मनन शाह का कभी भी पारंपरिक पढ़ाई में मन नहीं लगा। इसीलिए उन्हें हमेशा पीछे की सीट पर ही बैठना पसंद था। माता-पिता को जब कोई रास्ता नहीं सुझा तो कंप्यूटर खरीद दिया। कंप्यूटर ने मनन की जिंदगी को नया मोड़ दिया और 15 साल की उम्र में ही वे हार्डवेयर विशेषज्ञ बन गए।
2009 में कम्प्यूटर हैकिंग पर आयोजित एक वर्कशॉप ने मनन की दिशा ही बदल दी। उसने एथिकल हैकिंग को कॅरिअर बनाने का फैसला किया। गुजरात की एक रियल एस्टेट फर्म से दो करोड़ रुपये का फंड मिलने के बाद 2015 में मनन ने अवालांस ग्लोबल सॉल्यूशंस की स्थापना की।
आज यह कंपनी भारत के प्रमुख सार्वजनिक और निजी सेक्टर के बैंकों को सेवाएं दे रही है। वह प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्रालय, सीबीआइ, सरकारी और प्राइवेट बैंक, गुजरात और राजस्थान पुलिस, गुजरात भाजपा के आइटी सेल, रिलायंस, ओएनजीसी, सेल, नोवार्टिस सहित अमेरिकी कंपनियों को भी सेवाएं दे चुके हैं। बडोदरा, मुंबई के अलावा अमेरिका के न्यूजर्सी में भी मनन का ऑफिस है। बहुत जल्द ही दुबई में भी ऑफिस खोलने की तैयारी है। कंपनी में इस समय 50 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
मनन ने बताया कि अभी मैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एक टूल पर काम कर रहा हूं जिससे किसी भी सिस्टम में कोई वायरस नहीं आ पाएगा और ऑटोमैटिक तरीके से इससे 360 डिग्री मॉनिटर होगा। साथ ही, इसका एक डेटाबेस रहेगा जिसमें हर आइपी एड्रेस को लॉग इन किया जा सकेगा।
गिनीज बुक में भी मिली जगह
19 साल की उम्र में ही मनन का नाम लिम्का बुक और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। वह साइबर सिक्योरिटी और एथिकल हैकिंग पर चार किताबें भी लिख चुके हैं। उनके नाम माइक्रोसॉफ्ट मोस्ट वैल्यूएबल प्रोफोशनल का टाइटल भी है। मनन ने बताया कि हाल ही में रैनसमवायर पर भी सिक्योरिटी सॉल्यूशन प्रोवाइड किया जिससे उनकी रैंक को सपोर्ट मिला।