आगामी लोकसभा चुनाव में चार सौ पार का नारा देने वाली भाजपा की 2 मार्च को जारी 195 उम्मीदवारों की पहली सूची के साथ ही सक्रिय सियासत से संन्यास लेने वालों की बढ़ती कतार ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। पहली सूची में शामिल तीन उम्मीदवारों की चुनाव लड़ने से मनाही और तीन की सियासत से संन्यास की घोषणा ने अगली सूची जारी करने से पहले भाजपा को इस संभावित संकट पर गंभीरता से विचार करने पर मजबूर किया है।
भाजपा की पहली सूची में शामिल तीन उम्मीदवारों में टिकट लौटाने की शुरुआत आसनसोल सीट से भोजपुरी गायक पवन सिंह ने की। दो दौर की कथित मोदी लहर के बावजूद तीसरी पारी के लिए भी भाजपा को खेल और फिल्मी दुनिया के जिताऊ सेलेब्रिटी चेहरों की तलाश जारी है। पवन सिंह के बंगाली महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक गानों पर तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाए और सोशल मीडिया पर बवाल उठा, तो वे उम्मीदवारी से पीछे हट गए।
यही नहीं, गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उन्हें मनपसंद सीट मेहसाणा से उम्मीदवार नहीं बनाया गया था। सांसद उपेंद्र रावत ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के बाद यूपी की बाराबंकी सीट से चुनाव लड़ने से मना किया, हालांकि उन्होंने वायरल वीडियो को ‘डीप फेक’ बताया है।
भाजपा के तीन मौजूदा सांसदों में जयंत सिन्हा और क्रिकेटर गौतम गंभीर ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने से पहले ही संन्यास की घोषणा कर दी थी। सिन्हा वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करेंगे तो गंभीर क्रिकेट पर। दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने टिकट कटने पर संन्यास की घोषणा करते हुए फिर से अपने मेडिकल पेशे में लौटने की इच्छा जताई है। पंजाब में स्थानीय जनता के भारी विरोध के कारण गुरदासपुर से सांसद फिल्म अभिनेता सनी देओल के भी अगले लोकसभा चुनाव से पीछे हटने की अटकलें हैं। 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सनी कभी गुरदासपुर की सुध लेने नहीं आए। बीते साल फिल्म गदर 2 की प्रमोशन के लिए वे अमृतसर वाघा बॉर्डर आए पर 50 किलोमीटर दूर अपने निर्वाचन क्षेत्र से उन्होंने दूरी बनाए रखी। नाराज मतदाताओं ने सनी की गुमशुदगी के पोस्टर लगाए पर सांसद पर कोई असर नहीं हुआ।
सनी देओल को है मतदाताओं की नाराजगी का डर
सनी देओल की जगह क्रिकेटर युवराज सिंह को गुरदासपुर से उम्मीदवार बनाने की खबरें भाजपा खेमे से उड़ाई गईं पर युवराज ने भी इनकार कर दिया। वैसे किसान आंदोलन के चलते भाजपा के लिए पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर खाता खोलना इस बार मुश्किल है। 2019 के लोकसभा चुनाव में चार सीटें जीतने में सफल रहा शिरोमणि अकाली दल और भाजपा गठबंधन तीन दशक बाद पहली बार लोकसभा में बगैर गठबंधन के मैदान में उतरेगा।
चंडीगढ़ से दो बार की सांसद अभिनेत्री किरण खैर के भी चुनाव न लड़ने की चर्चा है। संसदीय क्षेत्र चंडीगढ़ के बजाय खेर का ज्यादा वक्त मुंबई में ही बीता जिससे मतदाताओं में नाराजगी भाजपा को भारी पड़ सकती है। इस सीट के लिए भी युवराज सिंह के अलावा फिल्म अभिनेत्री कंगणा रणौत के नाम की चर्चा है। चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के पाले में गई। इस सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल की टक्कर में भाजपा फिर से किसी सेलेब्रेटी की टोह में है। पेशे से वकील बंसल की टक्कर में नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी को भी चंडीगढ़ से लड़ाए जाने की चर्चा है। इससे पहले एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के संचालक सतनाम संधू की टिकट तय मानी जा रही थी पर भाजपा ने उन्हें राष्ट्रपति से राज्यसभा के लिए मनोनीत करवा दिया।