तीर ए नजर
लब पर मुस्कराहट आते-आते ठहर गई, नजर थी कि जिगर को भेद गई। आलिया भट्ट की इस तस्वीर पर क्या न लुटा दिया जाए। न्यूयॉर्क के मेट गाला में हिस्सा लेने वाली गंगूबाई काठियावाड़ी स्टार की फूलों से भरी साड़ी को सब्यसाची ने डिजाइन किया था। ‘द गार्डन ऑफ टाइम’ थीम पर सब्यसाची ने तो कमाल किया ही लेकिन आलिया के मिनिमिलिस्टिक लुक ने इतनी तारीफ बटोरी कि हर जगह उनके लुक की चर्चा थी। कुछ सेलेब्रिटी उनकी वजह से ही वहां फीके नजर आए।
संभल के बोलना
अनिल कपूर ने ‘झक्कास’ बोलने पर पाबंदी लगवा दी। अब उनकी देखादेखी जैकी श्रॉफ भी दिल्ली हाइकोर्ट पहुंच गए हैं। जैकी दादा चाहते हैं कि उनकी अनुमति के बिना, उनकी आवाज, उनके तकिया कलाम ‘भिड़ू’, ‘जग्गू दादा’ जैसे संबोधन इस्तेमाल न किए जाएं। व्यावसायिक हित के लिए तो बिलकुल भी नहीं। जग्गू दादा जब तक इसकी अनुमति नहीं ले लेते तब तक तो कुछ मीम, कुछ थीम पर बात हो ही सकती हैं। क्यों सही है न भिड़ू।
कतार में
इस साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार चयन समिति को अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है। सैम बहादुर के लिए पहले से ही विकी कौशल अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। अब एक और चैंपियन मैदान में उतर रहे हैं। कॉमेडी फिल्मों के हीरो समझे जाने वाले कार्तिक आर्यन का लुक देख कर तो लग रहा है चंदू इस बार चैंपियन बन ही जाएगा।
साफगोई
कहने वाले कुछ भी कहते रहें लेकिन अलाया एफ को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। श्रीकांत की सफलता का आनंद ले रही अलाया का कहना है कि किसी एक्टर को करोड़ में फीस इसलिए चाहिए होती क्योंकि महंगाई बढ़ गई है। हेयर स्टाइलिस्ट, मैकअप मैन से लेकर पीआर तक सब कुछ महंगा है। अच्छा हुआ देवी जी आपने बता दिया, हम तो दाल और सब्जी महंगी होने को ही महंगाई मानते थे।
पहली-पहली बार
धांसू डेब्यू भी कभी-कभी ज्यादा होशियारी से फीका पड़ जाता है। भारत में अभी ‘पहली बार कान में कियारा आडवाणी’ हेडलाइन से खबरें चलनी शुरू ही हुई थीं कि उनके फेक एक्सेंट ने सारा खेल बिगाड़ दिया। उनके हाइ स्लिट गाउन की चर्चा, ऐश्वर्या राय या किसी दूसरी हिरोइन से तुलना से पहले जनता ने कहा, फेक एक्सेंट क्यों। भारत का प्रतिनिधित्व और भारत के लहजे से ही परहेज।