोप लगाने वाले राजनैतिक विज्ञापनों का बाजार गरम हो गया

जनादेश ’24/ऑनलाइन राजनीति: सियासत के ऑनलाइन लड़ाके

राजनैतिक दलों के ऑनलाइन कार्यकर्ताओं द्वारा फर्जी सूचनाएं फैलाया जाना अब सोशल मीडिया पर आम बात हुई

जनादेश ’24 / छत्तीसगढ़: चुनावी मुठभेड़

पहले चरण से ठीक पहले निकला माओवाद का जिन्न किसके लिए

जनादेश ’24 / झारखंड: जाति का गणित

भाजपा का ओबीसी उम्मीदवारों पर दांव तो कांग्रेस ने सवर्ण और महिला प्रत्याशियों को दी तरजीह, झामुमो की आदिवासी वोटों पर नजर

क्रिकेट: कूचे में बेआबरू

इस आइपीएल में मुंबई इंडियंस के खराब प्रदर्शन से नए कप्तान पांड्या, लोगों के निशाने पर

फिल्म/नजरिया/ चमकीला: लोकप्रियता बनाम लोकधर्मिता का द्वंद्व

गुमनाम कलाकारों की ज्यादा से ज्यादा कहानियां सिनेमा के परदे पर आना चाहिए

चमकीला/मतांतर: खतरनाक है सबको कलाकार कहना

यह बहस अश्लीलता और सभ्यता की है, जिसके लिए लकीर खींचना वाकई जरूरी है

सप्तरंग

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पुस्तक समीक्षा: आजादी पर पहरा

हमारी पत्रकारिता और लेखन की धाराओं का विकास और इतिहास भी 1857 में देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम से ही अभिन्न हिस्सा रहा है

पुस्तक समीक्षा: राज्य की कहानी

पुस्तक में झारखंड के राजनीतिक इतिहास पर दृष्टि डाली गई है

पत्र संपादक के नाम

पाठको की चिट्ठियां

शहरनामा: देहरादून

डेरा दून से बन गया देहरादून

नए विकल्पों की जरूरत

यह कहना तथ्य से परे होगा कि महज प्रतिकूल मौसम से आम मतदाताओं की उदासीनता बढ़ी है

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