नई सनसनी
आइपीएल होगा तो खिलाड़ियों की चर्चा होगी ही। लेकिन चौके-छक्के, मैच जीतने-हारने के बीच खिलाड़ियों से ज्यादा आजकल तमन्ना वाही की चर्चा है। पेशे से टीवी प्रेजेंटर, ब्लॉगर वाही दुबई में रहती हैं और एक एफएम चैनल में काम करती हैं। मैच के दौरान या खत्म होने के बाद वे अक्सर दिखाई देती हैं। जितने लोग आइपीएल नहीं देखते उससे ज्यादा लोग वाही को देखने के लिए स्क्रीन पर नजरें टिकाए रहते हैं। तमन्ना की तमन्ना है कोई उन्हें देखे या न देखे, लेकिन बॉलीवुड वाले एक बार उन्हें जरूर देख लें।
भरी है झोली
केवल सरनेम कपूर होने से कुछ नहीं होता। कम से कम वाणी कपूर के साथ तो ऐसा ही हुआ है। उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा। अब वाणी की गाड़ी चल पड़ी है। खुशी जाहिर करने के लिए उन्होंने बिकनी के बजाय ऑफ शोल्डर ड्रेस चुनी। किसी ने कमेंट किया, काला क्यों। दिल्लगी से उन्होंने पूछा, “काला न पहनने का कोई कारण...।” दिलजले को कौन समझाए डिठौने का रंग हर तरफ हो, तो नजर लगेगी नहीं सिर्फ पड़ेगी, वह भी सही जगह, चेहरे पर।
इल्मी-फिल्मी
खेल में हारे तो फिर जीत सकते हैं लेकिन दिल के हाथों हार गए, तो...। दिल की लगी है ही ऐसी कि जब तक नतीजा हाथ में न आ जाए, चैन नहीं मिलता। क्रिकेट खिलाड़ी दीपक चाहर ने शायद इसलिए मैच खत्म होने के बाद बिना इंतजार किए स्टैंड में ही अपनी गर्ल फ्रैंड जया भारद्वाज को प्रपोज कर दिया। अच्छा खेल कर भी चाहर इतना जाना पहचाना नाम न बन पाते, जितना घुटनों के बल बैठ कर प्रपोज करने से बन गए।
दीदार-ए-ताज
संगमरमरी मीनारों और गुंबदों वाला ताज न जाने कितने विशेष मेहमानों की आगवानी कर चुका है। दूधिया सफेद इमारत के सामने बैठ कर फोटो खिंचवाना हर आम-ओ-खास का शौक होता है। इस बार ताज ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन का स्वागत किया, तो लग रहा था कि ये संगमरमरी मीनारें ज्यादा खूबसूरत हैं या फ्रेडरिक्सन। ताज की खूबसूरती की दिल से मुरीद हो गई फ्रेडरिक्सन ने विजिटर बुक में लिखा, “दिस प्लेस इज ब्यूटीफुल।” फोटो में उनकी मुस्कराहट ही बता रही है कि उन्होंने नजारों को कैमरे से ज्यादा नजरों में कैद किया है।
नया आगाज
सस्टेनेबल, दीया मिर्जा के लिए सिर्फ शब्द नहीं है। वे इस शब्द को आत्मसात करती हैं। अपनी शादी में भी दीया ने पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने वाली चीजों से सजावट की थी। थप्पड़ में दमदार भूमिका निभाने वाली इस हैदराबादी बाला ने शादी और बच्चे के बाद परदे के बजाय स्टेज पर वापसी की, तो भी इस बात का खयाल रखा। काले-सफेद काफ्तान में खास बात उसकी मरून बाहें नहीं बल्कि रीसाइकल थीम थी। इको फ्रेंडली कलेक्शन के कारण दीया ने अब्राहम और ठाकोर को चुना।