श्रेया मिश्रा ने सितंबर 2015 में प्रणय सुराना और तुषार सक्सेना के साथ मुंबई के अपने घर से प्लाइरोब की शुरुआत की। तीनों आइआइटी में साथ-साथ पढ़े थे। श्रेया के अनुसार खरीदारी के बदलते ट्रेंड को देख फ्लाइरोब का आइडिया सूझा। करीब 30 लाख रुपये के साथ इसकी शुरुआत हुई ।
ग्राहक को लुभाने के लिए एंजल यूजर कैंपेन चलाया, जिसमें अलग-अलग बैकग्राउंड की 10 महिलाओं का फ्लाइरोब के आउटफिट में फोटोशूट कराया गया था। इस कैंपेन के पहले हफ्ते में ही उन्हें 35 कस्टमर मिले। शुरुआत अच्छी हुई तो निवेशक भी मिल गए। वेंचर कैपिटलिस्ट फर्म सिकोया कैपिटल ने 10 करोड़ रुपये का निवेश किया और अक्टूबर 2015 में फ्लाइरोब आधिकारिक तौर पर लॉन्च हुआ।
शुरुआत में कंपनी में छह लोग काम करते थे। आज इनकी संख्या बढ़कर 50 हो चुकी है। श्रेया ने बताया कि वे अपने ग्राहकों को पांच हजार रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक की कीमत वाले कपड़े किराए पर देती हैं। ग्राहक को चार दिन के हिसाब से किराए पर कपड़े मिलते हैं। इसके लिए उन्हें 800 रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक किराया देना पड़ता है। साथ ही कंपनी आसान तरीके से कपड़ों को मुहैया कराने और उन्हें वापस लेने की सुविधा भी देती है। इसके एवज में कोई अतिरिक्त शुल्क कंपनी नहीं लेती है।
कंपनी के पास इस समय करीब 300 डिजाइनरों के 15,000 से ज्यादा ड्रेस हैं। बढ़ती डिमांड को देखते हुए कंपनी अभी तक 25 शहरों में ऑनलाइन और सात शहरों में ऑफलाइन स्टोर खोल चुकी है। आने वाले एक साल में ऑनलाइन स्टोर की पहुंच 100 शहरों और ऑफलाइन स्टोर की पहुंच 25-30 शहरों में करने की योजना है। साथ ही कंपनी अपने कलेक्शन में तीन सौ नए डिजाइनरों के ड्रेस को शामिल करने की योजना पर भी काम कर रही है। फ्लाइरोब के ग्राहकों की सूची में आम आदमी से लेकर बॉलीवुड सेलेब्रेटी तक शामिल हैं। कंगना रनौत, मिलिंद सोमण, तान्या शर्मा जैसे सितारे इस कंपनी के कपड़ाें का इस्तेमाल कर चुके हैं।