इस बार टी 20 विश्व कप फाइनल ने रोमांच की सारी हदें पार कर दीं। कांटे के मुकाबले का अंत दक्षिण अफ्रीका पर भारत की शानदार जीत के साथ हुआ। दूसरी पारी में 15 ओवर पूरे होने तक लग रहा था कि दक्षिण अफ्रीका ने एक हाथ ट्रॉफी पर जमा ही लिया है। लेकिन जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या और अर्शदीप सिंह की तिकड़ी ने मैच को ऐसा नाटकीय मोड़ दिया कि दर्शक बस देखते ही रह गए। 20वें ओवर की अंतिम गेंद के साथ जैसे ही भारत विश्व विजेता बना, मैदान में मौजूद प्रशंसकों और सात समंदर पार खिलाड़ियों के साथ भारत में भी खुशी के आंसू छलक पड़े। भारत ऐसे फॉर्मेट में चैंपियन बना, जिसमें उसे सबसे कम मौका दिया जाता था। इंडिया पहली ऐसी टीम भी बनी, जिसने पूरी प्रतियोगिता में कोई भी मैच नहीं हारा और ट्रॉफी पर कब्जा किया।
राहुल द्रविड़ ने भारतीय कोच के रूप में टीम इंडिया को आखिरकार फाइनल पड़ाव पार करा ही दिया। 2007 के एकदिवसीय विश्व कप में मिली शर्मनाक हार के बाद से यकीनन उन्हें इस पल का इंतजार रहा होगा। बतौर कप्तान न सही बतौर कोच ही सही राहुल की झोली में एक विश्व कप आ ही गया।
बारबाडोस ब्रिजटाउन के केंसिंग्टन ओवल मैदान पर मुकाबला दो ऐसी टीमों के बीच था, जिन पर लगातार ‘चोकर’ (खिताब के करीब आकर बार-बार हारने वाली टीम) का तमगा लगता आया है। दक्षिण अफ्रीका पहली बार किसी विश्व कप के फाइनल में पहुंचा था, वहीं भारत 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से सात आईसीसी नॉकआउट मुकाबलों में हारकर यहां तक पहुंचा था। 2023 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया से घर पर मिले जख्म अब तक ताजा थे। दर्शकों की नजर में भले यह मैच चोकर बनाम चोकर के बीच था। लेकिन मुकाबले में 35 ओवर तक नहीं लगा कि कोई टीम चोक कर रही है। विराट कोहली के धैर्य और अक्षर पटेल के आक्रामक अंदाज ने खेल में गति बनाए रखी। पटेल की अच्छी पारी और शिवम दुबे के कैमियो के साथ विराट कोहली के 76 (59) रनों ने टीम इंडिया के इरादों को मजबूती दी। 177 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी अफ्रीका टीम क्लासेन के आने से पहले पीछे चल रही थी। लेकिन क्लासेन की तेज फिफ्टी के साथ कुलदीप और अक्षर के दो महंगे ओवरों ने मैच पलट दिया। उन्हें 30 गेंदों में 30 रनों की आवश्यकता थी। यहीं से भारत ने बाजी पलट दी। पेसर्स की तिकड़ी ने अपना जादू बिखेरा और भारत की झोली में 11 साल बाद आईसीसी ट्रॉफी डाल दी।
विराट ऐसे टूर्नामेंट के फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बने, जहां उनका बल्ला अधिकांश मौकों पर खामोश रहा। उनके ओपनिंग पार्टनर रोहित शर्मा ने बतौर कप्तान और बल्लेबाज अपनी जिम्मेदारियों को खूब निभाया। टी 20 वर्ल्ड कप में हमेशा आलोचनाओं के निशाने पर रहने वाले रोहित ने इस बार ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमों के खिलाफ बड़े मुकाबलों में अटैकिंग फिफ्टी जमाई। सूर्य कुमार यादव ने भी कई मौकों पर टीम की नैया पार लगाई और दिखाया कि क्यों उन्हें इस फॉर्मेट का सबसे सोशल प्लेयर कहा जाता है। ऋषभ पंत, अक्षर पटेल और हार्दिक पांड्या ने अपने रोल सधे हुए तरीके से अदा किए। हालांकि, शिवम दुबे और रवींद्र जडेजा पूरे टूर्नामेंट में चर्चा का केंद्र रहे। गेंदबाजों में बुमराह, अर्शदीप, कुलदीप, अक्षर, हार्दिक ने कहर ढाया तो वहीं शुरुआती मैचों में सिराज के मियां मैजिक ने भी ध्यान खींचा। इस विश्व कप जीत के पीछे केवल किस्मत नहीं बल्कि स्पष्ट प्लानिंग थी।
एक महीने पहले जब टीम का ऐलान हुआ था तब राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा के साथ बीसीसीआई पर सवाल प्लानिंग के लिए ही उठे थे। चार स्पिनरों को ले जाने का कारण पूछे जाने पर रोहित शर्मा ने कहा था, वे वेस्ट इंडीज पहुंचकर इसका जवाब देंगे। ग्रुप चरण में अमेरिका की नई और स्लो पिचों पर रोहित ने तीन पेसर और हार्दिक का इस्तेमाल किया। लेकिन जैसे ही सुपर 8 स्टेज आया, तो सिराज की जगह कुलदीप ने ले ली। टीम कॉम्बिनेशन में निरंतरता हमेशा से रोहित की कप्तानी की खासियत रही है। इस टूर्नामेंट में भारत ने 15 में से केवल 12 खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया, जो रोहित की कप्तानी की खासियत को दर्शाता है। विराट कोहली को ओपनिंग कराने का फैसला भले सही साबित नहीं हुआ लेकिन खिलाड़ियों पर भरोसा करने की रोहित की अच्छी आदत फाइनल में कारगर साबित हुई। सबसे खास बात यह रही कि इस वर्ल्ड कप के 8 मैचों में 7 अलग-अलग खिलाड़ियों ने प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीता। 7 रनों से टीम ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर विश्व कप जीता।
भारत के चमकते पांच सितारे
हार्दिक पांड्या
उपकप्तान ने पिछले छह आठ महीनों में मिली ट्रोलिंग का जवाब अपने प्रदर्शन से दिया। 6 परियों में 151 से अधिक के स्ट्राइक रेट से 144 रन बनाए। गेंदबाजी में 18 से कम के औसत से 11 विकेट लिए।
अर्शदीप सिंह
8 मैचों में 12.65 की औसत से 17 विकेट चटकाए। संयुक्त रूप से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।
सूर्य कुमार यादव और रोहित शर्मा
टी 20 में विश्व के दूसरे नंबर के खिलाड़ी ने इस टूर्नामेंट में 8 मैचों में करीब 137 स्ट्राइक रेट से 199 रन बनाए। भारत के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे। रोहित आठ मुकाबलों की आठ परियों में 156.71 के स्ट्राइक रेट से 257 रन बनाए। 36.71 का औसत। टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने के मामले में दूसरे स्थान पर रहे।
जसप्रीत बुमराह
मौजूदा समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेदबाज। 8 मैचों में 8.27 की इकोनॉमी से 15 विकेट झटके। उनकी इकोनॉमी भी 4.18 की रही। प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब भी जीता।
रोमांच भरा सफर
विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों ने टी 20 से संन्यास की घोषणा की
मुश्किल पिच पर चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर जीत
पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने भारत को पहले बल्लेबाजी करने के लिए कहा और पूरी टीम 19 ओवर में 119 रन पर आउट हो गई। बाबर की टीम बुमराह की अविश्वसनीय बॉलिंग के सामने बिखर गई और छह रनों से हारकर ग्रुप-स्टेज से बाहर होने के कगार पर आ गई।
ग्रुप स्टेज में अमेरिका की चुनौती फीकी
अर्शदीप सिंह (4/9) की टी 20 क्रिकेट में अपना सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन दर्ज करने के बाद यूएसए 110 रन पर आउट हो गया। लक्ष्य का पीछा करते हुए, भारत ने सिर्फ 39 रन के स्कोर पर रोहित शर्मा, विराट कोहली और ऋषभ पंत को खो दिया। सूर्यकुमार यादव के सधे हुए अर्ध शतक की बदौलत लक्ष्य का पीछा करना आसान हो गया।
रोहित का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑल आउट अटैक
सुपर 8 में अफगानिस्तान-बांग्लादेश को हराने के बाद भारत ऑस्ट्रेलिया से भिड़ा। इस मुकाबले में भारत के कप्तान रोहित शर्मा, मिचेल स्टार्क और कमिंस के नेतृत्व वाले गेंदबाज टूट पड़े। उन्होंने 41 गेंदों में 92 रनों की पारी के दौरान प्रतिद्वंद्वियों के होश उड़ा दिए। हालांकि, ट्रेविस हेड ने भारत के मंसूबों पर पानी फेरना चाहा लेकिन सफल नहीं हो सके। शानदार जीत के साथ भारत ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
कुलदीप-अक्षर की जोड़ी
स्पिन जोड़ी ने इंग्लिश बल्लेबाजों को परेशान कर दिया। इंग्लैंड के पास इनसे बचने का कोई तरीका नहीं था। टीम इंडिया ने पिछले 12 महीनों में तीसरे आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया।
फिर चला कोहली का बल्ला
विराट ने फाइनल में टीम को अनिश्चित स्थिति से बाहर निकाला। 59 गेंदों में 76 रनों की उनकी पारी ने कुल स्कोर की जो नींव रखी वो भारतीय गेंदबाजों के लिए केंसिंग्टन ओवल में दक्षिण अफ्रीका के हाथों से ट्रॉफी को छीनने के लिए पर्याप्त साबित हुई।
सूर्य का शानदार कैच
खतरनाक डेविड मिलर ने हार्दिक पंड्या की वाइड फुल टॉस गेंद पर सामने की ओर शॉट मारा, लेकिन सूर्य कुमार ने खुद को रस्सी पर स्थिर किया, गेंद को पकड़ा, सीमा रेखा के पार जाते ही उसे छोड़ दिया और फिर कैच को पूरा करने के लिए वापस आए। जिस तरह 1983 के अभियान में कपिल देव या 1996 में जोंटी रोड्स के ब्लाइंडर कैच की तरह बात की जाती है, इस कैच को भी प्रशंसक कभी नहीं भूलेंगे।
विश्व कप जीत पर विराट-रोहित का संन्यास भारी
कप्तान रोहित शर्मा ने लंबे समय के साथी विराट कोहली के साथ अंतरराष्ट्रीय टी 20 मैचों से संन्यास की घोषणा की। 15 साल से एक-दूसरे के साथ चल रहे शानदार खिलाड़ियों के लिए करियर विराम का इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता था। एक दिन बाद रविंद्र जडेजा ने भी टी 20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। यह वर्ल्ड कप इनके आखिरी टी20 कप के लिए याद किया जाएगा।