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सौर ऊर्जा का तकनीक मास्टर

कठिन परिश्रम को अपनी सफलता का राज मानने वाले अनमोल जग्गी रोज 18 घंटे काम करते हैं
जेनसोल के डायरेक्टर अनमोल सिंह जग्गी

नई पीढ़ी के उद्यमियों में अनमोल सिंह जग्गी महज 32 साल की उम्र में ही एक जाना-पहचाना नाम बन चुके हैं। 21 साल की उम्र में नए सफर की शुरुआत कर आज लगभग 90 करोड़ रुपये का कारोबार संभाल रहे हैं, जिसे उन्होंने खुद अपने बूते खड़ा किया और आज उनकी कंपनी देश की सबसे बड़ी सोलर इंजीनियरिंग फर्म है। उनके बिजनेस प्रोफाइल में सोलर इंजीनियरिंग फर्म के अलावा ऑपरेशन ऐंड मेंटिनेंस और आइटी ऐंड डेटा एनालिटिक्स भी जुड़ा है। रही बात स्पर्धा की तो अनमोल बताते हैं कि हमने अपनी कंपनी की फिलॉसफी बनाई थी कि हम 25-30 अच्छी कंपनियों के साथ काम करेंगे। हम इतनी अच्छी सेवा दें कि वहां तक प्रतिस्पर्धा न पहुंचे। यही वजह है कि उनकी सोलर इंजीनियरिंग फर्म का मार्केट शेयर 50 फीसदी तक पहुंच चुका है।

अनमोल जग्गी बताते हैं कि रिन्यूएबल एनर्जी में कुछ नया करने का ख्याल उस वक्त आया, जब मैं उत्तराखंड में पढ़ाई करता था। वहां हाइड्रो एनर्जी बहुत थी, तो उसे देखकर लगा कि रिन्यूएबल एनर्जी में भविष्य है। सुबह कॉलेज में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते और शाम को खुद रिन्यूएबल एनर्जी पढ़ते। जहां तक पूंजी की बात है, तो पिता जी आर्मी अफसर हैं और एक आर्मी अफसर की आय सीमित होती है। तो उन्होंने एक लैपटॉप और प्रिंटर गिफ्ट किया था। उससे काम शुरू किया और जो भी मुनाफा आया, उसे फिर निवेश किया। आज 11 साल में उनकी कंपनी का टर्नओवर 90 करोड़ रुपये का हो चुका है और उनका लक्ष्य है कि इस साल यह 125 करोड़ रुपये से अधिक का हो जाएगा। हालांकि, इस सफर में कई अहम पड़ाव भी आए। उन्हें कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

2009-10 जब लीमैन ब्रदर्स का संकट आया था। तब जब बिजनेस कम हो गया तो कॉस्ट कटिंग भी करनी पड़ी। कठिन परिश्रम को अपनी सफलता का राज मानने वाले अनमोल जग्गी रोज लगभग 18 घंटे काम करते हैं। प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बीच तालमेल के सवाल पर अनमोल जग्गी बताते हैं कि इत्तेफाक से मेरी वाइफ जो हैं, वह 10वीं क्लास की मेरी गर्लफ्रेंड हैं। फिल्मों और स्टॉक मार्केट में दिलचस्पी रखने वाले अनमोल ने पिछले दिनों केन्या, ओमान और मिस्र में अपना ऑफिस भी खोला है। 

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