बज गई घंटी
दिमाग की घंटी बज जाए, इससे बेहतर क्या हो सकता है। पुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्र में सिपोकाजी सोकानिले ने ऐसी एंट्री मारी की घंटी नहीं घंटियां बज उठीं। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरे टेस्ट में तीन मैचों की सीरीज में अफ्रीकी पुरुष क्रिकेट टीम की मीडिया मैनेजर सिपोकाजी सोकानिले ने ऐतिहासिक वांडरर्स मैदान की घंटी बजाई। बराबरी की ओर पहला “वास्तविक” कदम बढ़ गया है।
बचना ऐ हसीनों
काम है, तो नाम है। नाम है, तो दाम है। इसी की तो मारामारी है। हॉट बेब्स तो बहुत हैं, लेकिन हॉटनेस के साथ काम भी मिलता चले तो कहने ही क्या। मैडम रकुल प्रीत सिंह की लिस्ट में काम की तो कई कमी नहीं। जॉन अब्राहम के साथ अटैक, आयुष्मान खुराना के साथ डॉक्टर जी, अजय देवगन और सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ छतरीवाली...बस गिनते ही जाइए। और भी हैं, जो कतार में हैं। इस बीच मालदीव की ऐसी फोटूएं तो बस माहौल बनाती हैं। बिकनी ब्रिगेड की हसीनाओं सावधान हो जाओ।
ये जो चिलमन है...
उम्मीद थी कि कभी तो खदीजा रहमान का चांद सा मुखड़ा देखने को मिलेगा। लेकिन ये क्या, सगाई के दिन भी ए आर रहमान की दुलारी ने मास्क के पीछे अपना चेहरा छुपा लिया। खदीजा को बधाई से ज्यादा इस बात के संदेशे आए कि ऐसा भी क्या जुल्म, जो खास मौके पर भी दीदार न होने दिए। ट्रोलर्स की तो जैसे लॉटरी ही लग गई। लेकिन खदीजा भी कोई छोटी-मोटी हस्ती नहीं हैं। उन्हें ट्रोल करने वालों में तसलीमा नसरीन भी शामिल हैं।
बस करो रे बाबा
बिखरे बालों में, दिलकश मुस्कराहट के साथ पानी में अठखेलियां करती ये तस्वीर ऐसे किसी व्यक्ति को क्यों भाएगी, जिसे लगता हो कि अक्केनी जैसा बड़ा सरनेम जाने के बाद भी सामंथा बहुत आसानी से सामंता रुथ प्रभु हो गईं। न कहीं कोई बयान न पति अलग होने का दुख। पुष्पा द राइज में एक्टिंग भले ही किसी ने भी अच्छी की हो, लेकिन सामंथा जब आइटम नंबर पर थिरकीं, तो कई दिलजलों के दिल जल गए। अकेले होने के इस उत्सव को जनता ने गाने में गलत हरकतों की एफआइआर का तोहफा दिया।
नाचो झूम कर
दिलकश वही होता है, जो आत्मविश्वासी होता है। जैसे अपनी स्वरा। अपने अंदाज को लेकर हमेशा सुर्खियां बटोरती स्वरा भास्कर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय अलग रखती हैं। पहनावे को लेकर भी उनका यही हाल है। लुक के साथ एक्सपेरिमेंट करने से कभी न डरने वाली स्वरा का नया अंदाज देख कर हर उस लड़की को खुशी होगी, जो बिंदास दिखना चाहती है। घेरदार लहंगे पर स्वरा के स्नीकर्स ही बता रहे हैं कि उनकी पसंद हर बार इतनी अलग और जोरदार क्यों होती है।