कई विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमा चुके मध्य प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह उर्फ राहुल भैया कांग्रेस की जीत का दावा कर रहे हैं। उनका मानना है कि मध्य प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में पार्टी की समाज सेवा की भावना कांग्रेस के लिए शुभ संकेत लेकर आने वाली है। उनसे आउटलुक ने बातचीत की। मुख्य अंश:
आगामी विधानसभा चुनाव पिछले विधानसभा चुनावों से कैसे अलग नजर आता है?
मध्य प्रदेश और उसकी जनता के लिए यह एक निर्णायक चुनाव है। ठीक कर्नाटक चुनाव की तरह ही प्रदेश में आने वाले परिणाम सभी को चौंकाने जा रहे हैं। प्रदेश के मतदाता गुस्से में हैं और भाजपा की भ्रष्ट सरकार को उखाड़ने जा रहे हैं। इस चुनाव में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता, शिवराज सिंह के कई कैबिनेट सहयोगियों की विदाई होना तय है।
पिछले चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा पर सीटें कम मिलीं। कांग्रेस पार्टी का वोट प्रतिशत तो कम रहा पर ज्यादा सीटें बटोर कर पार्टी सरकार बनाने में कामयाब रही। कांग्रेस इस चुनाव में यह खाई कैसे पाटने जा रही है?
पिछले चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत जबरदस्त तरीके से बढ़ा है। 2018 के बाद हुए नगर पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस के मत प्रतिशत ने रफ्तार पकड़ी है। इस रफ्तार में अब ब्रेक लग पाना नामुमकिन है।
2018 का विधानसभा चुनाव कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामंजस्य से लड़ा गया था। जानकारों का कहना है कि अकेले कमलनाथ के चेहरे पर चुनाव जीत पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि जनता के बीच स्वीकार्यता के मामले में वे शिवराज सिंह चौहान से कमजोर हैं। कांग्रेस किस रणनीति के साथ मतदाताओं के बीच जाएगी?
आप जिन नेता जी की यहां बात कर रहे हैं वे इतिहास भर बनकर रह गए हैं। उनका प्रभाव तो अब उनकी अपनी सीट पर ही नहीं है। कितनी चौंकाने वाली बात है कि इन नेताजी को उनके ही कार्यकर्ता ने उन्हें हार की माला पहना दी। प्रदेश के इतिहास में इसके पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। आज कांग्रेस का हर कार्यकर्ता, नर्मदा नदी किनारे बसे जैत गांव (मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का गांव) के बूथ से लेकर राजधानी के हर बूथ में सक्रिय होकर अपना काम कर रहा है। आप थोड़ा इंतजार तो कीजिए, एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी की सरकार कमलनाथ जी के नेतृत्व में बनने जा रही है।
आरोप है कि 15 महीने चली कांग्रेस की सरकार लोगों के लिए न कुछ कर पाई और न ही कुछ दे पाई, उलटे मंत्रालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया गया। आपका इस पर क्या कहना है?
भाजपा ने 2003 के बाद भ्रष्टाचार, झूठ और छलावे के अलावा मध्य प्रदेश को क्या दिया है? भाजपा ने प्रदेश को खोखला कर दिया और लोगों की हथेली पर भ्रष्टाचार के बीज रख दिए हैं। आज कोई भी सरकारी काम बिना रिश्वत के नहीं हो पाता है। प्रदेश की माताएं और बहनें अब तो ये कह रही हैं कि सरकार की किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए 1000 रुपये तो बाबुओं और अधिकारियों को देने पड़ते हैं, इसके बाद भी उनके हाथ कुछ नहीं लग पाता।