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जुबां सिले क्यों हैं...

#मीटू कैंपेन ने बॉलीवुड में सनसनी फैला दी है, लेकिन बड़े सितारों के मुंह खोलने की कंजूसी के क्या मायने
बड़े सितारों के मौन से उठे सवाल

पूर्व मिस इंडिया और बॉलीवुड एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता द्वारा कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने वाले का नाम बताने और उसके बाद ऐसे कई मामले सामने आने के बाद #मीटू अभियान ने पिछले कुछ दिनों से फिल्म और मनोरंजन जगत को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन बॉलीवुड के ज्यादातर बड़े सितारों ने इस पर अभी तक खामोशी का रुख ही अपनाया है। कई बड़े अभिनेता इस पर बोलने से बच रहे हैं कि उनकी बिरादरी का कोई शख्स कभी अपनी महिला सहयोगी का उत्पीड़न करने का आरोपी हो सकता है। वे भले ही दूसरे सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहते हों, लेकिन जब भी फिल्म इंडस्ट्री में शोषण के बारे में पूछा जाता है, तो वे खामोशी अख्तियार कर लेते हैं या मामले से अनभिज्ञ होने की बात करते हैं या फिर टालमटोल वाला जवाब देते हैं।

ऐसा नहीं है कि उन्होंने अपनी बात रखने के लिए कोई शपथ ले रखी हो। लेकिन उनके उदासीन रुख ने #मीटू आंदोलनकर्मियों के बीच व्याकुलता की भावना भर दी है, जो ग्लैमर की दुनिया में कई गलतियों को सही तरीके से स्थापित करना चाहते हैं। पिछले कुछ दिनों में कई महिलाओं ने जानी-मानी फिल्म शख्सियतों जैसे अभिनेता नाना पाटेकर, आलोकनाथ और निर्देशक विकास बहल, सुभाष घई और साजिद खान का नाम लिया है। इन पर उन्होंने उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। इंडस्ट्री के दिग्गज सितारों से इस आंदोलन को समर्थन देने की उम्मीद करने वाली लेखक-स्तंभकार शोभा डे उन लोगों में हैं, जिन्होंने उन्हें अपनी बात रखने के लिए प्रोत्साहित किया था। शोभा डे ने अगले दिन ट्वीट किया, “बॉलीवुड के शीर्ष सितारे अभी भी मौन व्रत पर हैं... अगर आप सही शब्द नहीं चुन पा रहे हैं, तो अपने पसंदीदा संवाद लेखकों की मदद लीजिए। लेकिन बोलिए। या यह कोई और करेगा।” उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए हमेशा अपनी आवाज बुलंद करने वाली जया बच्चन और शबाना आजमी से इस मुद्दे पर बोलने के लिए कहा।

फिर भी, इस तड़क-भड़क वाले शहर से दिग्गज नामों का सही मौकों पर आवाज उठाना अभी भी बाकी है। हालांकि, इस इंडस्ट्री में काम करने वाली हजारों महिलाओं के लिए महफूज जगह बनाने की मांग बढ़ रही है। यहां तक कि सम्माननीय अमिताभ बच्चन ने हाल में इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उनकी आने वाली फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान के ट्रेलर लॉन्च के मौके पर जब उनसे नाना पाटेकर के खिलाफ तनुश्री के यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ स्पष्ट कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “न तो मेरा नाम तनुश्री है, न ही नाना पाटेकर। कैसे उत्तर दूं आपको इस सवाल का?”

बच्चन की टिप्पणियों का सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर काफी विरोध हुआ। लेकिन सिर्फ बिग बी ही अकेले नहीं हैं, जिन्होंने चुप्पी साध रखी है। सलमान खान और शाहरुख खान समेत कई बड़े सितारों ने भी कुछ नहीं कहा है। लेकिन बाद में आमिर खान अपनी पत्नी किरण राव के साथ एक बयान लेकर आए, जिसमें कहा गया है कि फिल्म इंडस्ट्री को सुरक्षित जगह बनाने के लिए वे कुछ भी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आमिर ने गुलशन कुमार की जीवनी पर बनने वाली अपनी अगली फिल्म मुगल छोड़ने का भी फैसला किया है। उन्होंने इसका कारण बताया कि इस फिल्म से जुड़े एक व्यक्ति पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया है। अक्षय कुमार ने भी अपनी आगामी फिल्म, हॉउसफुल 4 की शूटिंग कैंसिल कर दी, क्योंकि फिल्म के निर्देशक साजिद खान और सह-कलाकार नाना पाटेकर पर कुछ महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। 

वहीं, हाल में एक कार्यक्रम में सलमान ने कहा कि उन्हें इस विवाद के बारे में कुछ पता नहीं है। तनुश्री-पाटेकर विवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया, “मुझे इस बारे में पता नहीं है।” लेकिन कई ए-लिस्ट सितारों ने भी अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बड़े सितारों में रितिक रोशन ने हालांकि इस मामले में तुरंत प्रतिक्रिया दी थी। जब उनकी आगामी रिलीज होने वाली फिल्म सुपर 30 के निदेशक विकास बहल का नाम सामने आया, तो क्रिश स्टार ने ट्वीट किया: “अगर कोई दुर्व्यवहार का दोषी है, तो मेरे लिए उसके साथ काम करना असंभव है...मैंने सुपर 30 के निर्माताओं से अनुरोध किया है कि मामले में तथ्यों का पता करें और जरूरत पड़ने पर सख्त कदम उठाएं।”

रोशन के अनुसार, इस तरह के मुद्दों को दबाना नहीं चाहिए। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, “सभी दोषी साबित अपराधियों को दंडित किया जाना चाहिए और सभी शोषित लोगों को सशक्त होना चाहिए और उन्हें बोलने की ताकत दी जानी चाहिए।” रोशन खुद कंगना रनौत से दुर्व्यवहार के आरोपों से जूझ रहे हैं। बहल का नाम सामने आने के बाद फैंटम फिल्मस के निर्देशक अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवानी, बहल और निर्माता मधु मंटेना ने अपनी कंपनी खत्म करने की घोषणा की। 2015 में हुई घटना के बाद अनुराग कश्यप पर सोशल मीडिया में इस मामले में चुप रहने का आरोप लगाया गया था। फरहान अख्तर जैसे सितारों ने तनुश्री को अपना समर्थन दिया है। वहीं, युवा पीढ़ी के ज्यादातर कलाकार जैसे रणवीर सिंह, आयुष्‍मान खुराना, अर्जुन कपूर और वरुण धवन जो इंडस्ट्री में सुरक्षित माहौल की वकालत करते रहते हैं, ने अधिक मुखर रुख अपनाया।

इसके बावजूद अगर कुछ बड़े सितारे अब भी चुप्पी बनाए रखना चाहते हैं, तो इसमें वाकई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। यह इंडस्ट्री न केवल पितृसत्तात्मक रही है, बल्कि वर्षों से इसे दुराचारियों के पनाहगाह के तौर लेबल किया जाता रहा है। अतीत में कई फिल्मी शख्सियतों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है, लेकिन उनमें से किसी को भी काम मिलना बंद नहीं हुआ, न ही सार्वजनिक रूप से उनकी निंदा की गई। कुछ साल पहले, जब अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने एक शीर्ष फिल्म निर्माता-निर्देशक पर उत्पीड़न करने का इशारा किया, तो किसी ने भी आरोपों को गंभीरता से नहीं लिया और आरोपी बड़े अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के साथ फिल्में बनाता रहा। ब्लैक ऐंड ह्वाइट दौर से ही इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच होते रहे हैं और महत्वाकांक्षी अभिनेत्रियां इसका शिकार बनती रही हैं। फिर भी, इसे हमेशा एक गैरजरूरी मुद्दा माना जाता था, जिसे इंडस्ड्री की संस्था अपने सदस्यों के हितों की रक्षा के लिए इसे चर्चा के योग्य नहीं मानती थी। यह अच्छी तरह पता है कि तनुश्री ने जब 2008 में पाटेकर के खिलाफ पहली बार शिकायत की तो कैसे सिने ऐंड टेलीविजन आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (सिंटा) ने आरोपों को खारिज कर दिया था।

ऐसे वक्त में जब कथित पीड़ितों के लिए समर्थन बढ़ रहा है, तो इन संगठनों पर गंभीरता दिखाने का दबाव भी बढ़ने लगा है। यही कारण है कि दस साल पहले तनुश्री की शिकायतों को नहीं सुनने के बाद अब सिंटा आलोकनाथ को स्वतः संज्ञान का नोटिस भेजने पर विचार कर रहा है। पटकथा लेखिका विंता नंदा ने आरोप लगाया है कि 1990 के दशक में आलोकनाथ ने उनके साथ दुष्कर्म किया था। अगर अतीत में इंडस्ट्री के संगठन ने कदम उठाया होता, तो इससे न सिर्फ महिलाओं में आत्मविश्वास की भावना पैदा होती, बल्कि इससे छिपे शिकारियों से बचने में मदद मिलती। अब #मीटू आंदोलन ने फिल्म उद्योग को अपने दिग्गज नामों के समर्थन या बिना उनके समर्थन के अपने दामन को साफ करने का मौका दिया है। इसे किसी भी कीमत पर नहीं गंवाना चाहिए।

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