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17 फरवरी 2025 · FEB 17 , 2025

पुस्तक समीक्षाः बॉलीवुड के अंधेरे-उजाले

मौलिक भाषा और किस्सागोई शैली में बेजोड़ संकलित आलेख
मायावी दुनिया की कहानियां

हाल में फिल्‍म से जुड़ी किताबों में अजय कुमार शर्मा की बॉलीवुड के अनकहे किस्से थोड़ा हटकर है। हर अध्याय के अंत में 'चलते-चलते' के छोटे पैराग्राफ नई जानकारी एक बोनस की तरह हैं।  भूमिका में अजय लिखते हैं, "सिनेमा के जरिये स्वप्न और यथार्थ की दुनिया बनाने वाले लोगों की दुनिया और उनके जुनून को जानते समझते लगा कि इस चमकीली दुनिया के भी अपने अंधेरे-उजाले हैं।" उनकी कहानियां भी फिल्मों जैसी ही रोचक, अजूबी और मायावी हैं।  किताब इस मायावी दुनिया को रोशनी में ले आई है।

ये संकलित आलेख भाषाई मौलिकता और किस्सागोई शैली में बेजोड़ हैं। इसमें श्याम-श्वेत युग की फिल्मी हस्तियों से लेकर 'लव स्टोरी' जैसी फिल्मों की परदे के पीछे की वास्तविक कहानियों की भी झलकियां हैं। ऐसे किस्सों में प्रमुख हैंः 'मदर इंडिया' की मां जद्दनबाई की कथा, जब पृथ्वीराज कपूर को उनके प्रोड्यूसर ने ही चूना लगाया, यादें दहाड़ते सोहराब मोदी की, यादें बॉलीवुड की पहली पिन-अप गर्ल बेगमपारा की, केदार शर्मा को जब ईमानदारी पर मिली कम पैसे की नौकरी, दुर्गा खोटे ने जिद में सीखी बांग्ला, लता के बिना हिट हुआ अकेला संगीतकार ओ.पी. नय्यर, बदरूद्दीन ऐसे बने जॉनीवाकर, गुरुदत्त की अधूरी फिल्में, पत्रकारों ने जब बॉयकॉट किया मधुबाला का, जब दिलीप कुमार ने बेचे सैंडविच, दिलीप कुमार और काले जादू का किस्सा, जब एक साथ आते-आते रह गए दिलीप, देव और राज, बॉबी का वह गाना और राज कपूर की दरियादिली, जब अपने बेटे के लिए नितिन बोस से भिड़ गए बलराज साहनी, शम्मी कपूर का 'याहू' स्टाइल, जब राजकुमार पर भारी पड़े रामानंद सागर, जब एक दिन के लिए गायब हो गईं हेमामालिनी, जब रफी साहब ने आनंद बख्शी के बेटे का एडमिशन कराया, 'काला बाजार', सेंसर बोर्ड और 'मदर इंडिया' का प्रीमियर, जब 'पाकीजा' का नाम बदलने की नौबत आई, 'रेशमा और शेरा' के लिए अपना घर भी गिरवी रखा सुनील दत्त ने, जब 'आनंद' फिल्म बंद कर दी गई, 'कभी कभी' के लिए ऋषि कपूर ने कैसे की हां, कौन था 'लव स्टोरी' का निर्देशक? आदि। ये युगीन किस्से ऐसे हैं, जो बहुत कम ही लोगों को मालूम होंगे।

हमारा सिनेमा वैसे भी किस्से-कहानियों का सागर है। सिनेमा के होनहार हस्ताक्षरों में प्रमुख नसरीन मुन्नी कबीर की साक्षात्कार पुस्तकें, अरविंद कुमार और जयप्रकाश चौकसे के शख्सियतों पर रचे संस्मरण या चर्चित कलाकारों की जीवनियां इसी श्रेणी की ही हैं, जहां किस्सों की भी अपनी अहम भूमिका  है। अजय कुमार शर्मा ने भी अपनी रोचक शैली में उन्हें एक  नूतन पाठकीयता  प्रदान की है।  पुस्तक की जादुई शैली और लेखक की नाटकीय परख इस सिने-अवदान से हमें पूरा परिचय कराती है।

बॉलीवुड के अनकहे किस्से

अजय कुमार शर्मा

प्रकाशक | संधीश प्रकाशन

कीमतः 750 रुपये | पृष्ठः 142 पेज

 

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