कश्मीर में इन दिनों बर्फ गिर रही है। वहां जिला विकास परिषद के चुनाव हो रहे हैं, और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वहां ‘लव जिहाद’ की नहीं, बल्कि ‘लव’ यानी ‘मुहब्बत’ की बात कह रही है। वह इस्लाम की बात करती है और कहती है कि इस्लाम मुसलमानों को अपने देश के साथ प्रेम करना सिखाता है, और अपने देश के साथ प्रेम करना मुस्लिम धर्म का हिस्सा है। शाहनवाज हुसैन और मुख्तार अब्बास नकवी समेत भाजपा के नेता घाटी के हर जिले में जा रहे हैं। उनका कहना है कि यह चुनाव अनुच्छेद 370 बेमानी करने समेत किसी भी बात पर जनमत संग्रह नहीं, बल्कि यह पूरी तरह विकास के लिए है। स्थानीय पार्टियों की शिकायत है कि उन्हें इस चुनाव में भाजपा के बराबर मौका नहीं दिया जा रहा है। घाटी में भाजपा की मौजूदगी न के बराबर है, लेकिन जिस तरह जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था काम कर रही है, उससे पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन को काफी डर है।
इस एलायंस में कई पार्टियां हैं, हालांकि कांग्रेस ने खुद को इससे अलग रखा है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस एलायंस को ‘गैंग’ करार दिया है। चुनाव लड़ रहे नेताओं को अक्सर थानों में बुलाया जाता है, कुछ को तो नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) दिल्ली बुला रही है।
अफवाह यह भी है कि जम्मू-कश्मीर में कोविड-19 महामारी का प्रकोप दोबारा बढ़ने के चलते सरकार इन चुनावों को फिलहाल मुल्तवी कर सकती है, लेकिन सरकार अनुच्छेद 370 को बेमानी करने और राज्य के विभाजन के बाद यहां पहला चुनाव करवाने के लिए पूरी तरह तैयार दिखती है। यहां करीब 13,000 पंचायत क्षेत्रों में जिला विकास परिषद के चुनाव और उपचुनाव होने हैं।
प्रदेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने जब भाजपा विरोधी गठबंधन बनाया तो एक उम्मीद जगी कि घाटी अब बहिष्कार की राजनीति से ऊपर उठ रही है। लेकिन इन पार्टियों का कहना है कि चुनाव लड़ने के कारण भी उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। जैसा कि उनका तर्क है, भाजपा इन पार्टियों की तरफ से चुनाव के बहिष्कार की उम्मीद कर रही थी जिससे उसे खाली मैदान मिल जाता। लेकिन जब एलायंस ने चुनाव लड़ने का फैसला किया तो अब भाजपा पूरी सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल एलायंस को जीत से रोकने के लिए कर रही है।
भाजपा यहां चुनावी रैलियों में खुद को मुस्लिम समर्थक पार्टी के रूप में दिखा रही है। स्थानीय भाजपा नेता सोफी यूसुफ ने 23 नवंबर को एक छोटी-सी सभा में शाहनवाज हुसैन का परिचय कराते हुए कहा कि शाहनवाज वही नेता हैं जिन्होंने यह आश्वस्त किया था कि कश्मीरी मुसलमानों को हज के लिए जेद्दा तक सीधी उड़ान की सुविधा मिले।
यूसुफ के अनुसार, “हज के लिए कश्मीरी मुसलमानों को पहले दिल्ली या मुंबई जाना पड़ता था, लेकिन जब शाहनवाज हुसैन उड्डयन मंत्री बने तो उन्होंने श्रीनगर से जेद्दा तक सीधी उड़ान शुरू करवाई।” यूसुफ 1996 से भाजपा में है और जानते हैं कि बाकी देश में भाजपा जो कहती है, कश्मीरियों के बीच उसके बोल अलग होने चाहिए।
नारा-ए-तकबीर ‘अल्ला हो अकबर’ के बीच शाहनवाज फिरन पहनकर भाषण देने जाते हैं। पहले वे फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले एलायंस की आलोचना करते हैं, उसके बाद भाजपा में मुसलमानों की मौजूदगी की बात करते हैं। वे कहते हैं, “जिन लोगों को लगता है कि भाजपा में मुसलमान नहीं हैं, उन्हें आज आश्चर्य होगा। भाजपा में मुसलमान नेता हैं और वे सरकार के कारण नहीं बल्कि देश के लिए पार्टी के साथ हैं।” वे कहते हैं कि ये मुस्लिम नेता जम्मू-कश्मीर में खानदानी राजनीति से पनपे नेताओं को बेदखल करने के लिए यहां आए हैं। आतंकवाद की चर्चा करते हुए वे कहते हैं कि जो भी बंदूक उठाएगा, मारा जाएगा। लेकिन इसके साथ ही वे इस्लाम का भी जिक्र करते हैं, “इस्लाम में खुदकुशी की मनाही है। इस्लाम में खुदकुशी पाप है।” अगले ही पल वे हमदर्दी दिखाते हुए कहते हैं, “जब भी कश्मीर में किसी युवक की मौत होती है तो हमें दर्द होता है। हम युवाओं के हाथ में कलम देना चाहते हैं, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और हुर्रियत उनके हाथों में बंदूक देखना चाहती है। शाहनवाज कहते हैं, “हमारी पार्टी सांप्रदायिक या कट्टरपंथी नहीं है। हमारा सिर्फ एक पैमाना है, जो देश से प्रेम करेगा भाजपा उससे प्रेम करेगी। भारत माता की जय कहने वाला हमारे साथ है।” इसके बाद वे ‘भारत माता की जय’ की व्याख्या भी करते हैं, “जय का मतलब है जिंदाबाद। अपने देश से प्रेम करना मुस्लिम धर्म का हिस्सा है। जब पैगंबर मोहम्मद मक्का से मदीना गए तो वहां उन्होंने किसी को संबोधित नहीं किया क्योंकि वहां लोग ही नहीं थे। उस वक्त परिस्थितियां अलग थीं। इसलिए पैगंबर ने अपनी जमीन को संबोधित किया। उसी तरह शाहनवाज हुसैन और सोफी युसूफ भी अपने देश से प्रेम करते हैं।”
शाहनवाज हुसैन जब प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं या भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करते हैं, तब वे कराकुली और शेरवानी पहनते हैं। कराकुली को पाकिस्तान में ‘जिन्ना टोपी’ भी कहा जाता है। यह पूछने पर कि भाजपा ने मुस्लिम चेहरों, उन्हें और मुख्तार अब्बास नकवी, को कश्मीर में क्यों उतारा है, शाहनवाज कहते हैं कि यहां केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा नेता तरुण चुग भी प्रचार कर रहे हैं। हालांकि सच तो यह है कि अनुराग ठाकुर जम्मू में प्रचार कर रहे हैं जबकि नकवी और शाहनवाज घाटी में लगे हैं।
इस्लाम, मुसलमान, इकबाल और नारा-ए-तकबीर पर जोर देने और सरकारी मशीनरी की मदद से भाजपा को जिला विकास परिषद चुनावों में कितने वोट मिलेंगे, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन फिलहाल एलायंस आशंकित है। उसके नेताओं का आरोप है कि सरकार उन्हें अपनी मर्जी से कहीं भी नहीं जाने दे रही है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस का कहना है कि भारत सरकार जिला विकास परिषद चुनावों में भाजपा और जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी को छोड़कर बाकी सभी पार्टियों पर अंकुश लगा रही है। पार्टी प्रवक्ता इमरान नबी डार कहते हैं, “वे हमें समान मौका नहीं दे रहे। उन्होंने एलायंस के उम्मीदवारों को होटलों और सिक्योरिटी जोन तक सीमित कर दिया है। इससे अंदेशा होता है कि सरकार कुछ गड़बड़झाला कर रही है। भाजपा नेताओं को सुरक्षा कवर दिया जा रहा है और अधिकारी चुनाव प्रचार में उनकी मदद कर रहे हैं। दूसरी तरफ, एलायंस के नेताओं को सुरक्षा कवर और अन्य सुविधाएं देने की बात तो दूर, उन्हें होटलों और सिक्योरिटी जोन तक सीमित किया जा रहा है।
डार कहते हैं, “जो भाजपा और उसके सहयोगियों के साथ नहीं जुड़े हैं, उन्हें होटलों में बंद किया जा रहा है। साफ है, वे नहीं चाहते कि हम चुनाव प्रचार करें। सरकार का बहाना है कि वह हर एक को सुरक्षा नहीं मुहैया करा सकती, लेकिन इस तर्क के हिसाब से तो किसी भी उम्मीदवार को सुरक्षा नहीं दी जानी चाहिए थी। हर तरह से सिर्फ गैर-भाजपा उम्मीदवारों को क्यों परेशान किया जा रहा है?”
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी स्थानीय प्रशासन ने रामबियारा जाने से रोक दिया। महबूबा उन लोगों से मिलना चाहती थीं जिन्हें वहां रेत खनन निकालने की अनुमति नहीं दी जा रही है। रामबियारा में रेत खनन का कॉन्ट्रैक्ट बाहरी लोगों को दे दिया गया है। नाराज महबूबा कहती हैं, “भारत सरकार हमारी जमीन और हमारे संसाधनों को लूट रही है। दूसरी तरफ, सरकार के पास हमारे लिए तिरस्कार के सिवाय और कुछ नहीं है।” महबूबा कहती हैं कि जम्मू-कश्मीर को एक खुली जेल बना दिया गया है, लेकिन एलायंस इसके खिलाफ हर मुमकिन लड़ाई लड़ेगा।
शाहनवाज कहते हैं कि मौजूदा लड़ाई अनुच्छेद 370 को लेकर नहीं, बल्कि विकास को लेकर है। लेकिन एलायंस का मानना है कि उनकी जीत से सरकार का यह दावा हवा हो जाएगा कि अनुच्छेद 370 बेमानी करने से हर कोई खुश है। एक वरिष्ठ पीडीपी नेता कहते हैं, “यही कारण है कि भाजपा हमारे पीछे पड़ी है। लेकिन हमने हमेशा चुनाव लड़ा है और अपने कार्यकर्ताओं की जान देकर इसकी बड़ी कीमत भी चुकाई है। हम यह चुनाव भी लड़ेंगे।”
"जम्मू-कश्मीर को खुली जेल बना दिया गया है, लेकिन एलायंस इसके खिलाफ हर मुमकिन लड़ाई लड़ेगा"
महबूबा मुफ्ती, पीडीपी नेता