भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2024 में 3.7 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है, जिससे भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। बढ़ती आय, विस्तारित मध्यवर्ग और उसकी महत्वाकांक्षाएं अलग-अलग उद्योगों को बढ़ावा दे रही हैं। इन उद्योगों में भारतीय शादी उद्योग भी है।
शादियां अब केवल व्यक्तिगत उत्सव नहीं रहीं, बल्कि बड़ी और भव्य घटना बन गई हैं। ये आयोजन सफलता, परंपरा और महत्वाकांक्षा का प्रतीक बन चुके हैं। साधारण तरीके से होने वाली शादियां अब पांच से सात दिन का रचनात्मक उत्सव बन चुकी हैं। इस बदलाव का कारण भारत का वैश्विक लग्जरी बाजारों से जुड़ाव और नवाचार संचालित अर्थव्यवस्था है। अब भारतीय शादी केवल परंपरा नहीं, बल्कि सपनों और सर्वोत्तम अनुभवों की अभिव्यक्ति है।
परिवार अब वैश्विक लग्जरी को अपनाते हुए अपनी स्थानीय विरासत का जश्न मना रहे हैं। महलों, समुद्र तटों और पहाड़ों में भव्य डेस्टिनेशन वेडिंग आम होती जा रही है। यह दिखाता है कि कैसे बढ़ती महत्वाकांक्षाएं हमारे सांस्कृतिक उत्सवों को आकार दे रही हैं। यह बदलाव केवल अमीरों तक सीमित नहीं है। सभी आय वर्ग के परिवार इस तरह की शादियों में पैसा खर्च कर रहे हैं। सोशल मीडिया भी इस बदलाव को बढ़ावा दे रहा है। लोग अपनी शादियों को खास और इंस्टाग्राम-योग्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
शादियों का असर कई उद्योगों पर पड़ता है। होटल व्यवसाय, फैशन, गहने, ईवेंट मैनेजमेंट और तकनीक सभी इससे प्रभावित हैं। एक शादी में सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता है, जैसे कपड़े तैयार करने वाले कारीगर, मंच बनाने वाले मजदूर और केटरिंग सेवाएं। तकनीक ने शादियों की प्लानिंग और आयोजन को आसान बना दिया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म वेन्यू सिलेक्शन, वेंडर मैनेजमेंट और वर्चुअल निमंत्रण जैसी चीजें आसान बना रहे हैं। जीरो-वेस्ट सजावट, स्थानीय खाना जैसे ट्रेंड लोकप्रिय हो रहे हैं। शादियों में क्षेत्रीय व्यंजनों का भी महत्व बढ़ा है। इस चलन से स्थानीय खाद्य आपूर्तिकर्ताओं और कारीगर ब्रांडों को बढ़ावा मिल रहा है। वेडिंग टूरिज्म समिट और एक्सपो जैसे कार्यक्रम उद्योग को नई दिशा दे रहे हैं।
क्षेत्रीय डेस्टिनेशन को प्रमोट करना, विदेशी मेहमानों के लिए वीजा प्रक्रिया को आसान बनाना और कर में छूट देना भारत की वैश्विक अपील को बढ़ा सकता है। भारत एक वैश्विक शादी केंद्र बन सकता है। शादियों को यादगार बनाने के लिए मेहमानों को तरह-तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। डेस्टिनेशन वेडिंग का चलन बढ़ता जा रहा है। पहले अपने ही शहर में शादी होने से सुविधाएं जुटाने में परेशानी कम होती थी। यही वजह थी कि शहर से बाहर जाकर शादी करने में लोग पहले हिचकते थे। लेकिन अब लोग मर्जी से शहर से बाहर जाकर शादियां कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण सुविधाओं का होना है। होटल, रेसॉर्ट मेहमानों को एक से बढ़ कर एक सुविधाएं देते हैं।
मेहमान तो छोड़िए मेजबान को भी अब किसी तरह की परेशानी नहीं उठाना पड़ती है। आजकल रिसोर्ट में इवेंट मैनेजमेंट टीम होती है, जो मेहमानों को ठहराने के लिए पहले से ही मेहमानों के आधार कार्ड ले लेती है। इससे जब वे आते हैं, तो कमरे में ठहरने की पूरी फॉर्मेलिटी पहले ही हो चुकी रहती है। इससे मेहमानों को आने के बाद कमरे के लिए जरा भी इंतजार नहीं करना पड़ता और उन्हें तुरंत चाभी सौंप दी जाती है। इवेंट टीम मेहमानों को होटल या रिसॉर्ट में मिलने वाली किन सुविधाओं का निशुल्क उपयोग कर सकते हैं।
(अध्यक्ष, पीएचडीसीसीआइ)