वॉलमार्ट के भारत में प्रवेश का आप विरोध करते रहे हैं। अब उसका फ्लिपकार्ट से सौदा हो गया है। आपकी प्रतिक्रिया?
यह गैर-कानूनी और अनैतिक डील है। यह देश के हितों के खिलाफ है। कोई बोर्डरूम में बैठकर डील कर लेता है और सरकार को पता तक नहीं चलता। वाणिज्य मंत्री से हमारी बात हुई, तो उन्हें भी अखबारों से पता चला। लेकिन क्या इसके लिए देश की जनता तैयार है? क्या देश का व्यापारी इसके लिए तैयार है? क्या यह सरकार की नीति के अनुरूप है? हम तो मेक इन इंडिया की बात कर रहे हैं। लेकिन मेक इन इंडिया का क्या होगा, जब वॉलमार्ट सारा माल चीन से लाकर बेचेगा।
आपको क्या लगता है, दोनों कंपनियों के बीच इस डील के पीछे की सही वजह क्या है?
यह बिलकुल सीधा दिख रहा है कि हमारे बाजार पर कब्जा करने की कोशिश है। जब कोई कंपनी एक डील के लिए एक लाख करोड़ रुपये दे सकती है, तो सोचें उनके पास पैसे की कितनी ताकत है। फ्लिपकार्ट इतनी बड़ी कंपनी है और उसके पास कैश ही नहीं है। उसने पूरा कैश बर्न कर लिया। इतनी बड़ी कंपनी बनाते-बनाते सारा पैसा विदेशों से लिया। हम एक राष्ट्र के नाते अपने बाजारों पर उन्हें कब्जा नहीं करने दे सकते हैं।
आपके हिसाब से सरकार को इसमें किस तरह से हस्तक्षेप करना चाहिए?
ये कंपनियां टैक्स नहीं देती हैं, बल्कि टैक्स की चोरी ही करती हैं। इस डील में भी टैक्स चोरी है। डील बाहर कर ली और यहां आकर कहेंगे कि फ्लिपकार्ट तो बिक गया और वॉलमार्ट कहेगा कि मैंने तो बाहर पैसे दिए, यहां मेरा टैक्स बनता ही नहीं है। यह दूसरा वोडाफोन बन गया। इनकम टैक्स विभाग ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों से भी हमें पता चला है कि उन्होंने भी अपने अधिकारियों से इसके बारे में अध्ययन करने को कहा है। हमने प्रधानमंत्री से भी गुहार लगाई है कि इससे तो आपके मेक इन इंडिया का सपना चकनाचूर हो जाएगा।
वॉलमार्ट के आने से भारतीय बाजार खासकर रिटेल क्षेत्र में क्या असर पड़ेगा?
इससे भारत का उत्पादन, मेक इन इंडिया और छोटे रिटेलर भी नष्ट हो जाएंगे। ये कंपनियां किसानों का इतना शोषण करती हैं कि उसे अपनी उपज का सही पैसा नहीं मिलता। हम लोग लगे हैं कि किसान को उसकी उपज का सही मूल्य मिले,लेकिन किसी बाहरी कंपनी को बुलाकर उससे सही मूल्य दिलाएं ऐसा कभी हो सकता है क्या?
वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट के बीच डील हो जाती है तो आपका अगला कदम क्या होगा?
डील तो अभी दो पार्टियों के बीच हुई है और सरकार को पता ही नहीं है। उन्होंने सरकार को तो सूचना ही नहीं दी है। हमने वाणिज्य मंत्री से निवेदन किया था कि आप उनसे न मिलें। हमें पता चला है कि वे नहीं मिलेंगे। प्रधानमंत्री भी शायद नहीं मिल रहे हैं। वॉलमार्ट यहां से खाली हाथ जाएगी।