कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों (ग्राफिक देखें) और उस सीट के नतीजे के हिसाब से देखें तो राहुल गांधी का पलड़ा भारी दिखता है। मोदी ने जिन 17 सीटों पर रैली की उनमें से आठ पर भाजपा जीती। राहुल ने जिन 13 सीटों पर रैली की उनमें से 10 कांग्रेस की झोली में गईं। दो सीटें ऐसी रहीं जहां दोनों ने रैली की थीं। ये दोनों सीटें कांग्रेस ने जीतीं। दो सीटें ऐसी भी रहीं जहां कांग्रेस अध्यक्ष ने रैली की, लेकिन सफलता जेडीएस को मिली।
किस इलाके में कौन भारी
मुंबई कर्नाटकः 50 सीट। लिंगायत बहुल। 30 पर भाजपा जीती। कांग्रेस को 17, जेडीएस को दो और अन्य के खाते में एक। 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 13 पर जीत मिली थी। कांग्रेस को 31, जेडीएस को एक और अन्य को पांच पर सफलता मिली थी।
हैदराबाद कर्नाटकः 31 सीट, मुस्लिम, एससी और एसटी मतदाता प्रभावी। कांग्रेस ने 15 जीती, 2013 के चुनाव में 19 मिली थी। भाजपा को 13 पर जीत मिली है, नौ सीटों का फायदा। जेडीएस तीन पर जीती है, एक सीट का नुकसान।
मध्य कर्नाटकः 35 सीट, येदियुरप्पा का गढ़। भाजपा ने 24 जीती है। 2013 विधानसभा चुनाव के मुकाबले 20 ज्यादा। कांग्रेस 11 पर जीती, पिछली बार से आठ कम। 2013 में जेडीएस ने सात सीटें जीती थीं। इस बार खाता भी नहीं खुला।
तटीय कर्नाटकः 21 सीट। भाजपा 18 पर जीती, 13 का फायदा। कांग्रेस को तीन पर जीत मिली है, 10 सीटों का नुकसान।
पुराना मैसूरः 55 सीट, वोक्कालिगा समुदाय का प्रभुत्व। कांग्रेस 17 पर जीती, आठ सीटों का नुकसान। जेडीएस का 28 पर कब्जा। पांच का फायदा। नौ पर भाजपा जीती, सात का फायदा।
ग्रेटर बेंगलूरूः 30 सीट। 2013 की तरह 15 पर कांग्रेस जीती। भाजपा 11 पर जीती, एक सीट का नुकसान। चार पर जेडीएस का कब्जा, एक सीट का फायदा।