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भर्ती घोटाले में धंसी सरकार

प्रश्नपत्र लीक और सरकारी भर्तियों में भारी घपलेबाजी से खट्टर सरकार हलकान, डेढ़ साल बाद होने वाले चुनाव में पड़ सकता है भारी
पंचकूला स्थित चयन आयोग का कार्यालय

भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा करने वाली हरियाणा की मनोहरलाल खट्टर सरकार की साख सरकारी नौकरियों की भर्तियों में हुई धांधलियों ने तार-तार कर दी है। प्रश्नपत्र लीक होते रहे, सरकार लीपापोती करती रही। साढ़े तीन साल की भाजपा सरकार में तीन साल के दौरान एक के बाद एक 19 प्रतियोगी और शैक्षणिक परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप सीधे सरपरस्तों पर सवाल खड़े करते हैं? हजारों मेहनतकश बेकसूर युवाओं को धांधलियों के धुंधलके में भविष्य खो जाने का डर सता रहा है। कोर्ट ने 50 हजार से अधिक भर्तियां रोक दी हैं। परीक्षाओं को बहुत हल्के में लेना खट्टर सरकार को डेढ़ साल बाद चुनावी परीक्षा में भारी पड़ सकता है।

साढ़े तीन साल में 24 हजार नौकरियां देने का दावा करने वाली खट्टर सरकार को विपक्ष यह कहकर घेर रहा है के रैकेट के पकड़े जाने से यह साफ हो गया कि अब तक जितनी नौकरियां मिली हैं, बिना मोटे पैसे के नहीं दी गईं। नौकरियों के लिए मोटी वसूली के आरोप में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के आठ मुलाजिमों की गिरफ्तारी और एसआइटी के गठन से विपक्ष सरकार पर सरपरस्तों को बचाने का आरोप लगा रहा है। आरोप है कि गिरफ्तार किए गए भर्ती घोटाले के कथित किंगपिन पुनीत सैनी की नियुक्ति आयोग के अध्यक्ष भारत भूषण भारती ने आउटसोर्सिंग के जरिए की। हालिया विधानसभा सत्र में पेश की गई ऑडियो सीडी में भारती के बेटे पर पेहवा के नगरपालिका अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए 50 लाख रुपये मांगने के भी आरोप हैं। ऐसे आरोपों से घिरे आयोग के अध्यक्ष को तीन साल और सदस्यों को एक-एक साल के एक्सटेंशन पर भी सवाल उठे। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भारती के ईमानदार होने का दावा किया तो विपक्ष आयोग में नौकरी घोटाले की जांच पर ही सवाल उठा रहा है।

हरियाणा में सरकारी नौकरियों की भर्तियों में घोटाले कोई नई बात नहीं, लेकिन पहली दफा बनी भाजपा सरकार ने भर्तियों में ईमानदारी बरतने का दावा किया था। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला अपने बेटे अजय चौटाला के साथ जेबीटी टीचर्स घोटाले में जेल की सजा काट रहे हैं तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर अपने ओएसडी समेत कई करीबियों के बेटे-बेटियों को एचसीएस पद बांटने के आरोप लगे हैं।

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में नौकरी भर्ती घोटाले की जांच के लिए बनी एसआइटी के एक अधिकारी के मुताबिक, लाखों रुपये लेकर नौकरी दिलवाने वाले गिरोह उन लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं, जो भर्तियों में टॉप पर रहते हैं। जांच टीम के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती इन लोगों का पता लगाकर उन्हें गवाह बनाने की है। ऐसे अभ्यर्थियों से संपर्क साधने के लिए एसआइटी ने आयोग के तीन कंप्यूटर जब्त किए हैं। सूत्रों का कहना है कि पुलिस नौकरियों के भर्ती घोटाले में शामिल गिरोह की पिछले एक साल से कॉल रिकॉर्ड कर रही थी। उस रिकॉर्डिंग का कुछ भाग ऐसा भी है, जिसमें कुछ सरपरस्तों के नाम हैं। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ, उनकी कॉल रिकॉर्डिंग और वाट्सऐप चैटिंग वगैरह से पता चला है कि ये लोग उन युवाओं और लोगों को निशाना बनाते हैं, जिन्होंने लिखित परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक में टॉप किया होता है। ऐसे लोग, जिनकी भर्ती पर कोई आपत्ति नहीं उठ सकती। ऐसे अभ्यर्थियों को अपने जाल में फंसाने के लिए ये लोग परीक्षा परिणाम आने से पहले ही कुछ नंबरों के बारे में बता देते। नंबर पहले कम बताए जाते और शर्त पूरी करने पर उन्हें टॉप कराने का भरोसा दिलाया जाता। सीएम फ्लाइंग स्‍क्वायड और साइबर सेल की टीम ने कॉल रिकॉर्डिंग को 14 दिनों तक मॉनिटर किया। 25 अगस्त 2017 को जब पंचकूला राम रहीम प्रकरण में जल रहा था उस दिन भी चयन आयोग के कार्यालय के अंदर कुछ मुलाजिम परीक्षा परिणामों के हेर-फेर में जुटे थे।

भर्ती घोटाले में आए दिन खुल रही परतों के चलते सरकार ने नई के साथ ही पुरानी भर्ती प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी। इससे 50 हजार से अधिक सरकारी भर्तियां रुक गई हैं। रोक लगाने से डी श्रेणी कर्मियों के 38 हजार और पुलिस कर्मियों के 12,500 पदों की भर्ती संकट में है। इनमें पांच हजार पुरुष और 1147 महिला कांस्टेबल को फिर से विज्ञापित करने की मंजूरी गृह विभाग ने दे दी है।

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “नौकरियां बिकतीं बीच बाजार, मेरिट से नहीं सरोकार, ऐसी रही खट्टर सरकार। आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को बर्खास्त कर नौकरी भर्ती घोटालों की जांच पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा मनोनीत दो पदासीन न्यायाधीशों के आयोग से कराई जाए।” विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने मांग की है कि आयोग को तुरंत भंग कर मामले की जांच सीबीआइ से कराई जाए। चौटाला ने कहा कि पोल खुल गई है कि मनोहरलाल खट्टर की सरकार कितनी भ्रष्टाचार मुक्त है और राज्य में नौकरियां योग्यता व निष्पक्षता के आधार पर दी जाती हैं? दो साल पहले आयोग के नौकरी भर्ती घोटाले को उजागर करने का दावा करने वाले आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने कहा, “मुख्यमंत्री खट्टर ने ऐसे लोगों को आयोग का सदस्य बना दिया, जो आंगनवाड़ी वर्कर तक लगने लायक नहीं थे। झूठा प्रचार किया गया कि इंटरव्यू के अंक कम करके 12.5 फीसदी कर दिए। हकीकत यह थी कि 200 अंक की लिखित परीक्षा पर पहले भी इंटरव्यू 25 अंक का होता था और अब भी 200 अंक का 12.5 फीसदी वही 25 अंक बनते हैं। इन्हीं 25 अंकों की सौदेबाजी आज भी जारी है। 20 लाख युवाओं से फॉर्म भरवाने के नाम पर 200 करोड़ रुपए लूट लिए।” मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में भर्तियों में भ्रष्टाचार के मामले में “हमें शिकायतें मिल रही थीं जिसमें कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच जारी है। जिस किसी का भी नाम जांच में सामने आएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आरोपियों से रिश्वत के रूप में लिए गए पैसे वापस लिए जाएंगे। अगर भ्रष्टाचार के मामलों में ‘मैं’ खुद भी दोषी पाया गया तो कार्रवाई अवश्य होगी।”

मार्च 2015 से अप्रैल 2018 के बीच प्रतियोगी, शैक्षणिक परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने की घटनाएं

-मार्च 2015: हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन 12वीं का अंग्रेजी का पेपर

-मई 2015: आल इंडिया पीएमटी

-अक्टूबर 2015: केंद्रीय विद्यालय प्राइमरी टीचर रेवाड़ी

-नवंबर 2015: एचटीईटी

-दिसंबर 2016: क्लर्क भर्ती

-दिसंबर 2016: एक्साइज इंस्पेक्टर भर्ती

-फरवरी 2017: असिस्‍टेंट प्रोफेसर कॉलेज काडर

-मार्च 2017: हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन 9 वीं कक्षा हिंदी पेपर

-मई 2017: नीट पेपर

-जुलाई 2017: बी फार्मा

-जुलाई 2017: एचसीएस ज्यूडि‌िशयल

-जुलाई 2017: एग्रीकल्चर इंस्पेक्टर

-सितंबर 2017: कंडक्टर भर्ती

-मार्च 2018: हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन 9 वीं की परीक्षा कैंसिल

-मार्च 2018: हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेश बारहवीं की केमिस्ट्री की परीक्षा

-मार्च 2018: हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन 11वीं की परीक्षा का पेपर

-मार्च 2018: पटवारी परीक्षा

-मार्च 2018: सीबीएसई बारहवीं की इकोनॉमिक्स परीक्षा

-अप्रैल 2018: टैक्सेशन इंस्पेक्टर

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