सब जायज
क्या फर्क पड़ता है कि दूल्हे का नाम क्या है? ट्रोल आर्मी को पड़ता होगा लेकिन ऋचा चड्ढा तो वैसे ही उनकी परवाह नहीं करतीं। दस साल से दोस्त रहे अली फजल को उन्होंने अपने जीवन में शामिल कर ही लिया। इस मौके पर मुबारकबाद तो दूर कुछ लोग लव जिहाद का राग लेकर बैठ गए। ऋचा जानती हैं कि ट्रोल आर्मी के लिए सबसे मुफीद जवाब यही है कि वे शादी की खुशनुमा तस्वीरें डालती रहें।
लड़ेंगे साथी
पूरी दुनिया में युद्ध पीड़ितों, बाढ़ पीड़ितों और लड़कियों की शिक्षा के लिए हमेशा आगे रहने वाली एंजोलिना जॉली को अब खुद ही अपने लिए लड़ना पड़ रहा है। जॉली के पूर्व पति ब्रेड पिट ने उनके एक बच्चे का गला दबा दिया था और कई बार वे दुर्व्यवहार भी कर चुके हैं। 2016 की इस घटना को अब उन्होंने इसलिए सार्वजनिक किया है क्योंकि ब्रेड पिट ने उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए बिना उनकी जानकारी के कई संपत्तियां बेच दी हैं।
फुर्सत के पल
यह वक्त की ही बात है कि आजकल सचिन तेंडुलकर को नई पीढ़ी के लोग सारा तेंडुलकर के पापा के रूप में जानते हैं। सोशल मीडिया की चहेती सारा की तस्वीरों पर लाइक, कमेंट की बारिश होती ही रहती है। सचिन को उनके खेल से पसंद करने वाली पीढ़ी को भी सारा की नई तस्वीरों और उनके नए प्रोजेक्ट के बारे में ज्यादा दिलचस्पी रहती है।
बचपन की आस
बचपन से देखा ख्वाब यदि फिल्मों के जरिये ही पूरा हो जाए, तो क्या कहना। ऐसा ही कुछ परिणीति चोपड़ा के साथ भी हुआ है। उनकी दिली ख्वाहिश थी कि वे एक जासूस या खुफिया एजेंट बनें। कोड नेम तिरंगा में उनकी यह इच्छा भी पूरी हो रही है। मतलब बॉलीवुड को तापसी पन्नू का भी विकल्प मिल गया है। जो अक्सर ऐसे रोल निभाती रहती हैं।
तालियां बजती रहें
सुष्मिता सेन को जो जानते हैं, वे यह भी मानते हैं कि वह जिस भूमिका को निभाएंगी, वो कितनी दमदार होगी। वह सिर्फ निभाने के लिए रोल नहीं चुनतीं। इस बार वे ताली में किन्नर बन कर दर्शकों के सामने आएंगी। सेन का कहना है, इस भूमिका के लिए मानसिक तैयारी ही सबसे महत्वपूर्ण है। सेन जानती हैं कि किसी भी भूमिका को निभाने से पहले रोल की आत्मा को समझना होता है। तस्वीर का अंदाज ही देख लीजिए।