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कितने पड़ावों से गुजरा सफर

ओजस्वी वक्ता से सर्वमान्य राजनेता तक का सफर पूरा कर अनंत यात्रा पर निकले वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी (1925-2018)

कौरव कौन, कौन पांडव

टेढ़ा सवाल है

दोनों ओर शकुनि का फैला कूटजाल है।

धर्मराज ने छोड़ी नहीं जुए की लत है

हर पंचायत में पांचाली अपमानित है।

बिना कृष्‍ण के आज महाभारत होना है

कोई राजा बने, रंक को तो रोना है।

-वाजपेयी की एक कविता

नई दिल्‍ली में 28 जून 1978 को जयप्रकाश नारायण और जॉर्ज फर्नांडीस के साथ वाजपेयी 

1978 में नई दिल्ली दौरे पर आए तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर की प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ अगवानी करते अटल

अपने राजनैतिक सखा आडवाणी के साथ वाजपेयी 

“बड़ी मुद्दत के बाद मिले हैं दीवाने...कहने-सुनने को बहुत हैं अफसाने। खुली हवा में जरा सांस तो ले लें, कब तक रहेगी आजादी कौन जाने।” 

-1977 में रामलीला मैदान की रैली में

परमाणु परीक्षण के बाद पोकरण में वैज्ञानिकों के साथ अटल 

दिल्‍ली से बस लेकर लाहौर पहुंचे वाजपेयी पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ 

मोदी के साथ वाजपेयी

पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, अटल बिहारी वाजपेयी, पी.वी. नरसिंह राव, चंद्रशेखर और इंद्र कुमार गुजराल

आउटलुक के संस्‍थापक संपादक विनोद मेहता के साथ वाजपेयी

अटल जी की अंत्येष्टि में शामिल गणमान्य हस्तियां