कतर में फीफा विश्व कप का रंगारंग आगाज हो चुका है और उद्घाटन मैच में मेजबान कतर को 2-0 गोल से मात देकर जोशीले इक्वाडोर ने चमत्कारी आश्चर्यों का दरवाजा भी खोल दिया। पहली दफा कोई अरब देश इसकी तैयारी में सकारात्मक और नकारात्मक हर तरह की सुर्खियों में चढ़ा। वर्षों से विश्व कप स्पर्धा फुटबॉल के दीवानों को कई यादगार मौके देता रहा है और 2022 का विश्व कप भी यकीनन कई यादगार पल छोड़ जाएगा। कई सितारे चमकेंगे-बुझेंगे, लेकिन वर्षों बाद भी दो नाम सुर्खियों के सरताज बने हुए हैं और इस बार ऐसी हवा है कि विश्व कप में यह उनका आखिरी जादुई प्रदर्शन हो सकता है।
जाहिर है, ये सरताज 35 वर्षीय लियोनेल मेस्सी और 37 साल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो हैं। दोनों ने अपने-अपने देशों के लिए महादेशीय ट्राफियां तो हासिल की हैं, लेकिन विश्व कप उनका इम्तिहान लेता रहा है। क्या यह साल दोनों में से किसी के नाम हो सकता है? आइए, दोनों दिग्गजों और उनकी टीम पर उनके असर का मोटा जायजा लें।
क्रिस्टियानो रोनाल्डो
रोनाल्डो के नाम सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल (117) का रिकॉर्ड है। शक नहीं कि आने वाले दिनों में यह लाजवाब स्ट्राइकर उसमें और इजाफा करना चाहेगा। पियर्स मॉर्गन के साथ उनके विस्फोटक इंटरव्यू को लेकर हालिया विवाद तो सुर्खियों में है ही, मैदान में कदम रखते ही वे सबकी निगाहों में होंगे। पुर्तगाल को ग्रुप एच में दक्षिण कोरिया, घाना और उरुग्वे के साथ रखा गया है।
रोनाल्डो ने पहले अपनी राष्ट्रीय टीम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, 2016 यूईएफए यूरोपीय चैम्पियनशिप जीती और तीन साल बाद यूईएफए नेशनल लीग प्रीमियर जीता। पुर्तगाल की टीम में कई सितारे हैं, उसे अपने ग्रुप एच में शीर्ष पर होना चाहिए, हालांकि ग्रुप की तीन अन्य टीमें दूसरों का गुड़ गोबर करने के लिए विख्यात हैं। इसलिए रोनाल्डो की टीम को लगातार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। अपने ग्रुप में पहले स्थान पर रहने से वे शायद ब्राजील से बचेंगे जो अपने ग्रुप में टॉप पर रह सकता है और ऐसा हुआ तो नॉकआउट में ग्रुप एच में दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम से भिड़ेगा।
पुर्तगाल में कैसे दम भर सकते हैं रोनाल्डो
पुर्तगाल के कप्तान कतर में अपना पांचवां विश्व कप खेलेंगे। पिछली विश्व कप स्पर्धाओं में 17 मैच में रोनाल्डो ने सात गोल दागे हैं और दो उनके दिए पास से हुए हैं। 2018 के विश्व कप में पुर्तगाल, उरुग्वे से एक महत्वपूर्ण मैच हारकर राउंड ऑफ 16 से आगे नहीं बढ़ सका।
पांच बार के विजेता ने अपनी टीम में हौसला भरने के लिए ट्विटर का सहारा लिया है। ट्वीट है: ‘राष्ट्रीय टीम पर संपूर्ण ध्यान। एकजुट टीम का बस एक ही लक्ष्य: पुर्तगाल की समूची अवाम के सपने को साकार करना!’ यूरो कप 2016 के फाइनल के उन पलों को कोई कभी नहीं भूल सकता। पुर्तगाल और मेजबान फ्रांस फाइनल खेले, मैच अतिरिक्त समय में पहुंच गया। एडर ने 109वें मिनट में गोल करके पुर्तगाल को पहला महादेशीय खिताब दिलाया, लेकिन वह मैच उस गोल के लिए नहीं, बल्कि रोनाल्डो के लिए याद किया जाता है जिन्हें लगभग आधे मैच से स्ट्रेचर पर बाहर जाना पड़ा था। उस रात पुर्तगाल का वह पावरहाउस कोच फर्नांडो सैंटोस के साथ साइडलाइन से चिल्ला-चिल्ला कर खिलाड़ियों में दम भर रहा था और टिप्स दे रहा था। बस, वह आखिरी बार ही नहीं था। हाल में उठे विवादों के बावजूद रोनाल्डो ही दम भरने की ताकत रखते हैं।
लियोनेल मेस्सी
लियोनेल मेस्सी फुटबॉल विश्व कप जीतने के सबसे करीब 2014 में पहुंचे थे जब अर्जेंटीना की टीम फाइनल में पहुंची थी, लेकिन 113वें मिनट में जर्मनी के मारियो गोट्ज के इकलौते गोल से मैच निकल गया।
मेस्सी दुनिया भर में फुटबॉल के दीवानों के लिए भगवान से कम नहीं हैं, लेकिन अर्जेंटीना में वे आज तक उस देश से निकले डिएगो माराडोना के बाद दूसरे लाजवाब फुटबॉलर हैं। माराडोना ने अपने देश को 1986 में ट्रॉफी दिलाई थी, लेकिन मेस्सी के खाते में रोनाल्डो की ही तरह फीफा विश्व कप की ट्रॉफियों का टोटा है। इसी वजह से इस अर्जेंटीनावासी से लोगों का भरोसा उठने लगा है, ऐसे भी कहने वाले हैं कि वे कभी विश्व कप नहीं जीत पाएंगे। अर्जेंटीना ने जब 2021 में कोपा अमेरिका का खिताब जीता, उसके बाद से मेस्सी में थोड़ा भरोसा लौटा है।
अर्जेंटीना में कैसे दम भर सकते हैं मेस्सी
विश्व कप ड्रॉ में अर्जेंटीना को सऊदी अरब, मैक्सिको और पोलैंड के साथ ग्रुप सी में रखा गया है। यह ग्रुप मेस्सी और उनकी टीम के शीर्ष पर पहुंचने के लिए आसान दिखता है, लेकिन उन्हें बेहद लोचदार खिलाड़ी रॉबर्ट लेवांदोवस्की की अगुआई वाले पोलैंड से भिड़ना होगा। वे सऊदी अरब को भी कम नहीं आंकेंगे, जिसे छुपा रुस्तम कहा जा रहा है। इसी तरह, मैक्सिको अपने दम पर आ जाए तो जाइंट किलर हो सकती है, उसे भी कम आंकना भूल होगी। कुल मिलाकर, ग्रुप में अर्जेंटीना को डटकर मुकाबला करना होगा।
जो भी हो, सट्टेबाजों ने तो इस साल विश्व कप विजेता के लिए अर्जेंटीना और ब्राजील पर दांव लगाया है, जो शायद मेस्सी की आखिरी जादुई छुअन देखने की उम्मीद में हैं। फिर, अर्जेंटीना 35 मैचों में हारा नहीं है, इस रिकॉर्ड को आसानी से हाथ से जाने नहीं देगा।
मेस्सी ने सीधे-सीधे यह तो नहीं कहा है कि यह उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत है, लेकिन फुटबॉल दीवानों के लिए छोटे-मोटे संकेत जरूर छोड़े हैं। अब तक उन्होंने 19 विश्व कप मैच खेले हैं, जिसमें छह गोल और पांच पास के साथ योगदान दिया है। अर्जेंटीना के पास चार विश्व कप खेलने का अनुभव है और वह फुटबॉल उन्मादी देश का दबाव झेलने के मामले में माहिर है।
2018 का विश्व कप अर्जेंटीना भूल जाना चाहेगा और जितनी जल्दी वे उन यादों को भूलेंगे, उनके लिए बेहतर होगा। उसके बजाय मौजूदा हालात पर ध्यान लगाएंगे। मेस्सी लाजवाब फुटबॉलर हैं और उन्होंने पिछले साल ही एक अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता है। यह दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र उन यादों को सहेजेगा तो दुनिया बेहतर दिखेगी।
कौन साबित होगा छुपा रुस्तम?
हर विश्व कप में ऐसी टीमें आती हैं जो टूर्नामेंट में तमाम गणनाओं को गड़बड़ा देती हैं। इस बार कौन सी होंगी वे टीमें?
परस्पर विरोधी एहसास जीवन की सच्चाई है। इसलिए कतर में 2022 फीफा विश्व कप भले ही कुछ विवादों को समेटे हुए हो, मगर फुटबॉल के दीवाने तो बेहद उत्सुकता के साथ इंतजार कर रहे हैं।
हर विश्व कप में कई लाजवाब और यादगार किस्से होते हैं और यह भी उत्सुकता बनी रहती है कि पता नहीं, कौन छुपा रुस्तम होगा? कौन से पसंदीदा सितारे धराशायी हो जाएंगे? मसलन, 2018 विश्व कप में रूस अपने दो ग्रुप मैच जीत गया, 16 के राउंड में स्पेन को बाहर कर दिया और क्वार्टर फाइनल में पेनाल्टी में हार गया। आइए कुछ ऐसों पर नजर डालते हैं जो कतर में चौंका सकते हैं और सब कुछ गड्डमड्ड कर सकते हैं:
उरुग्वेः दो बार के विजेताओं के क्वालिफाई करने का सफर अजीब नाटकीयता भरा रहा। उसने 2021 के अपने आखिरी चार गेम गंवाए और क्वालिफाई करने की दौड़ में बने रहने के लिए कुछ शानदार प्रदर्शन की जरूरत थी, लेकिन ऑस्कर तबरेज की टीम ने ठेठ उरुग्वे अंदाज में 2022 में हार नहीं मानी और कतर में अपनी जगह बना ली।
इस दक्षिण अमेरिकी टीम में दिग्गज अनुभव और युवा जोश का अच्छा संतुलन है। उसमें डिएगो गोडिन, लुई सुआरेज और एडिंसन कैवानी जैसे उम्रदराज अनुभवी खिलाड़ी हैं जो अभी भी टीम प्रदर्शन में गजब का फर्क पैदा करने की क्षमता रखते हैं। फिर, उसमें फौलादी मिडफील्डर फेड वाल्वरडे, रोड्रिगो बेंटानकुर और मटियास वेसिनो भी हैं। इसमें डार्विन नुनेज की गोल करने के खतरनाक हुनर को जोड़ लें तो वाकई यह टीम खतरनाक हो सकती है।
ग्रुप एच में पुर्तगाल, दक्षिण कोरिया और घाना के साथ रखी गई उरुग्वे की टीम अपने सभी मिडफील्डरों को पूरे फॉर्म में मैदान में उतार सकी तो उसमें दुनिया जीतने की क्षमता है।
सेनेगलः टीम के जादुई दिग्गज सादियो माने का दाहिना पैर चोटिल है और टूर्नामेंट के शुरुआती मैच वे नहीं खेल पाएंगे। उनकी गैर-मौजूदगी तो महसूस की जाएगी, लेकिन अफ्रीकी चैंपियन टीम के पास कतर, इक्वाडोर और नीदरलैंड वाले मुश्किल ग्रुप ए में टॉप पर रहने की पर्याप्त ताकत है। माने के बिना भी सेनेगल की टीम काफी मजबूत है, खासकर गोल में एडुआर्ड मेंडी, डिफेंस में कालिदौ कॉलीबेली और मिडफील्ड में इद्रिस्सा गन ग्यूए जैसे खिलाड़ी टीम की रीढ़ हैं। तेरंगा के शेर स्ट्राइक के लिए इस्माइला सर्र, बोउले दीया और बंबा डिएंग पर भरोसा कर सकते हैं। बेशक, यह स्पष्ट है कि सेनेगल की टीम फ्री-स्कोरिंग नहीं है, लेकिन वह मजबूत और अनुशासित है, जो बड़ा उलटफेर करने के काबिल है।
सर्बियाः सर्बिया ऐसी टीम नहीं है जिसने विश्व कप के लिए क्वालीफाई करके लोगों का चौंका दिया हो। उसका अभियान काफी औसत सा रहा था लेकिन आखिरी मैच के लिए जब टीम लिस्बन पहुंची तो पुर्तगाल को हरा दिया।
सर्बिया ग्रुप जी में हमेशा सबकी पसंदीदा टीम ब्राजील, स्विट्जरलैंड और कैमरून के साथ है। उनमें स्ट्राइक की ताकत है और गोल करने का हुनर भी लाजवाब है।
अलेक्जेंडर मित्रोविक फिर आग लगा रहे हैं। 2018 में दुसान व्लाहोविक ज्यादा नहीं चल पाए थे, लेकिन पिछले कुछ सीजन में उनके प्रदर्शन की वजह से 2022 विश्व कप में उन पर नजरें बनी रहेंगी।
अगर ये दोनों स्ट्राइकर किसी खास दिन नहीं चल पाए, तो लुका जोविक जादू बिखेरने के लिए मौजूद हैं।
मिडफील्ड में दुसन टैडिक मैच बनाने के सूत्रधार हैं। उनकी मदद के लिए लाजियो के सर्गेज मिलिंकोविक-साविक मौजूद हैं। फिलिप कोस्टिक बाएं किनारे से चढ़ने वाले लाजवाब हुनर के मालिक हैं, जिसका फायदा मित्रोविक और व्लाहोविक उठा सकते हैं।
सर्बिया अपना डिफेंस दुरुस्त कर ले या कम से कम कुछ दरारों को भर ले, तो विरोधियों के छक्के छुड़ा सकती है।