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इंटरव्यू/मनीष शाहः “डबिंग इंडस्ट्री दस हजार करोड़ रुपये की होने जा रही”

फिल्म निर्माता तथा गोल्डमाइंस टेलीफिल्म्स के निदेशक मनीष शाह हिंदी में लोकप्रिय क्षेत्रीय फिल्मों को डब करने के लिए जाने जाते हैं
मनीष शाह

फिल्म निर्माता तथा गोल्डमाइंस टेलीफिल्म्स के निदेशक मनीष शाह हिंदी में लोकप्रिय क्षेत्रीय फिल्मों को डब करने के लिए जाने जाते हैं। डबिंग इंडस्ट्री को नए मुकाम पर ले जाने वाले शाह के खाते में अल्लु अर्जुन की ब्लॉकबस्टर फिल्म पुष्पा भी शामिल है। शाह से आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने डबिंग फिल्म इंडस्ट्री के दायरे, भविष्य और कारोबार के मुद्दों पर बातचीत की। उनके मुताबिक, फिलहाल दो हजार करोड़ रुपये के कारोबार वाली डबिंग इंडस्ट्री आने वाले समय में दस हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। मुख्य अंश:

 

कब और कैसे आपको ख्याल आया कि दक्षिण भारतीय फिल्मों को हिंदी में डब करना चाहिए?

मैंने इसकी शुरुआत 2006 के आसपास की थी। उस समय हिंदी में घातक, गदर और घायल जैसी एक्शन फिल्में बन चुकी थीं और एक्शन फिल्मों का ट्रेंड लगातार बढ़ रहा था। दक्षिण में भी ढेर सारी अच्छी एक्शन फिल्में बन रही थीं, जिनकी हिंदीभाषी क्षेत्रों में पहुंच न के बराबर थी। उस वक्त मैंने एक फिल्म मेरी जंग-वन मैन आर्मी को 7 लाख रुपये में खरीदा और उसे डब कर सोनी को 12 लाख रुपये में बेचा था। बाद में, बॉलीवुड में ‘क्लास और मल्टीप्लेक्स’ फिल्में ज्यादा बनने लगीं। हालांकि, दक्षिण की एक्शन फिल्मों को लोग वैसे ही पसंद करते रहे और उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई। पुष्पा ने हिंदी में 100 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है और दक्षिण की जितनी भी टॉप फिल्में हैं, वो  लगभग 20-30 करोड़ रुपये की कमाई डबिंग से कर लेती हैं।

आप डबिंग उद्योग के भविष्य को किस तरह से देखते हैं?

मैं उम्मीद कर रहा हूं कि डबिंग इंडस्ट्री आने वाले कुछ साल में देश भर की इंडस्ट्री बनने जा रही है, क्योंकि लोगों ने अब दक्षिण के कलाकरों को स्वीकार कर लिया है। अल्लु अर्जुन, प्रभाष अब सिर्फ दक्षिण के नहीं, बल्कि पूरे भारत के स्टार हैं। हम देखेंगे कि आने वाले दो-तीन साल में दक्षिण के कई स्टार हिंदी पट्टी में सफल होंगे और अगर ऐसा होता है तो डबिंग इंडस्ट्री का बिजनेस भी तेजी से बढ़ेगा। आज यह इंडस्ट्री हिंदी भाषा में ही करीब 2000 करोड़ रुपये की है और आने वाले समय में यह 10,000 करोड़ रुपये तक भी जा सकती है।

जिस समय बॉलीवुड की फिल्में हिट नहीं हो पा रही हैं, पुष्पा सुपर हिट हो गई, क्या आपको और अल्लु अर्जुन को इतनी सफलता का अंदाजा था और इसके हिट होने की वजह आपको क्या लगती है?

हिट होगी इसका तो हमें अनुमान था, लेकिन इस तरह से हिट होगी, यह हमने नहीं सोचा था। शायद इसका सबसे बड़ा कारण है कि यह हार्डकोर एक्शन फिल्म है। दूसरे, महामारी की वजह से 31 दिसंबर तक कोई और फिल्म रिलीज नहीं होने वाली थी। तीसरे, इसके गाने और डायलॉग काफी वायरल हो गए थे।

जब आप किसी फिल्म का चयन करते हैं, तो उसे डब करने का पूरा प्रोसेस क्या होता है?

मैं डबिंग फिल्म इंडस्ट्री में पिछले कई सालों से हूं। जब भी मुझे फिल्में मिलती हैं, मैं सबसे पहले उसे देखता हूं, फिर उसके बारे में अपने राइटर से चर्चा करता हूं और जब राइटर स्क्रिप्ट लिख कर देता है, तब उसमें से कुछ बदलाव बताता हूं। जाहिर है, मैं एक्शन स्क्रिप्ट उसको लिखने को देता हूं जो एक्शन फिल्म को अच्छा लिखता है, जो कॉमेडी अच्छा लिखता है, उसे कॉमेडी लिखने को देता हूं। जब फिल्म तैयार हो जाती है तो उसे फिर से देखता हूं और एडिट करता हूं। मेरी फिल्मों के हिट होने का 90 प्रतिशत यही कारण है। फिल्में भले तमिल और तेलुगु में फ्लॉप हो जाएं, लेकिन हिंदी में हिट हो जाती हैं।

हिंदी फिल्मों और तमिल, तेलुगु फिल्मों में आप क्या अंतर देखते हैं और क्यों दक्षिण की फिल्में उत्तर में हिट हो रही हैं?

हिंदी में अनेक ऐसी फिल्में हैं जिन्हें परिवार के साथ बैठकर नहीं देखा जा सकता है। उनमें कई सारे ऐसे दृश्य रहते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं। आप उदाहरण के तौर पर शुभ मंगल सावधान और बधाई हो जैसी फिल्मों को ले सकते है। इस तरह की फिल्मों को लोग अपने परिवार के साथ बैठकर देखने में असहज महसूस करते हैं। दक्षिण, खास तौर से तेलुगु फिल्मों में इमोशन ज्यादा होता है, कॉमेडी और एक्शन भी भरपूर रहता है, जिससे वे कामयाब होती हैं।

क्या यह कहना सही होगा कि सिनेमा में उत्तर-दक्षिण का फर्क मिट रहा है? क्या आप अपनी अगली फिल्म अला वैकुंठपुरुमुल के भी पुष्पा की तरह हिट होने की उम्मीद करते हैं?

बिल्कुल। दक्षिण की फिल्में हिंदी में कमाई कर रही हैं और लोग पसंद भी कर रहे हैं। हालांकि, हिंदी फिल्मों को अब भी दक्षिण में अपनी पहचान कायम करनी है। अगली फिल्म के अच्छी करने की उम्मीद है। फिल्म का प्रीमियम हम अपने चैनल 'ढिंचक' पर 6 फरवरी को करेंगे।

आने वाले समय में आपके टारगेट क्या-क्या हैं?

हमारे सैटेलाइट चैनल ढिंचक को सोनी मैक्स और स्टार गोल्ड के बाद लोग सबसे ज्यादा देखते हैं। आने वाले समय में मेरा टारगेट इसे नंबर एक चैनल बनाना है। 

 

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