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तीन श्रेणी में आइटीआर जरूरी

इनकम टैक्स रिटर्न समय से फाइल नहीं करने पर 5000-10,000 रुपये तक पेनॉल्टी देनी पड़ेगी
जीएसटी और पेनॉल्टी के प्रावधान लागू होने के बाद से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन आ गई है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आप अगर इसके दायरे में आते हैं, तो तुरंत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें, बिना पेनॉल्टी के रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 अगस्त 2018 है। इसके बाद अगर कोई रिटर्न फाइल करता है तो उसे 5000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक पेनॉल्टी देनी होगी। इनकम टैक्स रिटर्न तीन श्रेणी के लोगों के लिए हर हाल में फाइल करना जरूरी है।

किसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए सबसे अहम शर्त व्यक्ति की आय होती है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति जिसकी एक साल में आय 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है, उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। इसके अलावा दो और शर्तें हैं जिनके दायरे में आने पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना आवश्यक हो जाता है।

2.5 लाख रुपये से ज्यादा है आय

अगर किसी व्यक्ति की एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा आय है तो उसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है। आय के तहत व्यक्ति का वेतन, प्रॉपर्टी से होने वाली आय, बैंक जमा पर मिलने वाले ब्याज, कैपिटल गेन सहित दूसरे स्रोत से कोई भी आय उसमें शामिल होती है। हालांकि, वास्तविक कर योग्य आमदनी आयकर की धारा-80 के तहत मिलने वाली छूट के आधार पर तय होती है। यानी होम लोन, पीपीएफ से लेकर दूसरी छूट का लाभ लेने के बाद अगर किसी व्यक्ति की वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा आय है तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी होगा।

विदेश में संपत्ति

अगर आपकी विदेश में कोई संपत्ति है, कोई बैंक अकाउंट या फिर कोई दूसरा वित्तीय लेन-देन है तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। इस स्थिति में आपकी वित्त वर्ष में आय 2.5 लाख रुपये से कम है तब भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना पड़ेगा। अगर कोई देश में रहता है और विदेश में वित्तीय लेन-देन से लेकर संपत्ति रखता है तो उसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है।

लेना है टैक्स रिफंड

कई बार ऐसा होता है कि आपकी आय से ज्यादा टीडीएस कट जाता है। ऐसी स्थिति में आप ज्यादा दिए गए टैक्स को रिफंड करा सकते हैं। टैक्स रिफंड पाने के लिए आपको आयकर रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है। इसके लिए 2.5 लाख रुपये से ज्यादा की आयकर सीमा होना जरूरी नहीं है। यानी अगर आपकी आय 2.5 लाख रुपये से कम है और आपने ज्यादा टैक्स दिया है, तो आप आयकर रिटर्न फाइल करके ही टैक्स रिफंड ले सकते हैं। हालांकि, अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको किसी तरह की पेनॉल्टी नहीं देनी होगी, क्योंकि आपकी आय 2.5 लाख रुपये से कम है।

किनके लिए ई-फाइलिंग जरूरी

आयकर विभाग ने वित्त वर्ष में पांच लाख रुपये से ज्यादा आय वालों के लिए ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी कर दिया है। इसी तरह अगर कोई व्यक्ति टैक्स रिफंड लेना चाहता है तो उसके लिए भी ऑनलाइन रिटर्न फाइल करना जरूरी है। इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति की उम्र 80 साल से ज्यादा है और उसे टैक्स रिफंड नहीं लेना है तो वह ऑफलाइन रिटर्न भी फाइल कर सकता है।

नहीं फाइल करने पर देनी पड़ेगी पेनॉल्टी

सरकार ने आयकर कानून में बदलाव कर पेनॉल्टी का प्रावधान जोड़ दिया है। इसके लिए कानून में धारा 234 एफ शामिल की गई है, जिसके अनुसार अगर कोई व्यक्ति तय तिथि तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करेगा, तो उसे 5 से 10 हजार रुपये तक पेनॉल्टी देनी होगी। मौजूदा वित्त वर्ष में 31 अगस्त 2018 तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि है। अगर कोई व्यक्ति 31 अगस्त 2018 तक रिटर्न फाइल नहीं करता है तो उसे उसके बाद 31 दिसंबर 2018 के बीच रिटर्न फाइल करने पर 5000 रुपये की पेनॉल्टी देनी होगी। जबकि 31 दिसंबर के बाद रिटर्न फाइल करने पर 10 हजार रुपये पेनॉल्टी देनी होगी। वैसे, जिनकी आय पांच लाख रुपये या उससे कम है उन्हें 1000 रुपये से ज्यादा पेनॉल्टी नहीं देनी होगी।

डेडलाइन की अनदेखी न करें

आयकर कानून में नई धारा 234 एफ जोड़ने से अब यह जरूरी हो गया है कि आयकर दाता इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में डेडलाइन की अनदेखी न करें। नए कानून के पहले पेनॉल्टी का प्रावधान था लेकिन कितनी पेनॉल्टी ली जाए, यह काफी हद तक इनकम टैक्स अफसर के विवेक पर निर्भर था। अब ऐसा नहीं है। ऐसे में पेनॉल्टी से बचने के लिए जरूरी है कि डेडलाइन से पहले इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर लें, ताकि 1000 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक की पेनॉल्टी देने से बचा जा सके।

(लेखक क्लीयरटैक्स के फाउंडर और सीईओ हैं) 

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